आत्मनिर्भर भारत पर निबंध
Contents
- 1 आत्मनिर्भर भारत पर निबंध
- 1.1 आत्मनिर्भर बनने का Prime MINISTER मोदी जी द्वारा आह्वान
- 1.2 आत्मनिर्भरता का महत्व
- 1.3 अतः धन के महत्त्व का ,आत्मनिर्भरता की जरूरत का और मानव कल्याण के लिए आपस में सहयोग की भावना का होना, सदा नेक और प्रशंसनीय कार्य अथवा रास्ता है |इस पर सदा अग्रिम बने रहना चाहिए |
- 1.4 इसलिए हमे आज से ही यह संकल्प कर लेना चाहिए| कि हम स्वदेशी product का अधिकतम उपयोग करेंगे |तथा आत्मनिर्भर बनेंगे||
- 1.5 secret of success सफलता का रहस्य क्या है ?
अक्सर हमे यह सुनने को मिलता है| ‘पैसा सब कुछ नहीं होता है’| हाँ हम भी इस बात से कुछ सीमा तक तो सहमत है| लेकिन यह भी सत्य है कि ”पैसा बहुत महत्वपूर्ण होता है”| इससे बहुत सी जरूरत पूरी होती है| मानव जीवन में आवश्यकता पूरी करने के लिए धन का अपना एक अलग प्रभाव होता है| व्यक्ति अथवा देश को आत्मनिर्भर बनाने में भी यह बहुत बड़ी भूमिका निभाता है|
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आज सभी लोग का या विश्व के सभी देश आत्मनिर्भर बनना चाहते है| उस लक्ष्य में भी धन का बहुत बड़ा महत्व है| अर्थात आत्मनिर्भर बनने के लिए भी कुछ सीमा तक धन का अपना महत्व होता है| इससे (moneyसे) आवश्यकता की पूर्ति होती है|आज ”न केवल खाने-पीने में आत्मनिर्भरता जरुरी है| बल्कि technology में भी आत्मनिर्भरता जरूरी है”| आज आत्मनिर्भरता हमारे लिए परम आवश्यकता बन गई है| विदित रहे स्वदेशी product अपनाकर हम अपने देश को आर्थिक मजबूत बना सकते है |जो हमें आत्मनिर्भर बनाने में मील का पत्थर साबित हो सकता है |
आत्मनिर्भर बनने का Prime MINISTER मोदी जी द्वारा आह्वान
जैसा कि हमारे prime minister माननीय श्री नरेन्द्र मोदी जी ने ”पंचायती राज दिवस” के शुभ अवसर पर कहाँ ”मेरे प्यारे देश वासियों आप आत्मनिर्भर बनो| उन्होंने कहा ग्राम पंचायत अपने स्तर पर आत्मनिर्भर बने, ज़िला अपने स्तर पर आत्मनिर्भर बने| इसी प्रकार पूरा हिंदुस्तान आत्मनिर्भर बने| भारत ने आत्मनिर्भरता का यह विचार सदियों से रहा है| लेकिन आज बदली हुई परिस्थितियों ने हमे फिर से (‘आत्मनिर्भर’ बनने के लिए) याद दिलाया है| अर्थात आप आत्मनिर्भर बने|”
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उन्होंने कहा ”यद्यपि इस कोरोना महामारी संकट ने हमें अकल्पनीय और नई -नई मुसीबतें दी है|लेकिन हमें सबसे बड़ी यह शिक्षा भी दी है| कि हमें आत्मनिर्भर बनना ही पड़ेगा| नहीं तो ऐसी नई-नई मुसीबतें अथवा संकटों को झेल पाना भी मुश्किल होगा”| इसलिए आत्मनिर्भर बने| उन्होंने लोकतंत्र की मजबूती तथा हर व्यक्ति के विकास तथा technology की knowledge की आवश्यकता और इन सब में आत्मनिर्भरता पर प्रकाश डाला |
आत्मनिर्भरता का महत्व
चाहे व्यक्ति हो या देश जितना आत्मनिर्भर होगा ,उनका उतना ही confidence मजबूत होगा| ‘न केवल confidence अपितु हर विषय में मजबूत होगा| आज पूरे मानव समाज या विश्व को आत्मनिर्भर होने की जरुरत के महत्त्व का आभाष हुआ है| वह चाहे ‘अन्न क्षेत्र’या medical .आत्मनिर्भरता का सभी विषयों में अपना अलग -अलग महत्त्व है | और आज आवश्यकता भी है |
‘जिस प्रकार एक पेड़ जब तक दूसरे किसी सहारे के भरोसे रहता है | तब तक न स्वयं की पूर्ण वृद्धि कर पाता है ,और न किसी को गहरी छायाँ प्रदान कर पाता है | उसी प्रकार कोई व्यक्ति हो या देश जब तक स्वयं आत्मनिर्भर नही होगा ,तब तक दूसरे का पूर्ण रूप से सहयोग नही कर पाता | विषय चाहे अन्न का हो या medical helpका | अतः आत्मनिर्भर बनो |आत्मनिर्भर बनने से न केवल स्वयं का विकास करोगे, अपितु दूसरे का सहयोग करने में भी समर्थ बनोगे |और ऐसी ही नेक भावना होनी भी चाहिए |अर्थात आत्मनिर्भर बनकर विश्व कल्याण एवं मानव सहयोग की भावना होनी चाहिए |
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अतः धन के महत्त्व का ,आत्मनिर्भरता की जरूरत का और मानव कल्याण के लिए आपस में सहयोग की भावना का होना, सदा नेक और प्रशंसनीय कार्य अथवा रास्ता है |इस पर सदा अग्रिम बने रहना चाहिए |
इसलिए हमे आज से ही यह संकल्प कर लेना चाहिए| कि हम स्वदेशी product का अधिकतम उपयोग करेंगे |तथा आत्मनिर्भर बनेंगे||
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Nice post
Thanks Sir
Great bhai shab 👏👏👌
thanks, Bhai Sahab.