हमारे शरीर के लिए खाना खाने पानी पीना तथा स्वांस लेना अनिवार्य होता है |हमारे जीवन में खान-पान का बहुत बड़ा महत्व होता है | हम सभी लोग जीवित रहने के लिए ये तीनो चीजे करते है | लेकिन वास्तव में इनका सही तरीका क्या है ? यह अधिकांस लोग नहीं जानते | और इसी वजह से हम बहुत सी बिमारिया स्वयं ही आमंत्रित करते है | और ताज्जुब की बात यह है कि पशु पक्षी की खाने और पीने की बहुत सी habits हम मनुष्यों से बेहतर होती है | जिसकी वजह से मनुष्यों की अपेक्षा वे कम बीमार होते है |
शरीर में वात,पित और कफ के बढ़ जाने से मुखतः तीन प्रकार की बिमारियाँ होती है | सामान्यतः वात, पित और कफ की अधिकता या असंतुलन से ( ८४+४६ से ५० +२८ ) लगभग १४८ प्रकार की बीमारियाँ होती है |
अतः शरीर में वात ,पित और कफ़ का संतुलन बनाये रखना चाहिए | किसी की अधिकता नही होने देना चाहिए |
खाना खाने पानी पीना से बीमारियाँ कैसे ?
Contents
ज्यादातर लोग खाना खाने के तुरंत बाद पानी पीते है | जो पानी पीने का गलत तरीका है |क्योकि हम जो कुछ भी खाते है वह खाना हमारी नाभि के बायीं तरफ ‘जठर’ में पहुँचता है | वहां पर वह अग्निरूपी क्रिया द्वारा पचता है | जिसे जठराग्नि भी कहते है | और वह जठराग्नि से पचने की क्रिया १ घंटे तक चलती है |
अतः सरल भाषा में समझे तो जिस प्रकार अग्नि को पानी बुझा देता है ,उसी प्रकार एक घंटे पहले पानी पीना जठराग्नि को बाधित करेगा |अर्थात जठर रूपी अग्नि को बुझा देगा | इसलिए १ घंटे से पहले हम पानी पीते है | वह अमृत-तुल्य पानी भी पाचन क्रिया के लिए विष-तुल्य काम करता है | अतः हमें खाना खाने के तुरंत बाद पानी पीने वाली आदत में सुधार करना चाहिए और खाना खाने के १ घंटे बाद पानी पीना चाहिए | यदि हमें पेय पदार्थ लेना ही है तो इस प्रकार लेना चाहिए-
पेय पदार्थ लेने का best समय |
- सुबह नास्ते के उपरांत फलो का रस लेना उचित होता है |
- दोपहर में खाना खाने के उपरांत दही से बनी लस्सी लेना उचित होता हैं | जिसे मट्ठा भी कहते है |इसी प्रकार
- शाम ( रात ) को खाना खाने के उपरांत दूध लेना उचित होता है |
यदि इस प्रकार इन उचित पेय पदार्थो को हम लेते है तो हमारे शरीर के लिए अमृत-तुल्य लाभदायक रहेंगे |साथ ही वात, पित और कफ़ का उचित संतुलन रहेगा | जिससे हम अनेक बीमारियों से बचे रहेंगे |
पानी पीने का best समय व तरीका |
इसी प्रकार हम खाना खाने से पहले पानी पीना चाहे तो उसका भी उचित तरीका यह है –
- पानी हमें खाना खाने से ४० चालीस मिनट पहले पीना चाहिए |
- इसी प्रकार या खाना खाने के १ एक घंटे बाद पानी पीना चाहिए |
- सुबह उठते ही सर्वप्रथम 2-3 गिलास पानी पीना चाहिए | उसके बाद ही संडास जाना चाहिए |
- पानी हमेशा घूट-घूट कर ही पीना चाहिए | अर्थात एकसाथ न पीकर एक एक घूट लेकर पीना चाहिए |
पानी घूट -घूट ही क्यों ?
क्योकि घूट-घूट पानी पीने से हमारे मुह में जो लार होती है वे पानी के साथ शरीर में पाचनक्रिया में सहायक होती है | जो हमारे शरीर के लिए best होता है | घूट घूट पानी पीने से लार अपने स्थान पर best तरीके से पहुचती है | हमारी शारीरिक क्षमता के अनुसार पानी पीना चाहिए | अर्थात कोई 2 साल के बच्चे को 2-3 ग्लास एक साथ पिलाना उचित नही है | उसकी body क्षमता के अनुसार ही पानी पिलाना चाहिए |
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खाना खाने पानी पीना निष्कर्ष
अतः खाना खाने व पानी पीना में ऊपर लिखित तरीका best है | यदि हम इस तरीके से खाना खायेंगे और पानी पियेंगे तो हमारे बीमार होने की संभावना न के बराबर है | अतः इसे अपनाकर हमें सदा स्वस्थ रहना चाहिए |
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Very Nice thought
Thank you very much