वर्तमान समय में सोलर ऊर्जा पर बहुत ध्यान दिया जा रहा है और विभिन्न जगहों पर विद्युत ऊर्जा उत्पादन के लिए Solar Panels को स्थापित किया जा रहा है। पूरी दुनिया में Solar energy को अधिक प्राथमिकता दी जा रही है।
यहां मैं आपको Solar panels के बारे में जानकारी देने वाला हूँ कि सोलर पैनल क्या होता है? यह किस तरह बनाया जाता है और यह कैसे कार्य करता है।
Solar Panels क्या होता है?
सूर्य से प्राप्त होने वाले प्रकाश को विद्युत् ऊर्जा में परिवर्तित करने वाले यंत्र को Solar Panels कहते हैं। यह फोटो वोल्टाइक सेलों का संयोजन होता है। इसका उपयोग विद्युत् ऊर्जा आपूर्ति के लिए किया जाता है।
Solar Panels को फोटो-वोल्टाइक सोलर मॉड्यूल, सोलर प्लेट और सोलर ऊर्जा पैनल के रूप में भी जाना जाता है। Solar Panels 60-72 सोलर सेल के एक समूह के साथ बने होते हैं, जो सूर्य के प्रकाश को बिजली में बदलते हैं। सोलर सेल को सिलिकॉन के साथ वेफर्स में कटौती करके बनाया जाता है।
एक या अधिक Solar Panels सोलर सिस्टम बनाता है, जिसका उपयोग घरों, कंपनियों, स्कूलों, उद्योगों आदि में किया जा सकता है। Solar Panels सोलर सिस्टम का मुख्य हिस्सा होते है और सभी प्रकार के सोलर सिस्टम (ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम, ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम और हाइब्रिड सोलर सिस्टम) में एक ही प्रकार का सोलर पैनल होता है।
सोलर पैनल कैसे बनता है?
Solar Panel मुख्य रूप से सोलर सेल से बनाया जाता है यह सोलर सेल क्रिस्टलीय सिलिकॉन से बना होता है जो कि एक अर्धचालक पदार्थ है। सोलर सैल को संयोजित करने के बाद इसे एल्यूमीनियम के ढांचे में कांच से फ्रेम कर दिया जाता है।
Solar Panels कैसे काम करता है
सूर्य से प्राप्त होने वाला प्रकाश जब सोलर पैनल पर पड़ता है तो सोलर सेल में फोटोन अवशोषित होते हैं। फिर फोटोवोल्टिक प्रभाव से सेल में विद्युत् धारा उत्पन्न हो जाती है। जिसे बैटरी में स्टोर कर लिया जाता है और फिर उस विद्युत ऊर्जा को आवश्यकता अनुसार विभिन्न उपकरणों में उपयोग में लाया जाता है।
type of Solar Panels: सोलर पैनल कितने प्रकार के होते है?
Solar panel तीन प्रकार के होते हैं:
सोलर पैनल कई टाइप और कैपेसिटी में उपलब्ध हैं। ये सोलर पैनल एक दुसरे से उनकी फार्मेशन, मटेरियल इत्यादि के बेसिस पर अलग हैं। आपको सोलर पैनल के टाइप के बारे में जानकारी देने के लिए हमने सभी टाइप के सोलर पैनल का संक्षिप्त वर्णन निचे दिया हैं।
- पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल
- मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल
- थिन फिल्म सोलर पैनल
उपरोक्त सोलर पैनल में से थिन फिल्म सोलर पैनल अब भारत में प्रचलित नही हैं। सभी तरह के कमर्शियल सोलर सिस्टम और होम सोलर सिस्टम में केवल पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल और मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल का ही इस्तेमाल होता हैं।
Monocrystalline
इसमें सिंगल क्रिस्टल से बने काले सेल होते हैं। अन्य प्रकार के सोलर पैनल की तुलना में इनकी दक्षता उच्च होती है और ये कम स्थान घेरते हैं। परन्तु इनकी कीमती अधिक होती है।
Polycrystalline
इसमें कई सिलिकॉन क्रिस्टल से बने नीले सेल होते हैं। इसकी दक्षता मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल की तुलना में कम होती है और ये सस्ते होते है।
Thin film
इन्हें फोटोवोल्टिक पदार्थ की पतली परत को ठोस सतह पर जमा करके बनाया जाता है। इसकी दक्षता सबसे कम होती है।
सोलर पैनल के उपयोग
सोलर पैनल से विद्युत ऊर्जा प्राप्त होती है जिसका उपयोग घरेलू और औद्योगिक स्तर पर किया जाता है। छोटे अथवा घरेलु स्तर पर इसका उपयोग घरों की छत पर सोलर प्लेट स्थापित करके प्रकाश व्यवस्था और अन्य घरेलू उपकरणों की विद्युत् आपूर्ति के लिए किया जाता है। तथा औद्योगिक स्तर पर इसका उपयोग बहुत बड़े स्तर पर विद्युत् आपूर्ति के लिए किया जाता है।
Solar Panels के फायदे
- सोलर पैनल एक स्वच्छ विद्युत् ऊर्जा स्त्रोत है। अर्थात इससे पर्यावरण प्रदूषण नहीं होता और नहीं किसी प्रकार की अपशिष्ट अथवा गंदगी फैलती है।
- यह एक नवीकरणीय उर्जा स्त्रोत है। अर्थात हम इसका कितना भी उपयोग करें परन्तु इसका स्त्रोत कभी समाप्त नहीं होगा।
- पहाड़ी इलाकों तथा अन्य दुर्गम स्थलों जहाँ पर बिजली आपूर्ति का कोई साधन उपलब्ध नहीं हो, ऐसे स्थानों पर Solar panel का उपयोग करके विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था की जा सकती है।
- सोलर पैनल के उपयोग से बहुत सस्ते में बिजली प्राप्त होती है।
- सोलर पैनल का जीवन काल 25 वर्ष से अधिक होता है।
- 30% से 70% तक सरकार सब्सिडी उपलब्ध है।
- सोलर पैनल स्वच्छ ऊर्जा पैदा करते हैं जो की पर्यावरण को बचाने में मदद करती है।
- सोलर पैनल पहले दिन से मुफ्त बिजली का उत्पादन करते हैं।
- सोलर पैनल पर किया गया खर्च केवल वन टाइम इन्वेस्टमेंट के जैसा हैं!
- सोलर पैनल अनुकूलन और पोर्टेबल सोलर प्रोडक्ट हैं।
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