Happy International Workers Day अथवा Labour Day : मजदूर दिवस की हार्दिक बधाई।
सो जाता है फुटपाथ पर बिछाकर अखबार।
जो कभी नींद की गोली नहीं खाता वो है मजदूर।।
दुनिया भर के करोड़ों अरबों मजदूरों के लिए एक मई दिन बेहद खास है। दुनिया के मजदूरों ने काफी लंबी लड़ाई लड़कर पूंजीपतियों की दमनकारी, शोषणकारी व्यवस्था को खत्म करके काम के घंटे को 8 घंटे तक सीमित करवाने में सफलता पाई। यह दिन एक मई का ही दिन था, तब से खेतों, खानों, ऑफिसों में काम करने वाले तमाम मजदूर एक मई को अतंरराष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाते हैं। इसके साथ ही अपनी आजादी का जश्न भी मनाते हैं। Labour Day : मजदूर दिवस की हार्दिक बधाई।
शहर में मजदूर जैसा दर-ब-दर नहीं।
जिस ने सबके घर बनाए उसका कोई घर नहीं।।
Labour Day अथवा मज़दूर दिवस की शुरुआत कैसे हुई?
Labour Day श्रमिकों के अधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ पिछले श्रम संघर्षों की याद दिलाता है। जिसमें काम करने के दिन लंबे होते थे। खराब स्थिति और बाल श्रम भी इसमें शामिल हैं। मई के पहले दिन कई देशों में आधिकारिक छुट्टी का दिन होता है।
एक मई का दिन 19 वीं शताब्दी के अंत में श्रमिक आंदोलन से जुड़ गया, जब ट्रेड यूनियनों और समाजवादी समूहों ने इसे श्रमिकों के समर्थन में एक दिन के रूप में नामित कर दिया। मूल रूप से, मई के पहले दिन को एक प्राचीन उत्तरी गोलार्ध वसंत उत्सव के रूप में मनाया जाता था।
अमेरिका के शिकागो शहर में 1886 में हुए हेमार्केट हेमार्केट दंगों की याद में अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस के रूप में मनाने के लिए चुना गया था। 1886 में श्रमिकों के समर्थन में एक शांतिपूर्ण रैली में पुलिस के साथ हिंसक झड़प हुई, जिसमें कम से कम 38 नागरिकों और 7 पुलिस अधिकारियों की मौत हो गई थी।
भारत में एक मई का दिवस सब से पहले चेन्नई में 1 मई 1923 को मनाना शुरू किया गया था। उस समय इस को मद्रास दिवस के तौर पर प्रामाणित कर लिया गया था। इस की शुरूआत भारती मज़दूर किसान पार्टी के नेता कामरेड सिंगरावेलू चेट्यार ने शुरू की थी।
भारत में मद्रास के हाईकोर्ट सामने एक बड़ा प्रदर्शन किया और एक संकल्प के पास करके यह सहमति बनाई गई कि इस दिवस को भारत में भी कामगार दिवस के तौर पर मनाया जाये और इस दिन छुट्टी का ऐलान किया जाये। भारत समेत लगभग 80 मुल्कों में यह दिवस पहली मई को मनाया जाता है। इसके पीछे तर्क है कि यह दिन अंतर्राष्ट्रीय मज़दूर दिवस के तौर पर प्रामाणित हो चुका है।
मज़दूर दिवस से जुड़े फैक्ट्स
- भारत में ‘मे डे’ या फिर ‘Labour Day’ को हिन्दी में कामगर दिन या फिर अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस, अंतरराष्ट्रीय मज़दूर दिवस कहा जाता है। वहीं, तमिल मे ‘उज़ाओपालर नाल’ और मराठी में ‘कामगर दिवस’ कहा जाता है।
- भारत ने पहली बार मज़दूर दिवस चेन्नई (जिसे उस वक्त मद्रास कहा जाता था) में साल 1923 में मनाया था।
- भारत सहित 80 से ज़्यादा देशों में मज़दूर दिवस के दिन छुट्टी मनाई जाती है।
- सभी देशों के संगठनों के लिए मई दिवस पर काम नहीं करना अनिवार्य कर दिया गया था।
- 1 मई को महाराष्ट्र दिवस और गुजरात दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।
- लेबर किसान पार्टी ऑफ हिंदुस्तान पहला समूह था जिसने भारत में मई दिवस समारोह का आयोजन किया था।
निष्कर्ष
उनकी गैर मौजूदगी में मंजिल हमेशा दूर है।
जो आपके ख्वाबों को पूरा करता है वो मजदूर है।।
किसी भी समाज, देश, संस्था और उद्योग में मज़दूरों, कामगारों और मेहनतकशों की अहम भूमिका होती है। उनकी बड़ी संख्या इसकी कामयाबी के लिए हाथों, अक्ल-इल्म और तनदेही के साथ जुटी होती है। किसी भी उद्योग में कामयाबी के लिए मालिक, सरमाया, कामगार और सरकार अहम धड़े होते हैं। कामगारों के बिना कोई भी औद्योगिक ढांचा खड़ा नहीं रह सकता। पुनः Labour Day : मजदूर दिवस की हार्दिक बधाई।
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