why mahashivratri celebrate -: इस वर्ष महाशिवरात्रि पर शुभ मुहूर्त और संयोग के साथ ही पंचग्रही योग भी बन रहे हैं। इस योग में भगवान शिव की पूजा करने से मिलेगा उनका आशीर्वाद। आओ जानते हैं विस्तार पूर्वक-
महाशिवरात्रि क्यों मनाई जाती है?
हिंदू धर्म में हर माह मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है, लेकिन फाल्गुन माह में आने वाली महाशिवरात्रि (Mahashivratri) का खास महत्व होता है। माना जाता है कि, इसी दिन भगवान शिव और पार्वती का विवाह हुआ था। शास्त्रों की माने तों महाशिवरात्रि की रात ही भगवान शिव करोड़ों सूर्यों के समान प्रभाव वाले ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रकट हुए थे। इसके बाद से हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है।
कहा यह भी जाता है कि मां पार्वती सती का पुनर्जन्म है। मां पार्वती शिवजी को पति के रूप में प्राप्त करना चाहती थी। इसके लिए उन्होंने शिवजी को अपना बनाने के लिए कई प्रयत्न किए थे। भोलेनाथ प्रसन्न नहीं हुए, इसके बाद मां पार्वती ने त्रियुगी नारायण से 5 किलोमीटर दूर गौरीकुंड में कठिन साधना की थी। और शिवजी को प्रसन्न कर लिया था और इसी दिन शिवजी और मां पार्वती का विवाह हुआ था।
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महाशिवरात्रि का क्या है महत्व?
महाशिवरात्रि आध्यात्मिक पथ पर चलने वाले साधकों के लिए बहुत महत्व रखती है। यह उनके लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है जो पारिवारिक परिस्थितियों में हैं। और संसार की महत्वाकांक्षाओं में मग्न हैं। पारिवारिक परिस्थितियों में मग्न लोग महाशिवरात्रि को शिव के विवाह के उत्सव की तरह मनाते हैं। सांसारिक महत्वाकांक्षाओं में मग्न लोग महाशिवरात्रि को, शिव के द्वारा अपने शत्रुओं पर विजय पाने के दिवस के रूप में मनाते हैं।
हालांकि, साधकों के लिए, यह वह दिन है, जिस दिन वे कैलाश पर्वत के साथ एकात्म हो गए थे। वे एक पर्वत की भांति स्थिर व निश्चल हो गए थे। यौगिक परंपरा में, शिव को किसी देवता की तरह नहीं पूजा जाता, उन्हें आदि गुरु माना जाता है। पहले गुरु, जिनसे ज्ञान उपजा। ध्यान की अनेक सहस्राब्दियों के पश्चात्। एक दिन वे पूर्ण रूप से स्थिर हो गए, वही दिन महाशिवरात्रि का था।
10 चीजों से करें भोलेनाथ जी को प्रसन्न : why mahashivratri celebrate
- 1. धतूरा : धतूरा अर्पित करने से सभी तरह के संकटों का समाधान हो जाता है।
- 2. आंकड़ा : एक आंकड़े का फूल चढ़ाना सोने के दान के बराबर फल देता है।
- 3. बिल्वपत्र : बिल्वपत्र को अर्पित करने से 1 करोड़ कन्याओं के कन्यादान का फल मिलता है। यह शिवजी के तीन नेत्रों का प्रतीक है।
- 4. देसी घी : शिवलिंग पर घी अर्पित करने से व्यक्ति में शक्ति का संचार होता है।
- 5. भांग : भांग अर्पित करना शुभ माना जाता है। इससे शिवजी अपने भक्तों की हर तरह से रक्षा करते हैं।
- 6. चीनी : चीनी अर्पित करने से जीवन में कभी भी यश, वैभव और कीर्ति की कमी नहीं होती है।
- 7. दूध : किसी भी प्रकार के रोग से मुक्त होने और स्वस्थ रहने के लिए दूध अर्पित करें।
- 8. दही : जीवन में परिपक्वता और स्थिरता प्राप्त करने के लिए दही अर्पित करते हैं।
- 9. इत्र : इत्र चढ़ाने से तन और मन की शुद्धि होती है साथ ही तामसी आदतों से मुक्ति भी मिलती है।
- 10. केसर : लाल केसर से शिवजी को तिलक करने से सोम्यता प्राप्त होती है और मांगलिक दोष भी दूर होता है
why mahashivratri celebrate : पूजा की सावधानियां
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