Dhanteras Lakshmi, Kuber Pooja – हिंदू धर्म में धनतेरस का बहुत अधिक महत्व होता है। दिवाली से पूर्व धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है। धनतेरस के दिन देवी लक्ष्मी की पूजा होती ही है। क्योंकि उन्हें धन की देवी माना जाता है। लेकिन इस दिन कुबेर जी की पूजा का भी विशेष महत्व होता है। लेकिन क्यों कुबेर जी की पूजा धनतेरस पर विशेष रूप से होती है। धनतेरस का पर्व धन से जुड़े कार्यों के लिए बहुत ज्यादा शुभ होता है। यह दिन मुख्य रूप से देवी लक्ष्मी को समर्पित किया गया है। माता लक्ष्मी जी की पूजा से धन और समृद्धि का लाभ मिलता है।
देवी लक्ष्मी धन और धन की प्रतीक हैं जबकि भगवान कुबेर इन सभी धन के रक्षक के रक्षक हैं। वे उस धन के रखवाले हैं जिसे परमेश्वर ने बनाया है। इनकी एक साथ पूजा करने से यश, समृद्धि, दैवीय सुख, धन, मानसिक और आर्थिक संतुष्टि मिलती है।आपको बता दें कि इस दिन लोग कुबेर जी की भी पूजा करते हैं। उनकी पूजा करने का भी बहुत अधिक महत्व होता है। आपको बता दें कि इस दिन कुबेर जी को धन और वैभव का देवता माना जाता है। हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार धनतेरस के दिन कुबेर जी की पूजा करने का विशेष महत्व होता है और वह अपने भक्तों के धन की रक्षा भी करते हैं। साथ ही कुबेर जी की पूजा से घर से दरिद्रता भी दूर हो जाती है।
Dhanteras Lakshmi, Kuber Pooja 2023
हिंदू ग्रंथों की मान्यताओं के अनुसार हर देवी-देवता के पास एक-एक जिम्मेदारी दी गई थी। भगवान शिव ने देवताओं के धन की रक्षा के लिए कुबेर जी को इसका भार सौंपा था। इसके बाद से ही भगवान कुबेर ने सभी देवताओं के धन को हमेशा सुरक्षित रखा इसलिए उन्हें देवताओं के धन का धनाध्यक्ष भी कहा जाता है। कुबेर जी देवताओं के धन को उचित रूप से संग्रह करके रखते थे और कभी भी धन में व्यर्थ नहीं होने देते थे। ऐसा माना जाता है कि कुबेर जी की वजह से ही देवताओं ने हमेशा अपने धन का सदुपयोग किया था।
इस कारण से ही आज भी धन के देवता के रूप में कुबेर जी की पूजा की जाती है। लोगों का यह भी मानना है कि धनतेरस के दिन जो भी धन खरीदा जाता है और कुबेर जी को अर्पित किया जाता है तो उसका विशेष फल प्राप्त होता है और धन की रक्षा भगवान कुबेर स्वयं करते हैं। आपको बता दें कि ऐसा भी माना जाता है कि जिस व्यक्ति के पास धन की कमी होती है और वह नियमित रूप से और विधि-विधान के साथ भगवान कुबेर जी की पूजा करते हैं तो उनकी धन से जुड़ी समस्या समाप्त हो सकती है। देवी लक्ष्मी और भगवान कुबेर की एक साथ पूजा करने से आर्थिक और आर्थिक समृद्धि आती है। दिवाली के पहले दिन धनतेरस के दिन देवी लक्ष्मी और भगवान कुबेर के साथ-साथ भगवान धन्वंतरि की भी पूजा की जाती है।
Dhanteras Lakshmi, Kuber Pooja 2023 Details
Festival | Dhanteras Lakshmi, Kuber Pooja |
कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि | 22, 23 अक्टूबर |
शुभ मुहूर्त शुरुआत | 22 अक्टूबर दिन शनिवार को शाम 6.02 बजे से |
समापन | 23 अक्टूबर की शाम 6.03 बजे तक |
Category | Trending |
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धनतेरस लक्ष्मी, कुबेर पूजा क्यों करते है?
पंच दिवसीय दिवाली के महापर्व की शुरुआत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि यानी धनतेरस से होती है। इस साल 23 अक्टूबर को धनतेरस का त्योहार मनाया जाने वाला है। धनतेरस पर्व मां लक्ष्मी की पूजा के साथ धन के देवता कुबेर और आरोग्य के देवता भगवान धन्वंतरि की विशेष पूजा के लिए जाना जाता है। इस दिन सोने-चांदी की चीजें, बर्तन और नया वाहन खरीदना बहुत शुभ माना गया है। धनतेरस के दिन की जाने वाली पूजा के लिए कुछ खास उपाय और नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करने से व्यक्ति के घर में धन-धान्य का भंडार भरा रहता है।
दिवाली से पहले धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है।, इस दिन खास आरोग्य के देवता धन्वंतरि और धन कुबेर की पूजा की जाती है। भगवान कुबेर को भी देवी लक्ष्मी का भाई माना जाता है। क्योंकि वह देवताओं के धन-संपत्ति के खजांची हैं, इसलिए धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी के साथ इनकी भी पूजा होती है। ताकि आप पर इनकी भी कृपा बरसती रहे। धनतेरस को धन त्रियोदशी के नाम से भी जाना जाता है. मान्यता है। कि इस दिन शुभ मुहूर्त में पूजा-उपासना करने से पैसों में बढ़ोतरी होती है।
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धनतेरस के इन 5 उपायों से बरसेगा मां लक्ष्मी और कुबेर देवता का आशीर्वाद
दीपावली के पहले का दिन धनतेरस का दिन होता है। इस साल धनतेरस 23 अक्टूबर 2023 दिन रविवार को पड़ रह है। इस दिन मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए पूजा की जाती है। हिंदू धर्म के मन्यताओं के अनुसार पंच महापर्व दीपावली की शुरुआत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी यानि धनतेरस से होती है। धनतेरस के दिन धन के देवता कुबेर और आरोग्य के देवता धनवंतरी की पूजा होती है। धनतेरस के दिन इनकी पूजा करना बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन चाहे व्यवसायी वर्ग हो या फिर घर की पूजा सब लोग मां लक्ष्मी की कृपा पाने धनतेरस के दिन विशेष पूजा करते है। धनतेरस के दिन ऐसी मान्यता है की इस दिन सोना, चांदी,बर्तन या फिर नया वाहन खरीदना बहुत शुभ माना जाता हैं।
झाडू़ लाती है गुडलक
ऐसी मान्यता है की धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदते है। झाड़ू खरीदने के बाद उसकी पूजा की जाती है। धनतेरस के दिन कुछ चीजों को खरीदना बहुत शुभ माना जाता है। कहा जाता है की धनतेरस के दिन दिन झाड़ू खरीदने से घर की दरिद्रता दूर हो जाती हैं। धनतेरस के दिन हर घर में एक नई झाड़ू जरूर खरीदना चाहिए. मत्स्य पुराण के अनुसार, झाड़ू को मां लक्ष्मी का रूप माना जाता है। घर में झाड़ू के पैर लग जाए तो इसे भी अशुभ माानते हैं। मान्यताओं के मुताबिक, झाड़ू को सुख-शांति बढ़ाने और दुष्ट शक्तियों का सर्वनाश करने वाला भी बताया गया है। ऐसी मान्यता है। कि झाड़ू घर से दरिद्रता हटाती है। और इससे दरिद्रता का नाश होता है।
वस्त्र दान है महादान
अपनी क्षमता के अनुसार धनतेरस के दिन जरूरतमंदों को दान देना अच्छा होता है। वैसे भी हिंदू धर्म के अनुसार किसी भी तीज त्यौहार में गरीबों को दान करने का महत्व है। धनतेरस के दिन वस्त्रों को दान करने से मां लक्ष्मी की रहती है। कहते है की वस्त्रों को दान करने से मां लक्ष्मी अत्यंत प्रसन्न होती है। इनकी कृपा हो जाए तो कभी भी धन की कमी नहीं होगी।
लोहा खरीदने से बचे
धनतेरस के दिन कुछ चीजों को खरीदना शुभ होता है लेकिन बहुत लोगों को पता नहीं होता है की इस दिन कुछ चीजों को नहीं खरीदते है जैसे की लोहा। धनतेरस के दिन लोहा खरीदना अच्छा नहीं माना जाता है। मान्यता है कि धनतेरस के दिन कांच, चीनी मिट्टी का सामान और लोहे के बर्तन नहीं खरीदने चाहिए।
उधार का लेन-देन अशुभ
धनतेरस के दिन किसी को भी एक पैसा का उधारी ना दे। क्योंकि ऐसा करना अशुभ माना जाता है। अगर आपको पैसों का लेन देन करना है तो धनतेरस के एक दिन पहले ही पैसों का लेन देन कर ले। धनतेरस पर धन के लेन-देन से मां लक्ष्मी रुष्ट हो जाती हैं। जिससे व्यक्ति की अर्थिक वृद्धि रुक जाती है और उसके पास धन नहीं रुकता है।
आरोग्य के लिए करें ये उपाय
धनतेरस के दिन सिर्फ धन प्राप्ति के लिए उपाय नहीं किए जाते है बल्कि इस दिन व्यक्ति आरोग्य रहे इसके भी उपाय किए जाते है। ऐसी मान्यता हैं कि धनतेरस के दिन ही भगवान धन्वंतरि का जन्म हुआ था। ऐसे में इस दिन उनका आशीर्वाद पाने के लिए विशेष रूप पूजा किया जाता है, और साथ ही यम देवता के नाम अपने घर के बाहर चौमुखा दीपक जलाने का विधान है।
पूजा विधि (Dhanteras Lakshmi, Kuber Pooja)
- धनतेरस के दिन शाम के वक्त शुभ मुहूर्त में उत्तर की ओर कुबेर और धन्वंतरि की स्थापना करें।
- मां लक्ष्मी व गणेश की भी प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। फिर दीप प्रज्वलित करें और विधिवत पूजन करना आरंभ करें।
- तिलक करने के बाद पुष्प, फल आदि चीजें अर्पित करें।
- कुबेर देवता को सफेद मिष्ठान और धन्वंतरि देव को पीले मिष्ठान का भोग लगाएं।
- पूजा के दौरान ‘ऊँ ह्रीं कुबेराय नमः’ इस मंत्र का जाप करते रहें।
- भगवान धन्वंतरि को प्रसन्न करने के लिए इस दिन धन्वंतरि स्तोत्र का पाठ जरूर करें।
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धनतेरस की कथा (Dhanteras Lakshmi, Kuber Pooja)
पौराणिक कथा के अनुसार एक बार भगवान विष्णु ने पृथ्वीं लोक पर भ्रमण करने के लिए सोचा उन्होंने यह बात माता लक्ष्मी से कही तो उन्होंने भी भगवान विष्णु के साथ चलने के लिए कहा। लेकिन विष्णु जी ने लक्ष्मी जी से कहा कि आप मेरे साथ तब ही चल सकती हैं। जब आप मेरी बात मानेंगी। लक्ष्मी जी ने विष्णु जी को इसके लिए हां कर दिया। इसे बाद दोनों पृथ्वीं लोक पर चले गए। पृथ्वीं लोक पर जाने के बाद विष्णु जी ने लक्ष्मी जी से कहा की आप यही रहो और मेरी प्रतीक्षा करो लेकिन जिस दिशा में मैं जा रहा हूं। उस और बिल्कुल मत देखना। यह कहकर भगवान विष्णु वहां से चल दिए।
लेकिन लक्ष्मी जी नहीं मानी और विष्णु जी के पीछे चल दी। थोड़ी दूर जाने पर उन्होंने एक सरसो का खेत देखा जहां जाकर उन्होंने फूल तोड़े और अपना श्रृंगार किया। लेकिन विष्णु जी ने उन्हें देख लिया और उन्हें श्राप दिया कि तुमने चोरी की है। इसलिए तुम्हें 12 साल तक इस किसान की सेवा करनी पड़ेगी। जिसके बाद माता लक्ष्मी उस किसान के घर चली गई। वह किसान बहुत गरीब था। जब वहां लक्ष्मी जी पहुंची तो उन्होंने किसान से उनके घर रहने के लिए कहा। किसान ने एक बूढ़ी औरत को देखकर हां कर दिया।जिसके बाद उस किसान का घर धीरे- धीरे अन्न और धन से भर गया। इस तरह 12 साल बीत गए और जब भगवान विष्णु माता लक्ष्मी को लेने के लिए आए तो उस किसान ने माता लक्ष्मी को भेजने से मना कर दिया।
धनतेरस का महत्व
हिंदू धर्म में धनतेरस से ही दीपावली का पर्व शुरू हो जाता है। इसी कारण से धनतरेस को बहुत अधिक महत्व दिया जाता है। पांच दिनों तक मनाए जाने वाले दीपावली पर्व में धनतेरस से ही भगवान गणेश, माता लक्ष्मी और कुबेर जी की पूजा आरंभ कर दी जाती है। पुराणों के अनुसार जिस समय देवता और असुर समुद्र मंथन कर रहे थे। उस समय समुद्र मंथन में से 14 रत्न निकले थे। इन्हीं में से एक भगवान धनवतंरी धनत्रयोदशी के दिन अपने हाथ में पीतल का अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसी कारण से इस दिन पीतल की वस्तुएं खरीदना बहुत ही शुभ माना जाता है।
वहीं मान्यताओं के अनुसार इस दिन घर में नई वस्तुएं लाने से घर में धन की देवी माता लक्ष्मी और धन के देवता कहे जाने वाले भगवान कुबेर का वास होता है। इस दिन सोना, चांदी और पीतल की वस्तुओं को खरीदना बहुत ही शुभ माना जाता है। धनतेरस के दिन ही राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस भी मनाया जाता है। वहीं इस दिन नई झाडू खरीदने का भी विधान है। इसके पीछे मान्यता है कि झाडू में माता लक्ष्मी का वास होता है। जिसे घर में लाने से घर की सभी नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है।धनतेरस को केवल हिंदू धर्म में ही नही बल्कि जैन धर्म में महत्व दिया जाता है। माना जाता है कि धनतेरस के दिन महावीर से ध्यान मुद्रा में चले गए थे और दीवाली के दिन उन्होंने मोक्ष को प्राप्त किया था।
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कुबेर लक्ष्मी पूजा के लाभ
- पूजा के दौरान कुबेर मंत्र का जाप आपको किसी भी वित्तीय परेशानी से मुक्त कर सकता है और आपका घर धन और समृद्धि से भर जाएगा।
- यह भगवान कुबेर को प्रसन्न करते हैं क्योंकि वे भक्तों को धन और सफलता का आशीर्वाद देते हैं। यदि आपके जीवन में किसी भी समय, आपके पिछले बुरे कर्मों के कारण आपके पास धन की कमी हो रही है, तो यह होम आपको एक विशेष भत्ता देकर वांछित धन प्राप्त करने में आपकी सहायता करेगा।
- यह आपको निर्णय लेने की शक्ति देता है जो आपको लाभ कमाने और नुकसान से बचने के लिए बुद्धिमानी से निवेश करने देता है।
- यह होमम धोखेबाजों और नुकसान से धन की रक्षा और संरक्षण कर सकता है। यह होमम आपके आत्मविश्वास का निर्माण कर सकता है और आपको एक बेहतर सामाजिक स्थिति प्रदान कर सकता है।
निष्कर्ष (Dhanteras Lakshmi, Kuber Pooja)
विलासिता और समृद्धि से भरा जीवन जीने के लिए यह होम वास्तव में आपकी मदद कर सकता है। यदि आप व्यवसाय या नौकरी के माध्यम से अच्छा पैसा कमाना चाहते हैं या कुछ आपके जीवन में वित्त के प्रवाह को रोक रहा है, तो अब आपको चिंता करने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि यह होम आपका समाधान है। हालाँकि, कुछ लोगों को कुंडली में कुछ समस्याओं के कारण आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ सकता है जिसे कुबेर लक्ष्मी होम द्वारा भी हल किया जा सकता है।
यह विशेष रूप से प्रत्येक दीपावली पर की जाने वाली एक बहुत ही शुभ पूजा है। यह पूजा हम प्रत्येक मंगलवार और शुक्रवार को भी कर सकते हैं। लक्ष्मी कुबेर पूजा करने से देवी लक्ष्मी और कुबेर दोनों प्रसन्न होंगे और बदले में वे हम पर धन की वर्षा करेंगे। मान्यता के अनुसार, यह पूजा हमें कर्ज से मुक्ति दिलाएगी और हमारी आय और धन की आमद में वृद्धि करेगी। जो लोग व्यवसाय शुरू करने की योजना बना रहे हैं, उन्हें उद्यम शुरू करने से पहले इस पूजा को करने की योजना बनानी चाहिए जिससे उन्हें अपने लाभ और धन का विस्तार करने में मदद मिलेगी।
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