Dhanteras 2023 Date, Timing इस साल धनतेरस कब है? जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त, महत्व और विधि

Dhanteras Date Timing: हिंदू धर्म में दिवाली का बहुत अधिक महत्व होता है। हर किसी को इस महापर्व का साल भर इंतजार रहता है। धूमधाम से मनाए जाने वाले त्योहार दीपावली की शुरुआत धनतेरस से हो जाती है। धनतेरस का पर्व छोटी दिवाली से एक दिन पहले मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की तेरहवीं या त्रयोदशी तिथि पर धनतेरस का पर्व मनाया जाता है। इस दिन धन्वंतरि देव, लक्ष्मी जी और कुबेर देव की पूजा अर्चना की जाती है। इस दिन कोई भी समान खरीदना बहुत ही शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन खरीदी गई चल-अचल संपत्ति में तेरह गुणा वृद्धि होती है। यही वजह है कि लोग इस दिन बर्तनों की खरीदारी के अलावा सोने-चांदी की चीजें भी खरीदते हैं।

वैदिक पंचांग के अनुसार धनतेरस का त्योहारहर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी​ तिथि को मनाते हैं। वहीं धनतेरस को धन त्रयोदशी व धन्वंतरी जयंती के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन धन के देवता कुबेर और धंवन्तरी देव की पूजा करने का विधान है। इस दिन सोना, चांदी, बर्तन खरीदना बेहद शुभ माना जाता है। मान्यता है कि धनतेरस के दिन खरीदारी करने से घर में बरकत आती है। इस साल धनतेरस का त्योहार 23 अक्तूबर को मनाया जाएगा। वहीं धनतेरस के दिन 27 साल बाद एक विशेष संयोग बन रहा है।

Dhanteras Date Timing 2023

हिंदू धर्म में ​दिवाली का विशेष महत्व है और इतना ही महत्व धनतेरस का भी है। धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी और कुबेर का पूजन किया जाता है। इस दिन कोई नई वस्तु खरीदना बेहद ही शुभ माना गया है। खासतौर पर यदि धनतेरस के दिन सोना या चांदी की खरीददारी की जाए तो इससे घर में बरकत आती है। साथ नया वाहन या जमीन भी धनतेरस के लिए दिन लेना शुभ होता है।

शास्त्रों के मुतााबिक धनतेरस के दिन ही समुद्र मंथन के दौरान मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर प्रकट हुए थे। इस वजह से धनतेरस के दिन इनकी पूजा होती है। इस दिन देवी लक्ष्मी को अर्पित करने के लिए भोग प्रसाद के रूप में कई तरह के पकवान तैयार किए जाते हैं। धनतेरस के दिन नकारात्मक ऊर्जा से छुटकारा पाने के लिए घरों की साफ-सफाई की जाती है। इस दिन सोना, चांदी, पीतल और तांबे की वस्तुएं खरीदना सुभ माना जाता है। इसके अलावा देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्तियां, झाड़ू, इलेक्ट्रॉनिक्स और घरेलू उपकरण या फर्नीचर की खरीदारी की जाती है।

Dhanteras Date Timing

Dhanteras 2023 Date, Timing Details

Festival Dhanteras
Pradosh Kaal 5:45 pm to 8:17 pm
Vrishabha Kaal 7:01 pm to 8:56 pm
Trayodashi Tithi Begins 6:02 pm on Oct 22, 2023
Trayodashi Tithi Ends 6:03 pm on Oct 23, 2023
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इस साल धनतेरस कब है? (Dhanteras Date Timing)

हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन धनतेरस का त्योहार होता है। इस साल त्रयोदशी तिथि 22 अक्टूबर को शाम 6 बजकर 2 मिनट पर शुरू होगी। और इसका समापन 23 अक्टूबर की शाम 5 बजकर 44 मिनट पर होगा। उदयातिथि के अनुसार धनतेरस का त्योहार 23 अक्टूबर को मनाया जाएगा। पंचांग के अनुसार, इस साल धनतेरस 23 अक्टूबर 2023 को है। धनतेरस के दिन धन के देवता कुबेर की पूजा की जाती है। साथ ही इस दिन सोना, चांदी या बर्तन आदि खरीदना बेहद शुभ माना जाता है।

धनतरेस 2023 शुभ मुहूर्त

कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ – 22 अक्टूबर 2023, शाम 6 बजकर 02 मिनट से
त्रयोदशी तिथि का समापन- 23 अक्टूबर 2023, शाम 6 बजकर 03 मिनट पर
इस दिन धन्वंतरि देव की पूजा का शुभ मुहूर्त – 23 अक्टूबर 2023 रविवार, 5 बजकर 44 मिनट से 06 बजकर 05 मिनट तक

धनतेरस पर बन रहा शुभ संयोग

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार इस बार सालों बाद धनतेरस पर शुभ संयोग बन रहा है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि योग बन रहा है। स्कंद पुराण में वर्णित श्लोक के अनुसार सर्वार्थ सिद्धि योग में पूजा व व्रत का फल दोगुना हो जाता है।

धनतेरस पर बना है त्रिपुष्कर योग

इस साल धनतेरस पर त्रिपुष्कर योग बना हुआ है। इस योग में आप जो भी कार्य करेंगे। उसका तीन गुना फल आपको प्राप्त होगा। धनतेरस के दिन त्रिपुष्कर योग दोहपर 01:50 बजे से शुरू हो रहा हे। और यह शाम को 06:02 बजे तक रहेगा।

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पूजा विधि (Dhanteras Date Timing)

इस दिन प्रभु श्री गणेश, माता लक्ष्मी, भगवान धनवंतरि और कुबेर जी की पूजा की जाती है। शाम के समय प्रदोष काल में पूजा करना शुभ माना जाता है। जानिए पूजन विधि :-

  • धनतेरस के दिन प्रात:काल सूर्योदय से पूर्व उठकर घर की साफ-सफाई करके पोंछा लगाएं।
  • घर के बाहर भी आंगन को झाड़ू से बुहारें।
  • स्नानादि से निवृत्त होकर विभिन्न रंगों और फूलों से घर मुख्य प्रवेश द्वार के बाहर रंगोली सजाएं।
  • पूजा स्थान को भी साफ करके भी देवताओं का पूजन करें।
  • धनतेरस की पूजा सायंकाल के समय की जाती है। सू
  • र्यास्त के बाद पूजा स्थान में उत्तर दिशा की ओर यक्षराज कुबेर और धनवंतरि की मूर्ति या चित्र स्थापित करके उनकी पूजा करें।
  • इससे पहले भगवान गणेश और लक्ष्मी का पूजन भी करें।
  • कुबेर को मावे की सफेद मिठाई या खीर का नैवेद्य लगाएं तथा धनवंतरि को पीली मिठाई भोग के रूप में अर्पित करें।
  • पूजा में पीले-सफेद फूल, पांच प्रकार के फल, चावल, रोली, चंदन, धूप व दीप का इस्तेमाल करें।

धनतेरस पूजा विधि, क्या करें?

  • धनतेरस की तैयारी पहले से कर लें। अगर आप सोना या इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी महंगी चीजें खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो साल की शुरुआत से इसके लिए बचत करना शुरू कर देना ही समझदारी है।

  • दिन की शुरुआत जल्दी करें। आप एक दिन पहले घर की सफाई कर सकती हैं और आरती व पूजा के लिए चीजें तैयार कर सकती हैं।

  • धनतेरस के दिन गाय की पूजा करना बहुत पवित्र माना जाता है। अगर आपके आस पास गौशाला है, तो आप वहां जाकर उनके चारे के लिए पैसे दान कर सकती हैं या केले या गुड़ चढ़ा सकती हैं।

  • चूंकि भगवान धन्वंतरि को उपचारक माना जाता है, इसलिए लोगों को उनकी स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों के लिए मदद करना एक शुभ कार्य माना जाता है। आप लोगों के इलाज के लिए पैसे दे सकती हैं या दवाएं दान कर सकती हैं।

  • धनतेरस पर भगवान को कुछ प्रसाद चढ़ाएं। यह मिठाई और नमकीन की पूरी थाली या केले हो सकती हैं। पड़ोसियों और परिवार के अन्य सदस्यों को प्रसाद बांटें। यह धनतेरस पूजा विधि का महत्वपूर्ण भाग है।

पूजा विधि, क्या न करें?

  • धनतेरस पर नई चीजें खरीदने का कारण ऐसा माना जाना है कि इससे धन कई गुना बढ़ जाता है और सौभाग्य आता है। इसलिए इस दिन चीजों को बेचने से बचें, खासकर ऐसी चीजें जिनसे आप भावनात्मक रुप में जुड़ी हों।

  • धनतेरस पूजा विधियों में से एक इस दिन अच्छा व मनभावन भोजन करना है। कुछ परिवार बहुत मसालेदार या बहुत अधिक तैलीय भोजन नहीं करना पसंद करते हैं और प्याज व लहसुन से दूर रहते हैं। यह भी सलाह दी जाती है कि इस दिन शराब और तंबाकू उत्पादों से दूर रहें।

  • इस दिन दूसरों की भावनाओं को ठेस न पहुंचाएं। सभी के साथ अच्छा व्यवहार करें और सभी के प्रति दयालु रहें।

  • लड़ाई-झगड़ा कर घर में नकारात्मक माहौल न बनाएं। सुनिश्चित करें कि हर कोई खुश और संतुष्ट हो।

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धनतेरस पर क्या खरीदना चाहिए?

धनतेरस पर सोना खरीदाना सबसे शुभ माना जाता है। आप सोने के गहने या सोने के सिक्के खरीद सकती हैं, यही वजह है कि इस दिन सभी आभूषण की दुकानों पर भीड़ होती है। सोना एक कीमती धातु है एवं समृद्धि का प्रतीक है। ऐसा माना जाता है कि, सोने में निवेश करने से कभी नुकसान नहीं होता है, और इसलिए, धनतेरस एक ऐसा दिन है जब परिवार निवेश करके अपनी संपत्ति को बढ़ाते हैं।

Dhanteras Date Timing

हर कोई सोना नहीं खरीद सकता। अगर आप भी ऐसा नहीं कर सकती हैं, तो चिंता न करें। धनतेरस पर क्या खरीदना चाहिए, इसकी लिस्ट में चांदी भी बहुत शुभ मानी जाती है। आप चांदी के गहने, देवी-देवताओं की मूर्ति, चांदी के बर्तन, या चांदी की सजावट के सामान भी खरीद सकती हैं। चांदी की कीमत भी बढ़ती रहती है, और इसे एक ऐसा निवेश माना जाता है जो केवल समय के साथ बढ़ेगा।

Dhanteras Date Timing

अपने बर्तन की शेल्फ को फिर से सजाने का धनतेरस एक अच्छा दिन है। आप अपनी रसोई के लिए पीतल, तांबा, चांदी या मिट्टी के बर्तन भी खरीद सकती हैं और उनमें सबसे पहले प्रसाद तैयार कर सकती हैं। कुछ लोगों का कहना है कि धनतेरस के दिन खाली बर्तन घर में नहीं लाना चाहिए। इसलिए इसे चावल, दूध या दाल से भरकर अंदर ले आएं। खाना पकाने और घर वालों को खिलाने के लिए बर्तन का उपयोग किया जाता है और इसलिए इसे समृद्धि का संकेत माना जाता है।

Dhanteras Date Timing

अगर आप कुछ समय से अपने टेलीविजन, फोन या अन्य इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं को अपग्रेड करना चाहती हैं, तो धनतेरस ऐसा करने का सही समय है। इलेक्ट्रॉनिक शोरूम में भी धनतेरस पर काफी भींड रहती है और आमतौर पर सुबह से देर रात तक खुले रहते हैं। धनतेरस पर नए इलेक्ट्रॉनिक्स खरीदने की अच्छी बात यह है कि आप दिवाली सेल का लाभ उठाकर बड़ी छूट भी प्राप्त कर सकती हैं।

Dhanteras Date Timing

घर को साफ करने और गंदगी व धूल को हटाने के लिए झाड़ू का इस्तेमाल किया जाता है। यही वजह है कि धनतेरस पर क्या खरीदना चाहिए, इसकी सूची में झाड़ू का नाम आता है। ऐसा कहा जाता है कि नई झाड़ू खरीदने और पुरानी को हटाने से पैसे से जुड़ी सभी परेशानियां खत्म होती है और नई सकारात्मक ऊर्जा आती है।

Dhanteras Date Timing

धनतेरस पर नई चीजें खरीदने के पीछे का विचार घर में सकारात्मक ऊर्जा लाना और सदस्यों को त्योहार को लेकर उत्साहित करना है। ऐसा करने का सबसे अच्छा तरीका है नए कपड़े खरीदना। परिवार को पसंद आने वाले कपड़े खरीदें और उनके चेहरे पर मुस्कान लाएं।

Dhanteras Date Timing

इस दिन पूजा घर में देवी-देवताओं की नई मूर्तियां लाने का सही दिन है। आप पीतल, चांदी, संगमरमर या लकड़ी की मूर्तियाँ खरीद सकती हैं, आरती कर सकती हैं और उन्हें अपने पूजा घर में रख सकती हैं।

Dhanteras Date Timing

धनतेरस के पीछे की कहानी (Dhanteras Date Timing)

धनतेरस के पीछे एक दिलचस्प कहानी है, जिसके कारण लोग इस दिन भगवान यमराज की पूजा करते हैं। लोकप्रिय पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक राजा के पुत्र की कुंडली में लिखा था कि उसकी शादी के चौथे दिन उसे सांप काट लेगा और उसकी मृत्यु हो जाएगी। हालाँकि, जब चौथा दिन आया, तो उसकी पत्नी ने इससे बचाने के लिए उसे जगाए रखने का उपाय निकाला। उसे जगाए रखने के लिए, पत्नी ने कई कहानियाँ सुनाईं, और साँप को लुभाने के लिए; उसने प्रवेश द्वार पर गहने और सिक्के रखे।

ऐसा माना जाता है कि मृत्यु के देवता सांप के रूप में आए थे। गहनों और सिक्कों से वो विचलित हो गए। मृत्यु के देवता भी पत्नी की कहानियों से प्रभावित हुए और इस तरह उसने अपने पति के जीवन को बचा लिया।

एक अन्य प्रसिद्ध कहानी भगवान धन्वंतरि, भगवान विष्णु के अवतार और देवताओं के चिकित्सक की है। इस कहानी के अनुसार, जब असुरों और देवों ने अमृत (अमरता का पवित्र अमृत) के लिए समुद्र मंथन किया, तो धन्वंतरि धनतेरस पर अमृत का एक जार लेकर प्रकट हुए।
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धनतेरस पूजा महत्व (Dhanteras Date Timing)

हिंदू कैलेंडर के मुताबिक धनतेरस कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन अर्थात दिवाली से दो दिन पहले मनाया जाता है। “धन का मतलब समृद्धि और तेरस का मतलब तेरहवां दिन होता है। धनतेरस यानी अपने धन को तेरह गुणा बनाने और उसमें वृद्धि करने का द‌िन”। कारोबारियों के लिए धनतेरस का खास महत्व होता है क्योंकि धारणा है। कि इस दिन लक्ष्मी पूजा से समृद्धि, खुशियां और सफलता मिलती है। साथ ही सभी के लिए इस पूजा का खास महत्व होता है।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, समुद्र मंथन के समय भगवान धन्वंतरि इसी दिन अपने हाथों में अमृत का कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसलिए इस दिन उनका पूजन किया जाता है। धनतेरस के दिन धन की देवी लक्ष्मी, धन कोषाध्यक्ष कुबेर और भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन विधि पूर्वक पूजा करने से घर में धन की कमी नहीं होती है। इस दिन बर्तन खरीदने की परंपरा है।

निष्कर्ष (Dhanteras Date Timing)

धनतेरस का त्योहार इस बार 23 अक्टूबर को दिवाली से एक दिन पहले मनाया जाएगा। अमूमन ये त्योहार दिवाली से दो दिन पहले मनाया जाता है। लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। दरअसल इस बार छोटी दिवाली और बड़ी दिवाली एक ही दिन पड़ रही है। हिंदू पंचांग अनुसार छोटी दिवाली कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को मनाई जाती है वहीं बड़ी दिवाली कार्तिक अमावस्या को मनाई जाती है। धनतेरस के दिन बर्तन की खरीदारी करना शुभ माना जाता है। इस दिन लोग स्टील के बर्तन विशेष तौर पर खरीदते हैं। इसी के साथ इस खास दिन पर सोना, चांदी, पीतल आदि खरीदना भी शुभ माना गया है। इसके अलावा धनतेरस पर धनिया खरीदना और झाड़ू खरीदना भी बेहद शुभ होता है।

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