Dream Bigger Dream Anything – हर एक व्यक्ति कोई न कोई सपना जरुर देखता है. सपने देखना वाकई आपके लिए, हम सबके लिए बहुत ही अच्छी खबर है. बड़े और सफल लोग हमेशा कहते हैं कि ”बड़े सपने देखो. अर्थात Dream Big Dream Anything बड़े सपने देखो कोई भी सपने देखो”. विदित रहे अगर आप किसी चीज के सपने देख सकते है ,तो आप उसे हासिल भी कर सकते है .
एनातोली फ्रांस के अनुसार ‘कुछ बड़ा करने के लिए हमें सिर्फ कुछ करना ही नहीं होता, बल्कि सपने भी देखने होते हैं; सिर्फ इरादा ही नहीं करना होता, बल्कि भरोसा भी रखना होता है.
पूर्व राष्ट्रपति कलाम साहब के मुताबिक ‘सपने वह नहीं होते जो आप नींद में देखते हैं, सपने वह होते हैं जो आपको सोने नहीं देते’. अपने सपने पूरे करने के लिए आपको जागते रहना होता है, पूरी तरह आँखें खोलकर जागते रहना होता है.
हमारे सपने हमारे डर से बड़े होने चाहिए, हमारा चाल -चलन हमारे शब्दों से बड़ा होना चाहिए, और हमारी आस्था हमारी भावनाओ से बड़ी होनी चाहिए.
Dream Bigger Dream Anything बड़े सपने देखो कोई भी सपने देखो
दो तरह के लोग होते हैं। पहले वे जो सपने देखते हैं और उन्हें पूरा करने के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं। ऐसे लोगों के सपने जरूर पूरे होते हैं। दूसरे वे लोग होते हैं जो सपने तो जरूर देखते हैं, लेकिन जब काम करने का समय आता है तो वे बहाने बनाने लगते हैं। ऐसे लोगों के सपने कभी पूरे नहीं हो पाते हैं।
Dream Bigger Dream Anything Details
Article Title | Dream Bigger Dream Anything |
Dream Bigger Dream Anything | Check here |
Category | Badi Soch |
Telegram | |
---|---|
Official Site | Click here |
Also read – भरद्वाज द्वारा भरत का सत्कार
रे मन हार मत मान तू
लेकिन एक बार जो मैंने हार मान लेने का स्वाद चख लिया, समझौता कर लेने के इस तरीके को मैंने अपनी कहानी बनाने का इरादा कर लिया. किस बात की जद्दोजहद ? काहे की लडाई ? सपनों के पूरा न होने से निराश क्यों हों? क्योंकि मैंने सब कुछ छोड़ने की सोच ली, इसलिए मेरे सामने कोई रूकावटें भी नहीं रहीं. परेशानियाँ नहीं रहीं. संघर्ष खत्म हो गया. पीड़ा खत्म हो गई. अपने सपने पूरे करने की कोशिश के बजाय, मैंने उससे बहुत कम में ही संतुष्ट हो जाने का फैसला किया. लेकिन, अपने मन की गहराई में मुझे कहीं न कहीं यह महसूस होता है. कि ऐसा नहीं होना चाहिए.
अब एक प्रश्न यह उठता है कि एक बार असफल होने के बाद क्या वह फिर से सपने देखना शुरू कर सकता है ?
एनातोली फ्रांस के अनुसार ‘कुछ बड़ा करने के लिए हमें सिर्फ कुछ करना ही नहीं होता, बल्कि सपने भी देखने होते हैं; सिर्फ इरादा ही नहीं करना होता, बल्कि भरोसा भी रखना होता है.’
पूर्व राष्ट्रपति कलाम साहब के मुताबिक ‘सपने वह नहीं होते जो आप नींद में देखते हैं, सपने वह होते हैं जो आपको सोने नहीं देते’. अपने सपने पूरे करने के लिए आपको जागते रहना होता है, पूरी तरह आँखें खोलकर जागते रहना होता है.
Check also – श्रीकृष्ण की पूजा श्रावण मास में क्यों होती है
पक्का इरादा रखें
तय कीजिए कि चाहे जो भी हो, आप वह जरूर करेंगे जो आप करने के लिए निकले हैं. अगर आपका इरादा पक्का होगा, तो ध्यान बँटाने वाले तमाम कारणों के बावजूद आप विचलित हुए बिना अपने मार्ग पर आगे बढ़ते जाएँगे. आप अपनी परिस्थितियों को, सारी दुनिया को और समाज को अपने अनुसार नहीं बदल सकते. लेकिन अगर आपके पास बूता है और आप दृढ-संकल्प हैं, तो आप जिन्दगी के सफर में कामयाबी के साथ आगे बढ़ते रह सकते हैं और हो सकता है आप इतने सक्षम हो जाएँ कि खुद समाज को भी बदल डालें.इसलिए कहते है Dream Big Dream Anything अर्थात बड़े सपने देखो कोई भी सपने देखो.
धैर्य
धैर्य एक और बहुत बड़ा नैतिक गुण है जिसे अपने अंदर विकसित करने की जरूरत है. हमें अपनी संकल्प-शक्ति, ईमानदारी से की गई कोशिश, धैर्य, नियमितता और स्नेही स्वभाव का हमेशा ध्यान रखना चाहिए. हमेशा होशियार रहें ताकि नकारात्मक ताकतें अपना कब्जा न जमा लें. आपको कोशिश करनी चाहिए कि जब कभी आपको कोइ रूकावट मिले, आप धैर्य से काम लें. जब आप अपने अचेतन मन की थाह लेने की कोशिश करेंगे तो आपको धैर्य से काम लेना पड़ेगा.
अगर आप बिना निराश हुए जुटे रहेंगे तो आपको दूर से प्रकाश आता दिखाई देगा, जो अज्ञानता के अन्धकार को मिटा देगा. एक समय आएगा, जब आप वह सब जान लेंगे जो जानना है. इस सौम्य और शाश्वत लौ को कमजोर न पड़ने दें.और Dream Bigger Dream Anything अर्थात बड़े सपने देखो कोई भी सपने देखो सदा याद रखे .
जब मुश्किलें सामने आएं, तो उम्मीद न छोड़ें और अपने काम में जुटे रहें. अपने भरोसे पर अडिग रहें, चाहे आपकी उम्र कुछ भी हो और आप जिन्दगी के किसी भी पडाव पर क्यों न हों, बेहतर भविष्य के अपने सपनों को पूरा करने की कोशिश कभी न छोड़ें. अपनी व्यावसायिक खूबियों में और सुधार करते रहें, नये तौर-तरीकों को अपनाएं, मेहनत से काम करें और अपने चाल-चलन को बढिया रखें. आपको जो अवसर मिलते हैं, अगर आप उन्हें यूँ ही नहीं गंवाते, हर अवसर को पूरे मन से थाम लेते हैं, तो आप बहुत कुछ अथवा dream big हासिल कर सकते हैं. कोशिश करते रहिये, सपने देखते रहिये, लगे रहिये!
Read also – yoga (योग) जीवन जीने की कला है
अपने स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखें
पहले तो, सीधे-सरल ढंग से पाक-साफ जिन्दगी जीयें, जिससे कि बुढ़ापे तक सेहतमंद रह सकें. उम्र बीतने के साथ शरीर पर उम्र के असर के साथ कई तरह की बुढ़ापे से जुडी बीमारियाँ, जैसे अल्जाइमर्स रोग, पार्किन्सनज रोग, कैंसर, दिल की बीमारियाँ घेरने लगती हैं. लेकिन समझने वाली अहम बात यह है कि इनमें से हरेक बीमारी को शरीर पर अपनी पकड़ बनाने के लिए कई साल लगते हैं, और अकसर कम उम्र में ही इन बीमारियों के बीज पड़ जाते हैं. इसलिए, यही वह समय है जब हमें सेहतमंद रहने की मुहिम छेड़ देनी चाहिए. हर युवा को स्वास्थ्यवर्धक भोजन करना चाहिए, स्वस्थ जीवनशैली अपनानी चाहिए और स्वस्थ विचार रखने चाहिए.
आपका जीवन ईश्वर का उपहार है, और दुनिया की कोई दौलत कभी उसकी बराबरी नहीं कर सकती, इसलिए उसे किसी किस्म की लत और बुरी आदतों के चलते क्यों मुरझाने दें. अच्छी सेहत बना कर रखें, बुरी आदतों से दूर रहें, अच्छी से अच्छी शिक्षा प्राप्त करें और हुनरमंद बनें. सुयोग्य और सक्षम लीगों के लिए कितने ही अवसर उपलब्ध हैं, इसलिए पूरे जोश से आगे बढकर उनका लाभ उठाएँ.
अपनी जिम्मेदारी खुद लें
दूसरे, अपने जीवन के लिए खुद जिम्मेदार बनें. शुरूआत अपने माता-पिता का ध्यान रखने से करें. ईश्वर पर भरोसा करने के बाद जिस बात को सबसे ज्यादा अहमियत दी गई है, वह है अपने माता-पिता को चाहना और उनका ध्यान रखना. हजरत मोहम्मद ने कहा है –‘तुम्हारी माँ के कदमों में जन्नत है.’ इस बात के अलग-अलग लोगों ने मायने यही निकले हैं, अपने बच्चों को वह तमाम मजहवी बातें और नेक चाल-चलन सिखाने की जिम्मेदारी माँ की होती है जिनसे जन्नत हासिल होती है. या फिर इसके मायने यह भी हो सकते हैं कि ताउम्र अपनी माँ की खिदमत करने से हमें जन्नत नसीब होती है.
दोनों ही तरह से यही जाहिर होता है कि इस मजहब में माँओं के लिए अदब और इज्जत के साथ कितनी अहमियत दी गई है. एक बार आप उठकर अपनी जिन्दगी और अपने माता-पिता के लिए अपनी जिम्मेदारियों के प्रति सजग हो जाते हैं, तो सारी कायनात आपका साथ देने के लिए जुट जाती है. इस मामूली से लगने वाले, लेकिन गहरे सच को लेकर मन में कोइ शक नहीं होना चाहिए.
Check here – आत्मविश्वास क्या है
आस्था और संकल्प
जो भी हो, महज ज्यादा वक्त मिल जाना और अपनी जिन्दगी की जिम्मेदारियां निभाना ही अपने आप में काफी नहीं है. आज जो असंख्य नये अवसर और सम्भावनाएँ हमारे सामने हैं, उनका फायदा उठाने के लिए आपको दो चीजों की जरूरत है – आस्था और संकल्प. आस्था और संकल्प वह दो पहिये हैं जिनके सहारे जिन्दगी में अवसरों की राह पर आसानी से आगे बढ़ सकते हैं. उनके बिना जीवन के वास्तविक अर्थ तक कभी नहीं पहुंचा जा सकता. बिना आस्था के हम कुछ हद तक बौद्धिक ज्ञान तो प्राप्त कर सकते हैं , लेकिन सिर्फ आस्था के बल पर ही अपने भीतर की गूढ़ गहराइयों में झाँका जा सकता है.
संकल्प वह शक्ति है जो हमें तमाम निराशाओं और विघ्नों से पार पाने में मदद करती है. वही इच्छा-शक्ति जुटाने में हमारी मदद करती है जो कामयाबी का मूल आधार है. शास्त्रों और वेदों में कहा गया है कि संकल्प-शक्ति का सहारा लिया जाए, तो कुछ भी असम्भव नहीं है. जब संकल्प-शक्ति में कोइ व्यवधान नहीं होता, तो हम निश्चित रूप से इच्छित लक्ष्य प्राप्त करते हैं.
पक्का इरादा रखें
तय कीजिए कि चाहे जो भी हो, आप वह जरूर करेंगे जो आप करने के लिए निकले हैं. अगर आपका इरादा पक्का होगा, तो ध्यान बँटाने वाले तमाम कारणों के बावजूद आप विचलित हुए बिना अपने मार्ग पर आगे बढ़ते जाएँगे. आप अपनी परिस्थितियों को, सारी दुनिया को और समाज को अपने अनुसार नहीं बदल सकते. लेकिन अगर आपके पास बूता है और आप दृढ-संकल्प हैं, तो आप जिन्दगी के सफर में कामयाबी के साथ आगे बढ़ते रह सकते हैं और हो सकता है आप इतने सक्षम हो जाएँ कि खुद समाज को भी बदल डालें.
धैर्य एक और बहुत बड़ा नैतिक गुण है जिसे अपने अंदर विकसित करने की जरूरत है. हमें अपनी संकल्प-शक्ति, ईमानदारी से की गई कोशिश, धैर्य, नियमितता और स्नेही स्वभाव का हमेशा ध्यान रखना चाहिए. हमेशा होशियार रहें ताकि नकारात्मक ताकतें अपना कब्जा न जमा लें. आपको कोशिश करनी चाहिए कि जब कभी आपको कोइ रूकावट मिले, आप धैर्य से काम लें. जब आप अपने अचेतन मन की थाह लेने की कोशिश करेंगे तो आपको धैर्य से काम लेना पड़ेगा.
Related Posts
success rules सफलता आन्तरिक नियमो से मिलती है ।
WhatsApp Conference Call कैसे करें
[…] Dream Bigger Dream Anything बड़े सपने देखो कोई भी सपने दे… […]
[…] हमारी life का एक बहुत ही बड़ा अनुभव होता है, जिसको […]
[…] 9. ईमानदारी […]