PPC और CPC में क्या Difference है? PPC और CPC में ज्यादा difference नहीं है। अगर हम एक आसान तरह से समझे तो पी0पी0सी0 मे हमारा पैसा जाता है और सी0पी0सी0 मे हमे पैसा मिलता है। फर्क बस इतना है की एक जो की Advertiser के लिए होता है और वही दूसरा Publisher के लिए होता है। PPC Advertiser के लिए इस्तेमाल में आता है वही दूसरी तरफ CPC Publisher के लिए इस्तेमाल में आता है।
आज हम CPC और PPC के बारे में आपको बताने जा रहे है। लेकिन आज थोड़ा डीप से इन बातो को समझते है, ताकि आप इन चीजों को कभी भी न भूले। तो चलिए सबसे पहले कुछ बेसिक देखते है।

Blogging की दुनिया में या Digital Advertisement की दुनिया में CPC और PPC काफी मायने रखते है। चाहे आप अपने product का online advertisement दिखाना चाहते है या internet से पैसा कामना चाहते है। खास कर जब आप Google AdSense से पैसा कामना चाहते है तब इन दोनों के बारे में आपको जानकारी होना चाहिए।
Digital या online दुनिया काफी बड़ी हो चुकी है, जहा हर कोई internet से पैसा कमाने के बारे में सोचता है। फिर चाहे वो साधारण इंसान हो या बड़ी से बड़ी कंपनी हो हर कोई अपना business online ही चलाने के बारे में सोच रहा है। इतना ही नहीं सभी लोग अपने छोटे मोटे business को online ही promote कर रहे है।
क्योंकि आज कल के लोग असल ज़िंदगी से ज्यादा social media पर ज्यादा active रहते है। शायद इसी वजह से आज हर कोई अपने brand या अपने product की advertisement internet के द्वारा ही करना चाहता है। किसी का product offline बीके या online बीके वह promotion तो online ही करेंगे।
अब ऐसे में दो तरह की community होती है जो पैसा कमाने के लिए कोशिश करती रहती है।
- Advertiser
- Publisher
सबसे पहले हम बात करेंगे Advertiser के बारे में, तो चलिए देखते है की Advertiser कौन होता है?
Advertiser कौन होता है?
Advertiser वह इंसान होता है जो अपने brand को या अपने product को internet के माध्यम से promote करना चाहता है। अब ऐसे में अगर Advertiser को अपना product या अपने brand का promotion करना है तो वह सबसे पहले किसी ऐसे Ad Network को ढूंढेगा जो की सबसे ज्यादा popular हो।
शायद आपको बताने की जरुरत ही नहीं है की आज की date में सबसे ज्यादा पॉपुलर कौन है। फिर भी जिन्हे नहीं पता उन्हें बता दे की गूगल सबसे ज्यादा popular ad network है। दूसरे भी कुछ network है जैसे की facebook, microsoft bing भी है।
लेकिन जितना गूगल popular है उतने ये network नहीं है। ऐसा नहीं है की लोग इन network को अपने product को promote करने के लिए इस्तेमाल नहीं करते है। लोग इनका भी इस्तेमाल करते है लेकिन आज हम सिर्फ google पर focus करने वाले है। क्योंकि लगभग 80 से 90% लोग गूगल को इस्तेमाल करते है।
तो जब कोई भी Advertiser अपने brand को promote करने के बारे में सोचता है तो वह एक ad network चुनता है जैसे की गूगल। इसके बाद वह Advertiser अपना account बना लेता है और account बनाने के बाद अपने product की advertisement करने के लिए कुछ details भरता है। जैसे की वह कौनसे Mode से अपने product को promote करना चाहता है।
Google के काफी products है जिनके द्वारा आप अपने products को promote कर सकते है। जैसे Gmail, अगर आप Gmail इस्तेमाल करते है तो शायद आपने देखा होगा जब आप gmail को open करते है तो आपको सबसे ऊपर या बिच में भी कुछ ads दिखाई जाती है। गूगल के दूसरे भी काफी खुद के products है जैसे You tube, Google Search जहा हम अपने products को promote कर सकते है।
Advertise mode चुनने के बाद Advertiser को यह select करना होता है की आप user के click करने पर कितना पैसा spend करना चाहते है। इसके बाद आप कुछ amount अपने अकाउंट में add कर अपने advertise को शुरू कर देते है। जैसे-जैसे आपकी बनाई ad पर लोग click करते जाएंगे वैसे-वैसे आपने account से पैसे कटते जाएंगे। मतलब की आपने जितनी amount ad network के account में add की है उसमे से आपके पैसे कटते जाएंगे।
अब जरा ध्यान दीजिए की आप जो ये पैसे spend कर रहे है वह तभी spend कर रहे है जब कोई user आपने ad पर click करता है। इसी concept को PPC कहा जाता है। PPC बस एक mode है। अगर आपने हमने ऊपर बताई सभी बातो को ध्यान से पढ़ा है तो आपको यह concept काफी अच्छे से समझ में आ जाएगी। अब थोड़ा PPC के बारे में देखते है….
PPC क्या है?
PPC का full form Pay-Per-Click होता है, जो की एक Advertising Model है जिसके जरिए Advertiser अपने Products या अपनी Services को Promote करते है। जिसके बदले Advertiser कुछ Pay करते है और यह spend किया हुआ पैसा PPC mode द्वारा spend कर रहा है। यह pay किया हुआ पैसा गूगल को जाता है जिसका कुछ हिस्सा गूगल Publishers को देता है।
अब आपके मन में एक सवाल आ रहा होगा की, यह Publishers कौन होते है? और गूगल इनको क्यों पैसा देता है? तो चलो समझते है….
Publisher कौन होता है?
Publishers को हम Content Creator भी कह सकते है। Publishers काफी प्रकार के होते है। जैसे Video Publisher जो की YouTube पर content को create करता है। Blogger, इन Publishers की काफी बड़ी community है। यह community youtube कंटेंट creators से भी काफी बड़ी है।
इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते है की “जनवरी 2021 से लेकर मार्च 2021 तक का गूगल का Revenue $55.31 billion है। जिसमे से $44 billion revenue advertisement का है और इस ad revenue का सिर्फ $6 billion revenue share YouTube का है ”. इसे details में आप निचे दी गई link की मदद से देख सकते है।
हमने देखा की Publisher Content को बनता है, जैसे youtubers videos बनाते और blogger articles लिखते है। Publisher के बनाए कंटेंट पर गूगल advertiser द्वारा बनाई गई advertisement दिखाता है। जब उस कंटेंट को देखने या पढ़ने के लिए users आते है और अगर उन्हें कोई ad अच्छी या useful लगती है तो वो उस ad पर click करते है।
Advertiser ने जो PPC दिया है उसका कुछ हिस्सा गूगल खुद रख लेता है और कुछ हिस्सा Publisher को देता है, जैसे की हमने ऊपर भी देखा। जिस तरह Advertiser PPC method द्वारा pay करता है उसी तरह Publisher को जो revenue मिलता है उस method को CPC कहा जाता है। तो चलो इसके बारे में थोड़ा और जानते है
CPC क्या है?
CPC का full form Cost-Per-Click होता है। Cost-Per-Click (CPC) का मतलब होता है की जब-जब आपके ब्लॉग पर दिख रही ad पर कोई click करेगा तब-तब गूगल आपको pay करेगा। कभी आपको CPC काफी ज्यादा मिलता है तो कभी काफी कम मिलता है। इसका reason होता है की अगर कोई advertiser PPC कम देगा तो जाहिर सी बात है आपको CPC भी कम ही मिलेगा।
CPC AdSense के बाकि models जैसे की Page RPM या Ad RPM की तरह नहीं है की अगर कोई Ad पर click नहीं करे तो भी आपको income होगी। CPC model से आपको earning तभी होगी जब कोई ad पर click करेगा। वही Page RPM और Ad RPM में अगर कोई click नही भी करता है तो भी आपको earning होती है।
Average cost-per-click (CPC) क्या है और कैसे Calculate करे?
Average CPC का मतलब है की आपको जो भी click मिले है उन सभी का average कितना है। Average CPC को calculate करने के लिए Total Cost को Total Clicks से डिवाइड किया जाता है।
Formula:
Average CPC = ( total cost of clicks / number of clicks)
Example
अगर आपको 2 clicks मिले है, जिसमे से पहले click के लिए आपको 0.30$ मिले है और वही दूसरी click के लिए आपको 0.40$ मिले है। अब यहाँ total clicks की cost 0.70$ होती है और total clicks आपको 2 मिले है, तो आपका Average CPC = 0.70$ / 2 = 0.35$ कुछ इतना होगा।
Difference Between PPC And CPC
PPC तथा CPC को आसानी से समझें।
अगर आपका कोई वैबसाइट है या आप वैबसाइट बनवाना चाहते हैं या फिर बस आपको नॉलेज चाहिए PPC और CPC के बारे मे। तो कुछ भी हो, आज आप एकदम बारीकी से समझ जाएंगे फिर से आपको दुबारा कोई कन्फ़्युजन नहीं होगा ,, तो कृपया पूरा पढ़िये ।।
PPC क्या है?
सबसे पहली बात तो आप ये जान लीजिये के पी0पी0सी0 Search Engine Optimization (SEO) का ही एक भाग है। इसका पूरा नाम “Pay Per Click” होता है।अर्थात अगर आपका कोई वैबसाइट है और आप उसको प्रमोट या रैंक करवाते हैं गूगल के माध्यम से पैसा देकर तो वो “पी0पी0सी0” होता है।
उदाहरण :- आपने कभी अगर गूगल पर अमेज़न ,फेसबूक , या फ्लिपकार्ट जैसी वैबसाइट को लिखकर सर्च किया होगा तो आपके सामने बहुत सारे रिज़ल्ट आ जाते हैं । लेकिन जो शुरू के ही पहला या दूसरा होता है तो आप देखिएगा बहुत ही छोटे मे [Ad] लिखा होता है। तो वो तब आता है, जब आप अपने वैबसाइट के किसी किवर्ड को रैंक कराने के लिए पैसे दिये होते हैं। जितने भी किवर्ड होते हैं, उनका अलग-अलग कीमत होता। अब कीमत किस हिसाब से लगाया गया होता है उसको समझिए। तो जो किवर्ड गूगल पर ज्यादा सर्चेबल होता है उसका ज्यादा पैसा लगता है।
PPC के कार्य :-
अब मान लीजिये कि कोई किवर्ड है और उस पर गूगल ने 5 रुपये मे 5 क्लिक का कीमत लगाया है। तो जैसे ही उस किवर्ड को गूगल पर सर्च करेंगे तो पहले पर ही आपका वैबसाइट दिखेगा जिस पर [Ad] लिखा होता है और अगर 5 बार किसी ने उस किवर्ड को सर्च कर-करके 5 बार क्लिक कर देता है तो [Ad] अपने आप हट जाएगा। अर्थात/प्रमोट होना बंद हो जाएगा। वैसे हमने आपको 5 रुपये मे 5 बार मिलता है ये बस उदाहरण के तौर पर समझाया है।
CPC क्या है? :-
CPC का पूरा नाम coast per click होता है । इसका उपयोग वैबसाइट को मोनेटाइजेशन मिलने के बाद किया जाता है अर्थात जब आपके वैबसाइट पर “Ad” आना शुरू हो गया है। तब अगर कोई आपके वैबसाइट पर आ जाता है और आपके वैबसाइट पर दिख रहे Ad पर क्लिक कर कर देता है जिससे आपको पैसे मिल जाते हैं तो उसको ही हम सी0पी0सी0 कहते हैं ।
तो पी0पी0सी0 और सी0पी0सी0 को पढ़ने के बाद समझ मे आ गया होगा कि दोनों मे अंतर क्या है? अगर हम एक आसान तरह से समझे तो पी0पी0सी0 मे हमारा पैसा जाता है और सी0पी0सी0 मे हमे पैसा मिलता है। उम्मीद करते हैं आपको हमारी जानकारी जरूर पसंद आई होगी। और अगर कुछ पुछना हो तो उन सवालों को कमेंट बॉक्स मे लिखकर हमे भेज सकते हैं। कृपया जानकारी और लोगो के पास शेयर जरूर करे। धन्यवाद।।
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