Biography of Yogi Adityanath – उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जीवन परिचय.
योगी आदित्यनाथ का इतिहास
Contents
- 1 योगी आदित्यनाथ का इतिहास
- 2 Yogi Adityanath History in Hindi
- 3 योगी आदित्यनाथ का जीवन परिचय (परिवार के सदस्य)
- 4 Biography of Yogi Adityanath in Hindi – Education
- 5 Yogi Adityanath Biography in Hindi – Political Career
- 6 योगी आदित्यनाथ के बारे में जानकारी भारतीय जनता पार्टी तक का सफर
- 7 योगी आदित्यनाथ का इतिहास: लोकसभा चुनावों में प्रदर्शन
नाम | योगी आदित्यनाथ |
पूरा नाम | श्री अजय सिंह बिष्ट बाद में योगी आदित्यनाथ |
जन्म | 5 जून 1972 |
जन्मस्थान | पंचुर, पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखण्ड |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
धर्म | हिन्दू (नाथ सम्प्रदाय) |
शिक्षा | Hemvati Nandan Bahuguna Garhwal University |
पेशा | राजनीतिज्ञ |
राजनीतिक दल | भारतीय जनता पार्टी |
पद | उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री |
कार्यालय ग्रहण | 19 मार्च 2017 |
रहने का स्थान | 5, कालिदास मार्ग, लखनऊ, उत्तर प्रदेश, भारत |
पिता | स्वर्गीय श्री आनंद सिंह बिष्ट (Forest ranger) |
माता | श्रीमती सावित्री देवी |
पत्नी | नहीं है |
बच्चे | नहीं है |
ऊंचाई (लगभग) | 5′ 4″ |
वजन (लगभग) | 70 kg |
आँखों का रंग | काला |
Yogi Adityanath History in Hindi
योगी आदित्यनाथ का जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के यमकेश्वर तहसील के पंचुर गाँव में हुआ है। योगी आदित्यनाथ गढवाली राजपूत हैं।
योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री (CM) है साथ में गोरखपुर के प्रसिद्ध गोरखनाथ मंदिर के महंत भी हैं। 19 मार्च 2017 को उत्तर प्रदेश के विधान सभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की बड़ी जीत के बाद यहाँ के 21वें मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
योगी आदित्यनाथ का जीवन परिचय (परिवार के सदस्य)
योगी आदित्यनाथ के पिता का नाम आनंद सिंह बिष्ट और माता का नाम सावित्री देवी है। योगी आदित्यनाथ के पिता एक फॉरेस्ट रेंजर थे।
योगी आदित्यनाथ के भाई बहन मिलकर 7 भाई बहन हैं, योगी आदित्यनाथ जी की तीन बड़ी बहन है और एक बड़े भाई हैं और दो छोटे भाई है।
योगी आदित्यनाथ की जाति और योगी आदित्यनाथ का धर्म
योगी आदित्यनाथ का धर्म जीव जंतु से प्यार और सभी जनता के लोगों की सेवा करना है। वैसे योगी आदित्यनाथ की जाति ठाकुर है।
योगी आदित्यनाथ की पत्नी का क्या नाम है?
योगी आदित्यनाथ की पत्नी का नाम, दरअसल हम बता दे की योगी जी बचपन में ही संन्यास ले चुके हैं और उनकी शादी हुई ही नहीं हैं। मगर कुछ दिनों पहले एक महिला नीतू सिंह जो कि योगी आदित्यनाथ को अपना पति बता रही हैं।
जानकारी के अनुसार सीतापुर में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के एक समूह ने सीएम योगी से मिलने की कोशिश की। लेकिन पुलिस ने उनकी इस कोशिश को नाकाम करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की गिरफ्त में आई आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की नेता ने बताया कि उनकी शादी मुख्यमंत्री के साथ बीती 5 दिसंबर को हो चुकी है, क्योंकि उसने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ फोटो के साथ 7 फेरे लेकर उन्हें अपना पति मान लिया था। (Biography of Yogi Adityanath )
नीतू सिंह का कहना है कि वह अपने सहयोगियों के साथ यहां पर इसलिए आई है कि या तो सीएम आंगनबाड़ियों का मानदेय 15 हजार निश्चित करें या फिर उसे अपनी पत्नी मानते हुए स्वीकार कर लें। (Biography of Yogi Adityanath )
इस शादी में महिला ने फिल्मी गानों की धुनों के बीच योगी की तस्वीर को जयमाला पहनाई थी। शादी में सैकड़ों की संख्या में आंगनवाड़ी महिला कार्यकर्ता मौजूद थीं। इस वजह से रचाई थी CM योगी की फोटो से शादी।
Article about | Success Define |
Category | Badisoch |
Written by | Dr.PS,yadav |
दरअसल इस शादी के पीछे महिला आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मकसद अपनी मांगे सीएम योगी आदित्यनाथ तक पहुंचाना था। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का कहना था कि पति अपनी पत्नी को हर खुशी देता है, उसकी हर जिद पूरी करता है, इसलिए नीतू सिंह ने ये रास्ता अपनाया।
Biography of Yogi Adityanath in Hindi
योगी आदित्यनाथ की शादी ही नहीं है जिस कारण उनके कोई बच्चे नहीं हैं वे एक सन्यासी है।
Biography of Yogi Adityanath in Hindi – Education
- योगी आदित्यनाथ की शिक्षा सन् 1977 में टिहरी के गजा में स्थित स्कूल में पढ़ाई शुरू की। सन् 1987 में यहाँ से ही उन्होंने 10वीं की परीक्षा दी।
- सन् 1989 में ऋषिकेश के श्री भरत मंदिर इंटरमीडिएट कॉलेज से उन्होने इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की।
- सन् 1990 में ग्रेजुएशन की पढ़ाई की और साथ में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े।
- सन् 1992 में श्री नगर के हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से उन्होने गणित में बीएससी (B.Sc) की परीक्षा पास की।
- योगी आदित्यनाथ जी की पढ़ाई में बाधाएं आई जब वे कोटद्वार में रह रहे थे। उस दौरान उनके कमरे से उनका सामान चोरी हो गया जिसमें इनके सनत प्रमाण पत्र भी थे, जिसके कारण योगी जी की गोरखपुर से विज्ञान स्नातकोत्तर करने की कोशिश विफल रही, फिर ऋषिकेश में दोबारा दाखिला लिया लेकिन राम मंदिर आन्दोलन के चलते उनका ध्यान बट गया। (Biography of Yogi Adityanath )
- सन् 1993 से गणित में एमएससी (M.Sc) की पढ़ाई के दौरान गुरु गोरखनाथ पर शोध करने यह गोरखपुर प्रवास के दौरान ही ये महंत अवैद्यनाथ के संपर्क में आए थे जो इनके पड़ोस के गांव के निवासी और परिवार के पुराने परिचित थे। अंततः ये महंत की शरण में ही चले गए और दीक्षा ले ली।
- 1994 में ये दोबारा सन्यासी बन गए और उनका नाम अजय सिंह बिष्ट से योगी आदित्यनाथ हो गया।
- बाद में 12 सितम्बर 2014 को गोरखनाथ मंदिर के पूर्व महंत अवैद्यनाथ के निधन के बाद योगी यहाँ का महंत बनाया गया। 2 दिन बाद इन्हें नाथ पंथ के पारंपरिक अनुष्ठान के अनुसार मंदिर का पिता पीठाधीश्वर बनाया गया।
Yogi Adityanath Biography in Hindi – Political Career
- सन् 1998 में योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर से भाजपा प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा और भाग्यवश जीता भी तब उनकी उम्र केवल 26 वर्ष थी। वे बारहवीं लोक सभा (1998-1999) के सबसे युवा सांसद थे।
- सन् 1999 में गोरखपुर से दोबारा सांसद चुने गए।
- अप्रैल 2002 में उन्होने हिन्दू युवा वाहिनी बनाई।
- सन् 2004 में तीसरी बार लोकसभा का चुनाव जीता।
- सन् 2009 में भी 2 लाख ज्यादा वोट जीतकर लोकसभा पहुंचे।
- सन् 2014 में जब पांचवी बार फिर से लोकसभा के चुनाव हुए तब योगी जी एक बार फिर 2 लाख से ज्यादा वोटों से सांसद बने।
- सन् 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को बहुमत मिला और इसके बाद उत्तर प्रदेश में 12 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए। जिसमें योगी आदित्यनाथ से काफी प्रचार कराया गया जिसका परिणाम बेहद निराशाजनक रहा।
- सन् 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने योगी आदित्यनाथ से पूरे राज्य में प्रचार कराया। इन्हें एक हेलीकॉप्टर भी दिया गया जिसके फलस्वरूप 19 मार्च 2017 में उत्तर प्रदेश के बीजेपी विधायक दल की बैठक में योगी आदित्यनाथ को विधायक दल का नेता चुनकर मुख्यमंत्री पद सौंपा गया।
योगी आदित्यनाथ के बारे में जानकारी भारतीय जनता पार्टी तक का सफर
योगी आदित्यनाथ जी को मुख्यमंत्री का पद मिलना बहुत बड़ा बदलाव था उत्तर प्रदेश के लिए। योगी आदित्यनाथ के भारतीय जनता पार्टी के साथ रिश्ता एक दशक से पुराना है। ऐसे तो योगी आदित्यनाथ जी को जीव जंतु से बहुत ही प्यार है उन्होंने मुख्यमंत्री का पद ग्रहण करने के साथ ही उत्तर प्रदेश के सारे बूचडखाने (Slaughterhouse) बंद करवा दिए थे।
योगी आदित्यनाथ का उत्तर प्रदेश के पूर्वी इलाके में बहुत ज्यादा प्रभाव रहा है। इससे पहले उनके पूर्वाधिकारी तथा गोरखनाथ मठ के पूर्व महन्त, महंत अवैद्यनाथ भी भारतीय जनता पार्टी से सन् 1991 तथा सन् 1996 का लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं।
योगी आदित्यनाथ का इतिहास: लोकसभा चुनावों में प्रदर्शन
योगी आदित्यनाथ का लोकसभा चुनावों और नीतियों में प्रदर्शन व सहयोग: योगी आदित्यनाथ सबसे पहले सन् 1998 में गोरखपुर से चुनाव भाजपा प्रत्याशी के तौर पर लड़े और तब उन्होंने बहुत ही कम अंतर से जीत दर्ज की। लेकिन उसके बाद हर चुनाव में उनका जीत का अंतर बढ़ता गया और वे 1999, 2004, 2009 तथा 2014 में सांसद चुने गए। उन्होने अप्रैल 2002 में हिन्दू युवा वाहिनी बनायी।
योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री है और लोगों की पहली पसंद बन चुके है। योगी आदित्यनाथ जी ने उत्तर प्रदेश का हाल पहले से काफी अच्छा कर दिया है।
Yogi Adityanath Story in Hindi
योगी आदित्यनाथ के विवाद: योगी आदित्यनाथ एक हिन्दू महंत है जो कि कुछ विवाद में भी आ चुके हैं जिसके चलते सन् 2008 में 07 सितम्बर को आजमगढ़ में जानलेवा हिंसक हमला हुआ था। जिस हमले में योगी जी बाल बाल बचे।
इस हमले में 100 से भी ज्यादा वाहनों को हमलावरों ने घेर लिया था और बेचारे निहत्थे लोगों को लहूलुहान भी किया। आदित्यनाथ को गोरखपुर दंगों के दौरान गिरफ्तार किया गया जब मुस्लिम त्यौहार मोहर्रम के दौरान फायरिंग में एक हिन्दू युवा की जान चली गयी।
जिलाधिकारी ने बताया कि वह बुरी तरह जख्मी है। तब अधिकारियों ने योगी को उस जगह जाने से मना कर दिया परन्तु योगी आदित्यनाथ उस जगह पर जाने को अड़ गए तब उन्होंने शहर में लगे कर्फ्यू को हटाने की मांग की। अगले दिन उन्होंने शहर के मध्य श्रद्धांजलि सभा का आयोजन करने की घोषणा की लेकिन जिलाधिकारी ने इसकी अनुमति देने से साफ मना कर दिया।
योगी आदित्यनाथ ने भी इसकी चिंता नहीं की और हजारों समर्थकों के साथ अपनी गिरफ़्तारी करवा दी। आदित्यनाथ को सीआरपीसी (CRPC) की धारा (Act) 151A, 146, 147, 279, 506 के तहत जेल भेज दिया गया। उनपर कार्यवाही का असर हुआ कि मुंबई-गोरखपुर गोदान एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे फूंक दिए गए, जिसका आरोप उनके संगठन हिन्दू युवा वाहिनी पर लगा दिया।
ये दंगे पूर्वी उत्तर प्रदेश के 6 जिलों और तीन मामलों में भी फैला गया था। योगी आदित्यनाथ की गिरफ्तारी के अगले दिन जिलाधिकारी हरिओम और पुलिस प्रमुख राजा श्रीवास्तव का तबादला हो गया था।
माना तो ये जा रहा था कि योगी आदित्यनाथ के दबाव के कारण मुलायम सिंह यादव की उत्तर प्रदेश सरकार को यह कार्यवाही करनी पड़ी। योगी आदित्यनाथ धर्मांतरण के खिलाफ थे, ऐसे तो योगी आदित्यनाथ जी सन्यासी थे और अपने घर वापस जाने के लिए काफी चर्चित रहे।
सन् 2005 में योगी आदित्यनाथ ने कथित तौर पर 1800 ईसाई का शुद्धीकरण कर हिन्दू धर्म में शामिल कराया। ईसाईयों के इस शुद्धीकरण का काम उत्तर प्रदेश के एटा जिले में किया गया। (Biography of Yogi Adityanath)
योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री कब बने थे?
उत्तर प्रदेश के लिए योगी आदित्यनाथ जी का मुख्यमंत्री बनना बहुत बड़ा बदलाव था। योगी आदित्यनाथ का मुख्यमंत्री पद रविवार, 19 मार्च 2017 को उत्तर प्रदेश के लखनऊ में शपथ समारोह में योगी आदित्यनाथ को शपथ दिला कर सम्पूर्ण हुई।
शपथ समारोह लखनऊ के कांशीराम स्मृति उपवन में हुआ। इनके साथ दो उप-मुख्यमंत्री भी बनाए गए। उत्तर प्रदेश के राजनीतिक इतिहास में पहली बार दो उप-मुख्यमंत्री बने।
समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और पार्टी के कई वरिष्ठ नेता शामिल थे। मंच पर अखिलेश यादव और मुलायम सिंह भी मौजूद रहे।
Biography of Yogi Adityanath योगी आदित्यनाथ जीवनी
राजनीति में योगी आदित्यनाथ को फायरब्रांड हिंदू नेता माना है, उनके कई बयानों ने विवादों का रूप लिया है, उनके विवादित बयानों की लिस्ट थोड़ी सी लंबी है।
जून 2016: ‘जब अयोध्या में विवादित ढांचा गिराने से कोई नहीं रोक सका तो मंदिर बनाने से कौन रोकेगा।’
अक्टूबर 2016: “मूर्ति विसर्जन से होने वाला प्रदूषण दिखता है लेकिन बकरा ईद के दिन हजारों निर्दोष पशु काटे गए काशी में, उनका ख़ून सीधे गंगा जी में बहा है क्या वो प्रदूषण नहीं था?”
अक्टूबर 2015: दादरी हत्याकांड पर योगी ने कहा – “यूपी कैबिनेट के मंत्री आजम खान ने जिस तरह यूएन (UN) जाने की बात कही है, उन्हें तुरंत बर्खास्त किया जाना चाहिए। आज ही मैंने पढ़ा कि अख़लाक़ पाकिस्तान गया था और उसके बाद से उसकी गतिविधियां बदल गई थी, क्या सरकार ने ये जानने की कभी कोशिश की कि ये व्यक्ति पाकिस्तान क्यों गया था? आज उसे महिमामंडित किया जा रहा है।”
जून 2015: “जो लोग योग का विरोध कर रहे हैं उन्हें भारत छोड़ देना चाहिए, जो लोग सूर्य नमस्कार को नहीं मानते उन्हें समुद्र में डूब जाना चाहिए।”
अगस्त 2015: “मुस्लिमों की जनसंख्या तेजी से बढ़ना खतरनाक रुझान है, यह एक चिंता का विषय है, इस पर केंद्र सरकार को कदम उठाते हुए मुसलमानों की आबादी को काम करने की कोशिश करनी चाहिए।”
फरवरी 2015: “अगर उन्हें अनुमति मिले तो वो देश के सभी मस्जिदों के अंदर गौरी-गणेश की मूर्ति स्थापित करवा देंगे। आर्यावर्त ने आर्य बनाए, हिंदुस्तान में हम हिंदू बना देंगे। पूरी दुनिया में भगवा झंडा फहरा देंगे, मक्का में गैर मुस्लिम नहीं जा सकता है, वैटिकन में ग़ैर ईसाई नहीं जा सकता है। हमारे यहां हर कोई आ सकता है।”
अगस्त 2014: लव जेहाद को लेकर योगी का एक वीडियो सामने आया था। इसमें वे अपने समर्थकों से कहते सुनाई दे रहे थे कि हमने फैसला किया है कि अगर वे एक हिंदू लड़की का धर्म परिवर्तन करवाते हैं तो हम 100 मुस्लिम लड़कियों का धर्म परिवर्तन करवाएंगे। बाद में योगी ने वीडियो के बारे में कहा कि मैं इस मुद्दे पर कोई सफाई नहीं देना चाहता।
योगी आदित्यनाथ जी के विवादपूर्ण बयान से कुछ लोगों के ह्रदय में ख़ुशी और कुछ के ह्रदय में दुःख ने वास कर लिया है। योगी आदित्यनाथ के बारे में जानना बेहद ख़ुशी की बात होगी।
महामारी के बढते प्रकोप को देखते हुए बहुत बड़ी घोषणा
भारत में इस समय सबसे बड़ी समस्या चल रही है जिसका नाम है “कोरोना वायरस”।
यह अभी तक सबसे बड़ी समस्या और महामारी घोषित हो चुकी है, ऐसे में उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी अपने क्षेत्र को बचाने के लिए कठोर से कठोर कदम उठा रहे है।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने इस महामारी के बढते प्रकोप को देखते हुए बहुत बड़ी घोषणा की है जिसमें उन्होने 1 दिन का जनता कर्फ्यू रखा था लेकिन उससे खास फायदा नहीं हुआ। यह देखते हुए मोदी जी ने 31 मार्च 2020 तक पूरे भारत में जनता कर्फ्यू रखा था परंतु उससे भी उन्हे फायदा नजर नहीं तब उन्होने पूरे 21 दिन का जनता कर्फ्यू रख दिया है।
2020 में सम्पूर्ण भारत पर कोरोना वायरस का महा प्रकोप है ऐसे में सम्पूर्ण भारत अपना योगदान दे रहा है।
भारत में इस महामारी से लड़ने के लिए अस्पताल में वो सुविधा नहीं है जो होनी चाहिए इसलिए दुनिया भर के लोग PM cares में कुछ धन राशि जमा कर रहे है, ऐसे मुश्किल समय में योगी आदित्यनाथ जी ने भी कठोर कदम उठाए है।
CM योगी ने मनरेगा के तहत 27.5 लाख मजदूरों को बांटे 611 करोड़ रुपये (30/03/2020)
भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus) के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा लगाए गए 21 दिनों के लॉकडाउन के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adiyanath) ने सोमवार को मनरेगा के तहत मजदूरों को पैसे वितरित किए हैं।
सीएम योगी ने उत्तर प्रदेश के 27.5 लाख मजदूरों को 611 करोड़ रुपये बांटे हैं। यह रुपये मजदूरों के बैंक अकाउंट में सीधे ट्रांसफर किए गए हैं। इस दौरान सीएम योगी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कुछ लाभार्थियों से बात भी की और उन्हें इस योजना के बारे में जानकारी दी।
राज्य सरकार द्वारा आर्थिक मदद वितरित किए जाने की खबर सुनते ही मजदूरों ने सीएम योगी को धन्यवाद दिया।
कोरोना संकट से निपटने के लिए सीएम योगी ने सभी अफसरों को दिए निर्देश जिसकी वजह से उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस पर नियंत्रण की कोशिश की गयी।
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने आदेश दिए हैं कि कोरोना के चलते जो उद्यम या संस्थान लॉकडाउन के चलते बंद रहे हैं, उन संस्थानों को उनके हर कर्मचारी को वेतन देना ही होगा। इस बारे में अधिकारियों को कर्मचारियों को वेतन दिलाने के लिए कहा गया है।
यूपी सरकार का कहना है कि हर गरीब, दिहाड़ी मजदूर को सरकार एक हजार रूपए देगी। सरकार का कहना है कि मजदूर भले ही किसी भी प्रदेश के हों यह राशि सभी को दी जाएगी। अफसरों को कहा गया है कि मजदूर किसी भी कोने में हो, उनको ढूंढा जाए और पैसे दे दिए जाएंगे।
success rules सफलता आन्तरिक नियमो से मिलती है ।
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