Time Is Money- अक्सर यह कहा जाता है कि, समय ही धन है। हालांकि, इससे हम धन की तुलना समय से नहीं कर सकते हैं। क्योंकि, यदि हम धन को एक बार खो देते हैं, तो इसे किसी भी साधन के द्वारा दुबारा प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन यदि हमने समय को एक बार खो दिया, तो इसे किसी भी साधन के द्वारा दोबारा प्राप्त नहीं किया जा सकता। इसलिए time is money का मतलब धन की तरह समय बहुत कीमती अथवा महत्वपूर्ण होता है। इसका सदा सम्मान अथवा महत्व पर ध्यान देना चाहिए।
यह कहावत तक़रीबन 430 बीसी में प्राचीन ग्रीक से शुरू हुई है। इसका श्रेय एक ग्रीक संचालक एंटिफॉन को दिया जाता है, जिसका काम अदालत के मामलों में प्रतिवादियों के लिए भाषण लिखना था। एक बार उसने लिखा था ‘सबसे कीमती चीज समय है।’ हालाँकि यह वाक्यांश इस कहावत ‘समय ही धन है’ से पूरी तरह मेल नहीं खाता मगर काफी हद तक उसका अर्थ वही निकलता है।
कई सदियों के बीत जाने के बाद, ‘समय कीमती है’ पंक्तियाँ काफी मशहूर हो गयी और कई वक्ताओं और विद्वानों द्वारा इस्तेमाल में लाई जाने लगी। ‘समय ही धन है’ इस कहावत का सटीक इस्तेमाल बेंजामिन फ्रेंकलिन, संयुक्त राज्य अमेरिका के संस्थापक पिता में से एक द्वारा किया गया था। उन्होंने इस कहावत ‘समय धन है’ का सही इस्तेमाल अपने काम ‘एक युवा ट्रेड्समैन को सलाह’ के शीर्षक में किया है। तब से यह कहावत विद्वानों और आम लोगों द्वारा भी व्यापक रूप से उपयोग में है।
Time Is Money
“समय ही धन है” कहावत कहती है कि धन कमाने में समय बहुत ही अहम किरदार निभाता है। असल में इस कहावत में “समय” इस बात को दर्शाता है कि आप समय का किस तरह से इस्तमाल करते हैं। अगर आप समय का महत्त्व समझ जाते हैं और अपने हर एक मिनट का सही-सही इस्तेमाल करते हैं, वो भी सही दिशा में, तब आपको धन कमाने से कोई नहीं रोक सकता है और इस तरह से आप आर्थिक रूप से भी मजबूत बन जाते हैं।
इसी तरह से एक विपरीत परिदृश्य पर विचार करिए, जिसमें एक व्यक्ति अपने उपलब्ध समय का उपयोग ना करके उसे अनावश्यक चीजों को करने में बर्बाद करता है। अब, इस तरह का व्यक्ति सफलता नहीं पा सकता और ना ही उससे सम्बंधित कुछ भी, साथ ही अपनी पास की सारी संपत्ति भी खो देता है। इसलिए, जब समय ही धन है, तो समय का नुकसान गरीबी की तरफ धकेलता है।
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why time is money समय ही धन है, क्यों?
क्योंकि विकास की राह में समय की बरबादी ही सबसे बङा शत्रु है। एक बार हाँथ से निकला हुआ समय कभी वापस नही आता है। हमारा बहुमूल्य वर्तमान क्रमशः भूत बन जाता है जो, कभी वापस नही आता है। ”time is money अर्थात समय ही धन है।” के महत्व पर सत्य कहावत है कि, बीता हुआ समय और बोले हुए शब्द कभी वापस नही आ सकते। कबीर दास जी ने कहा है कि,
काल करै सो आज कर, आज करै सो अब।
पल में परलै होयेगी, बहुरी करेगा कब।।
सच ही तो है मित्रों, किसी भी काम को कल पर नही टालना चाहिए। क्योंकि आज का कल पर और कल का काम परसों पर, टालने से काम अधिक हो जायेगा। बासी काम, बासी भोजन की तरह अरुचीकर हो जायेगा। समय जैसे बहुमूल्य धन को सोने-चाँदी की तरह रखा नही जा सकता। क्योंकि समय तो गतिमान है। इस पर हमारा अधिकार तभी तक है, जब हम इसका सदुपयोग करें अन्यथा ये नष्ट हो जाता है।
समय का उपयोग धन के उपयोग से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। क्योंकि हम सभी की सुख-सुविधा इसी पर निर्भर है। जो लोग समय के महत्व को समझते हैं वो विश्व पटल के इतिहास पर सदैव विद्यमान रहते हैं। इसलिए कहा गया है, time is money समय ही धन है।
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चाणक्य के अनुसार- जो व्यक्ति जीवन में समय का ध्यान नही रखता, उसके हाँथ असफलता और पछतावा ही लगता है।
समय का महत्व कैसे ?
समय का प्रबंधन प्रकृति से स्पष्ट समझा जा सकता है। समय का कालचक्र प्रकृति में नियमित है। जैसे- दिन-रात, ऋतुओं का समय पर आना-जाना है। यदि कहीं भी अनियमितता होती है तो, विनाश-लीला भी प्रकृति सीखा देती है। समय की उपेक्षा करने पर कई बार विजय का पासा पराजय में पलट जाता है। नेपोलियन ने आस्ट्रिया को इसलिए हरा दिया कि, वहाँ के सैनिकों ने पाँच मिनट का विलंब कर दिया था। लेकिन वहीं कुछ ही मिनटो में नेपोलियन बंदी बना लिया गया। क्योंकि उसका एक सेनापति कुछ विलंब से आया। वाटरलू के युद्ध में नेपोलियन की पराजय का सबसे बङा कारण समय की अवहेलना ही थी।
कहते हैं खोई दौलत फिर भी कमाई जा सकती है। भूली विद्या पुनः पाई जा सकती है। किन्तु खोया हुआ समय पुनः वापस नही लाया जा सकता। सिर्फ पश्चाताप ही शेष रह जाता है। समय के गर्भ में लक्ष्मी का अक्षय भंडार भरा हुआ है। किन्तु इसे वही पाते हैं, जो इसका सही उपयोग करते हैं। इसलिए कहा गया है, “जो मनुष्य वक्त का सदुपयोग करता है, एक क्षण भी बर्बाद नही करता है, वह बड़ा सौभाग्यवान होता है।“
महत्त्व (Importance)
यह कहावत हमें समय की कद्र करना और इसे बर्बाद नहीं करना सिखाता है। यह समय के प्रभावी उपयोग को सीधे तरक्की या सफलता के साथ जोड़ता है। सफलता का मन्त्र हर व्यक्ति के लिए उपयुक्त है, चाहे वह कुछ भी करे। चाहे आप एक छात्र है जो बोर्ड की परीक्षाओं की तैयारी कर रहा है या फिर एक भावी डॉक्टर, या कोई और जो अपनी नौकरी में तरक्की की राह देख रहा हो। यह कहावत आपके तरक्की का रहस्य हो सकता है।
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“समय ही धन है” पर लघु कथा (Short Stories on ‘Time is Money’)
किसी कहावत के नैतिक गुण को समझने के लिए कहानी सबसे बेहतर माध्यम होती है। आज मैं आपके लिए कुछ कहानियां लेकर आया हूँ ताकि आप “समय ही धन है” कहावत का एक मनोरंजित तरीके से सही-सही मतलब समझ सकें।
लघु कथा
एक बड़े शहर में एक टैक्सी ड्राईवर रहता था जो यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाया करता था जिसके लिए उसे पैसे मिलते थे। चाहे धूप हो या बारिश वो सप्ताह के सातो दिन और चौबीसों घंटे अपनी सेवा देता रहता था।
यहाँ तक कि वह घर पर लंच के लिए भी आराम से नही रुकता, उसे जो भी मिलता, झट से खा कर निकल जाता। उसकी एक छोटी सी बेटी थी जो अपने पिता के इस काफी ज्यादा व्यस्त काम से काफी दुखी रहती थी। निश्चित रूप से वह बच्ची चाहती थी कि उसके पिता भी परिवार के साथ कुछ वक़्त बिताएं। मगर वह व्यक्ति सवारियों को ढोने में ही व्यस्त रहता था।
एक दिन बच्ची को बुखार आ गया था और तब पत्नी के कहने पर उसने अपने काम को एक दिन के लिए रोक दिया। जब वो अपनी बच्ची के पास बैठा था तब बच्ची ने उससे पूछा, ‘क्यों आप सारा दिन गाड़ी चलाते रहते हो, आप मेरे और मम्मी के साथ समय क्यों नहीं बिताते?’
वह आदमी जानता था कि उसकी बच्ची उससे क्या पूछना चाह रही थी, तब उसने जवाब दिया – ‘प्यारी बच्ची, तुम्हे पता हैं मैं एक टैक्सी चलाता हूँ, लोगों को एक जगह से दूसरी जगह लेकर जाता हूँ जिसके बदले में वो मुझे पैसे देते हैं। जो पैसे मुझे मिलते हैं उससे मैं तुम्हारी पढ़ाई, हम लोग जो खाना खाते हैं, बिल, दवाई, आदि और घर के बाकी की जरूरत के काम के लिए जुटाता हूँ। हर क्षण इस शहर में लोग टैक्सी का इन्तजार करते रहते हैं। ये मेरा काम है कि मैं उन्हें खोजूं और उन्हें उनके गंतव्य तक समय पर पहुंचा दूँ, वरना, बाकि के टैक्सी ड्राईवर ये मौका ले लेंगे। जितना ज्यादा समय मैं घर पर व्यतीत करूँगा उतने ही पैसे में खोता जायूँगा। प्यारी, मेरे काम में, समय ही धन है।”
उस रोज के बाद उसकी बच्ची के दिल में उसके पिता के लिए सम्मान और भी ज्यादा बढ़ गया और उसने फिर कभी दुबारा पिता को घर पर समय बिताने के लिए उन्हें परेशान नहीं किया।
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time is money के बारे मे फ्रैंकलिन ने कहा है –”समय बरबाद मत करो, क्योंकि समय से ही जीवन बना है।”
time is money अर्थात समय बहुत ही शक्तिशाली होता है; कोई भी इसके सामने घुटने टेक सकता है। लेकिन इसे हरा नहीं सकता। हम इसकी क्षमता को मापने में सक्षम नहीं है। क्योंकि कभी-कभी जीतने के लिए एक पल ही काफी होता है। और कभी-कभी जीतने के लिए पूरा जीवन लग जाता है।
समय के प्रत्येक क्षण के सुनियोजन की कला जानी और सीखी जा सकती है। यही वह परम दुर्लभ कुंजी है, जिसके माध्यम से जीवन के परम लक्ष्य, सफलता के सर्वोच्च सोपान की दहलीज पर कदम रखा जा सकता है। इसलिए, हमें इस कीमती समय को व्यर्थ नहीं गवाना चाहिए और हमेशा इसका पूरा सकारात्मक उपयोग करना चाहिए।
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