Tuesday, April 16, 2024
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लोक व्यवहार PDF: लोक व्यवहार पुस्तक हिंदी में पढ़े ।

लोक व्यवहार PDF- लोक व्यवहार एक ऐसा शब्द है जिसका उपयोग आमतौर पर हिंदी भाषा में किया जाता है, जिस तरह से लोग समाज में व्यवहार या आचरण करते हैं। लोक व्यवहार शब्द का अनुवाद “समाज में व्यवहार” या “दुनिया में आचरण” के रूप में किया जा सकता है और यह उन मानदंडों, मूल्यों और अपेक्षाओं को संदर्भित करता है जो यह नियंत्रित करते हैं कि लोग अपने सामाजिक और सांस्कृतिक संदर्भों में एक दूसरे के साथ कैसे बातचीत करते हैं।

इसमें ऐसे मुद्दे शामिल हैं जैसे लोग एक-दूसरे के साथ कैसे संवाद करते हैं, वे सम्मान कैसे दिखाते हैं, वे कैसे संघर्षों को हल करते हैं, और वे नियमों और कानूनों का पालन कैसे करते हैं। लोक व्यवहार संस्कृति का एक महत्वपूर्ण पहलू है और व्यक्तियों और समूहों के बीच संबंधों और अंतःक्रियाओं को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

लोक व्यवहार जीवन की वह कला दर्शन है जो मनुष्य होने के नाते सबको प्रभावित करता है लेकिन कोई भी कला तब तक प्रभावित नहीं करती जब तक आप व्यवहार सिद्धांत को जमीनी हकीकत से नहीं मिलाते। आप चाहे किसी वर्ग या पेशे से हों, जीवन में आगे बढ़ने और सफलता पाने के लिए दूसरों को प्रभावित करना जरूरी है। डेल कारनेगी की ‘लोक व्यवहार’ पुस्तक दिलचस्प शैली और सरल भाषा में पाठकों को जनसामान्य से जुड़ने के अचूक तरीके बताती है। जो प्रत्येक पाठक को जीवन जीने की कला को विकसित करती है।

लोक व्यवहार PDF Book in Hindi

इस बेस्ट सैलिंग पुस्तक में आपको बताया हैं कि हम कैसे लोगो को अपनी बातों से प्रभावित कर सकते हैं। अगर आप ऐसे व्यापार में हैं जिसमे आपको लोगो से मिलना पड़ता हैं तो ये पुस्तक आपकी उनसे बात करने में, उनको प्रभावित करने में मदद कर सकती हैं। इस पुस्तक में आपको कुछ ऐसी बातों के बारे में भी पता चलेगा जिसका इस्तेमाल करना काफी सटीक हैं और वो हमेशा काम भी करती हैं।

डेल कार्नेगी, जिन्हें ‘दोस्त बनाने की कला के कट्टर-पुजारी‘ के रूप में जाना जाता है, कारनेगी ने व्यक्तिगत व्यावसायिक कौशल, आत्मविश्वास और प्रेरक तकनीकों के विकास का बीड़ा उठाया।  उनकी किताबें – विशेष रूप से विन टू फ्रेंड्स एंड इन्फ्लुएंस पीपल – ने दुनिया भर में दसियों लाख बेची हैं और आज की बदलती जलवायु में भी वे हमेशा की तरह लोकप्रिय हैं।

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लोक व्यवहार PDF

BOOK DETAILS

Book Name / पुस्तक का नाम : Lok Vyavahar/ लोक व्यवहार
Author Name / लेखक का नाम : Dale Carnegie / डेल कारनेगी
Publisher : Manjul Publishing House / मंजुल पब्लिशिंग हाउस
Publication date : 1 January 2013/ 01 जनवरी 2013
Language / भाषा : Hindi / हिंदी
Book length: 364 Pages / 364 पेज
Category Badi Soch
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डेल कार्नेगी Lok Vyavhar Hindi PDF

डेल कार्नेगी एक अमेरिकी लेखक और व्याख्याता थे, जो अपनी सबसे अधिक बिकने वाली पुस्तक “हाउ टू विन फ्रेंड्स एंड इन्फ्लुएंस पीपल” के लिए जाने जाते हैं, जो 1936 में प्रकाशित हुई थी। यह पुस्तक दूसरों के साथ संबंध बनाने और प्रभावी ढंग से संवाद करने के बारे में व्यावहारिक सलाह देती है।

इसका कई भाषाओं में अनुवाद किया गया है और दुनिया भर में इसकी लाखों प्रतियां बिक चुकी हैं। यह संभव है कि कार्नेगी की पुस्तक का हिंदी भाषा में अनुवाद हो चुका है और यह “लोक व्यवहार” शीर्षक से उपलब्ध है।

Lok Vyavhar Hindi

  • . अपनी बातों को नाटकीय अंदाज में पेश करें और चमत्कारी परिणाम देखें।
  • • आदर्शवाद के सिद्धांत को जीवन में प्रश्रय दें ।
  • . आदेश देने की बजाय प्रश्न पूछें।
  • • ईमानदारी के साथ सामनेवाले इनसान का नजरिया समझने की कोशिश करें।
  • अपनी सभी गलतियाँ तथा कमियाँ गिनाने के बाद ही किसी की कमियाँ गिनाएँ । अपने विचार को इस दृढता से पेश करें कि सामनेवाले को वह अपना ही विचार लगने लगे। .
  • • ईमानदारी के साथ सामनेवाले को उसका दृष्टिकोण प्रस्तुत करने का अवसर दें और उसके विचारों तथा इच्छाओं के प्रति सहानुभूति दरशाएँ ।
  • • सामनेवाले को प्रोत्साहित करें और यह बताएँ कि गलतियों को सुधारना मुश्किल काम नहीं है।
  • • सामनेवाले को बोलने के लिए प्रोत्साहित करें और अच्छे श्रोता बनें।
  • • सामनेवाले व्यक्ति के विचारों तथा इच्छाओं के बारे में सहानुभूति जरूर प्रदर्शित करें।
  • • सामनेवालों में सच्ची तथा वास्तविक दिलचस्पी लें। .
  • • हमेशा मुसकान बिखेरें ।
  • • काम या बात की शुरुआत दोस्ती भरे अंदाज में करें और सामनेवाले को ज्यादा बोलने का अवसर दें।
  • • बात इस प्रकार आरंभ करें कि सामनेवाला तुरंत ‘हामी भर दे। ‘
  • • लोगों की गलतियों को दो टूक बताने की भूल कभी न करें। .
  • • व्यक्ति को एक ऐसी छवि में कैद कर दें, जिसे वह बदलना न चाहे ।
  • • व्यक्ति को नाम से पुकारें, जो उसके लिए सबसे महत्त्वपूर्ण तथा आनंददायक शब्द होता है।
  • • सबके विचारों का सम्मान करें। उन्हें गलत न ठहराएँ ।
  • गलती होने पर उसे स्वीकार करने में झिझकें नहीं ।
  • • चुनौतियाँ दीजिए और लीजिए।
  • • दूसरों को प्रोत्साहित करते हुए बताएँ कि गलतियों को सुधारना कठिन काम नहीं है।
  • • बहस का लाभ यह है कि उससे बचकर निकल जाएँ।
  • • सामने मौजूद व्यक्ति को अपमनित न करें।
  • • हमेशा सच्ची तारीफ से अपनी बात की शुरुआत करें।
  • • हर सुधार की खुले दिल से तारीफ करें। .

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