Surya Grahan 2023: साल का पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल 2023 दिन गुरुवार को लगने जा रहा है. सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है, जिससे सूर्य की दृष्टि पूरी तरह या आंशिक रूप से अवरुद्ध हो जाती है। इस बार सूर्य ग्रहण मेष राशि में होगा। यह सूर्य ग्रहण बहुत खास होने वाला है क्योंकि सूर्य ग्रहण मेष राशि में. 19 साल बाद लगने जा रहा है। साथ ही यह सूर्य ग्रहण हाईब्रिड होगा क्योंकि यह तीन रूपों में दिखाई देगा। इनमें आंशिक, पूर्ण और वलयाकार सूर्य ग्रहण शामिल होंगे।
साल का पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल को लगने जा रहा है. यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। यह ग्रहण सुबह 7 बजकर 5 मिनट से शुरू हो रहा है, जो दोपहर. 12 बजकर 29 मिनट तक रहेगा. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य ग्रहण के समय सूर्य मेष राशि में विराजमान रहेंगे। मेष राशि के स्वामी मंगल हैं, जिन्हें ग्रहों का सेनापति माना जाता है। माना जा रहा है कि इस बार का सूर्य ग्रहण बेहद खास होने वाला है क्योंकि यह सूर्य ग्रहण हाईब्रिड होगा। ऐसे में सूर्य ग्रहण का असर हर राशि के जातकों के जीवन पर पड़ने वाला है। तो आइए जानते हैं एस्ट्रोलॉजर डॉ. श्रीपति त्रिपाठी से कि सूर्य ग्रहण का. 12 राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा.
Surya Grahan 2023
सूर्य ग्रहण एक भौगोलिक घटना है जो कई बार आंखों से नहीं दिखाई देती है। दरअसल, पृथ्वी समेत कई ग्रह सूर्य की परिक्रमा करते हैं। चंद्रमा पृथ्वी का उपग्रह है और यह पृथ्वी की कक्षा में चक्कर लगाता है। लेकिन कई बार ऐसा भी होता है कि चंद्रमा के बीच में आ जाने के कारण सूरज की रोशनी सीधे पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाती है। इस घटना को सूर्य ग्रहण कहते हैं।
20 अप्रैल को लगने वाला सूर्य ग्रहण दक्षिण प्रशांत महासागर के देशों जैसे चीन, अमेरिका, माइक्रोनेशिया, मलेशिया, फिजी, जापान, समोआ, सोलोमन, ब्रुनेई, सिंगापुर, थाईलैंड, अंटार्कटिका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, वियतनाम, ताइवान, में दिखाई देगा। पापुआ न्यू गिनी, इंडोनेशिया, फिलीपींस, दक्षिण हिंद महासागर में दिखाई देगा। भारतीय समय के अनुसार इन देशों में यह सूर्य ग्रहण सुबह 07 बजकर 5 मिनट से दोपहर 12 बजकर 39 मिनट तक रहेगा। यह सूर्य ग्रहण अश्विनी नक्षत्र में लगेगा, जो कि केतु का नक्षत्र है।
सूर्य ग्रहण विवरण 2023
लेख का नाम | सूर्य ग्रहण 2023 |
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श्रेणी | समाचार |
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सूर्य ग्रहण का वैज्ञानिक अर्थ
सूर्य ग्रहण एक भौगोलिक घटना है जो कई बार आंखों से नहीं दिखाई देती है। दरअसल, पृथ्वी समेत कई ग्रह सूर्य की परिक्रमा करते हैं। चंद्रमा पृथ्वी का उपग्रह है और यह पृथ्वी की कक्षा में चक्कर लगाता है। लेकिन कई बार ऐसा भी होता है कि चंद्रमा के बीच में आ जाने के कारण सूरज की रोशनी सीधे पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाती है। इस घटना को सूर्य ग्रहण कहते हैं।
सूर्य ग्रहण के दौरान क्यों होता है खाना पीना वर्जित
धर्म शास्त्रों में बताया गया है कि सूर्य ग्रहण के दौरान कुछ भी नहीं खाना चाहिए। स्कंद पुराण में भी इस बात का जिक्र है कि सूर्य ग्रहण के दौरान भोजन करने से सेहत पर बुरा असर पड़ता है। ऐसा भी कहा गया है कि सूर्य ग्रहण के समय भोजन करने से समस्त पुण्य कर्मों का नाश हो जाता है।
सूर्य ग्रहण के दौरान क्या न करें
1. ग्रहण के दौरान किसी सुनसान जगह या श्मशान घाट में अकेले नहीं जाना चाहिए। दरअसल, इस दौरान नकारात्मक शक्तियां हावी रहती हैं।
2. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहण के समय सोना नहीं चाहिए और सूई में धागा नहीं डालना चाहिए।
3. इसके अलावा ग्रहण के दौरान यात्रा करने से भी बचना चाहिए और शारीरिक संबंध बनाने की भी मनाही होती है।
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सूर्य ग्रहण के दौरान क्या करें
1. सूर्य ग्रहण के बाद गंगाजल से स्नान करें। पूरे घर और देवताओं को शुद्ध करें।
2. ग्रहण के दौरान सीधे सूर्य को देखने से बचें।
3. ग्रहण के दौरान बाहर जाने से बचें. साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि आप कोई गलत काम न करें।
4. ग्रहण के बाद हनुमान जी की पूजा करें।
सूर्य ग्रहण की अवधि
यह ग्रहण सुबह 7 बजकर 4 मिनट से शुरू होगा और दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगा. इस सूर्य ग्रहण की अवधि. 5 घंटे 24 मिनट की रहेगी। इस सूर्य ग्रहण के दो दिन बाद देवगुरु बृहस्पति का गोचर होगा। यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इस ग्रहण का सूतक काल नहीं माना जाएगा। लेकिन इस सूर्य ग्रहण का असर सभी राशियों पर पड़ेगा।
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आपकी राशि पर पड़ेगा ऐसा प्रभाव
मेष
मेष राशि वालों का सूर्य ग्रहण उनके सप्तम भाव में लगने जा रहा है। कुंडली में सप्तम स्थान को जीवन, जीवनसाथी, व्यापार से मतलब माना जाता है। ग्रहण के प्रभाव से आपके वैवाहिक जीवन में तनाव हो सकता है। पार्टनरशिप के काम में परेशानी आ सकती है। स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहने की आवश्यकता रहेगी। पारिवारिक संबंधों में प्रसन्नता देखने को मिलेगी। ग्रहण आर्थिक दृष्टि से हानि दे सकता है। कारोबार में घाटा हो सकता है, इसलिए ग्रहण के दौरान सभी फैसले सोच-समझकर लें।
वृष
ग्रहण के शुभ प्रभाव से वृष राशि के लोगों को नई नौकरी मिल सकती है। हालांकि शुरुआत में आपको कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। जो लोग नौकरी बदलने की सोच रहे हैं उन्हें जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं लेना चाहिए। व्यापार में लाभ मिलने के योग हैं। सूर्य ग्रहण आपके स्वास्थ्य में सुधार लाएगा। मानसिक तनाव से मुक्ति मिलेगी। परिवार की ओर से कोई शुभ समाचार मिल सकता है।
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मिथुन
मिथुन राशि वालों पर सूर्य ग्रहण के अशुभ प्रभाव के कारण आत्मविश्वास में कमी आ सकती है। इस समय छात्रों को अधिक मेहनत करनी पड़ सकती है। प्रेमी जोड़ों में इस समय किसी बात पर बहस हो सकती है। सेहत में भी उतार-चढ़ाव आ सकता है। पेट संबंधित परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। खाने-पीने की चीजों के सेवन में सावधानी बरतनी होगी। आर्थिक दृष्टि से यह ग्रहण आपके लिए एक अवसर की तरह रहेगा। कारोबार में तरक्की हो सकती है।
कर्क
कर्क राशि वालों पर सूर्य ग्रहण के विभिन्न प्रभावों के कारण कई तरह की परेशानियां उत्पन्न हो सकती हैं। इस समय जल्दबाजी में कोई भी फैसला लेना हानिकारक हो सकता है। जमीन-जायदाद से जुड़े मामले इस समय टाल देने में ही समझदारी है। परिवार में किसी का स्वास्थ्य अचानक बिगड़ सकता है, इसलिए आपको पहले से ही सतर्क रहना होगा। आपको अपने स्वास्थ्य का भी विशेष ध्यान रखना होगा। रिश्तों में मधुरता देखने को मिल सकती है।
सिंह
सूर्य ग्रहण के कारण सिंह राशि के जातकों का कार्यक्षेत्र में सहकर्मियों के साथ तालमेल बन सकता है। आप किसी कानूनी विवाद में फंस सकते हैं। वाहन चलाते समय सावधानी बरतें अन्यथा दुर्घटना हो सकती है। आपकी सेहत बेहतर रहने वाली है। माता-पिता की सेवा का मौका मिलेगा। साथ ही उनके स्वास्थ्य का भी ध्यान रखें। आपके घर पर किसी नए मेहमान का आगमन हो सकता है।
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कन्या
सूर्य ग्रहण के प्रभाव से कन्या राशि के लोगों को करियर में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। ऑफिस और परिवार के बीच तालमेल बिठाने में असफल हो सकते हैं। प्रकृति में रूखेपन से बचने की जरूरत है। खर्चों पर भी नियंत्रण रखें। सेहत में भी आपको दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। कोई मौसमी बीमारी आपको परेशान कर सकती है। खान-पान का ध्यान रखना होगा। संतान पक्ष से कोई सुखद समाचार सुनने को मिल सकता है।
तुला
तुला राशि के जातकों के लिए सूर्य ग्रहण शुभ प्रभाव लेकर आएगा। इस समय आपको अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा। आपको महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी जा सकती हैं। मेहनत से आपको आर्थिक लाभ होगा। ग्रहण के दौरान मंत्रों का जाप करना चाहिए। तुला राशि वालों के लिए यह रामबाण साबित हो सकता है। लंबे समय से चली आ रही कोई बीमारी दूर हो सकती है। संबंधों में प्रेम बढ़ेगा।
वृश्चिक
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए यह सूर्य ग्रहण मिलाजुला प्रभाव देगा। इस समय आपके आत्मविश्वास में कमी आ सकती है। जल्दबाजी में कोई फैसला लेने से बड़ा नुकसान हो सकता है। गुप्त शत्रुओं से आपको बचने की जरूरत है। आपको अपने निवेश में सोच समझकर फैसला लेने की जरूरत होगी। आपको अपने खान-पान पर ध्यान देने की आवश्यकता होगी। इस ग्रहण से आंखों से संबंधित कोई परेशानी हो सकती है। आर्थिक स्थिति में सुधार देखने को मिल सकता है।
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धनु
सूर्य ग्रहण के प्रभाव से धनु राशि वालों की आय में वृद्धि हो सकती है। पुराने निवेशों से आपको लाभ हो सकता है। आपकी एकाग्रता बढ़ेगी। इस दौरान आपको अधिक मेहनत करनी पड़ेगी। लेकिन आपको सफलता भी मिलेगी। वाद-विवाद से बचने की आवश्यकता है। विद्यार्थियों को कोई शुभ समाचार मिल सकता है। लंबे समय से चली आ रही कोई बीमारी खत्म हो सकती है। पारिवारिक जीवन में अच्छा रहेगा।
मकर
मकर राशि के जातकों को सूर्य ग्रहण के शुभ प्रभाव से कार्यक्षेत्र में लाभ होगा। इस समय किसी प्रभावशाली व्यक्ति से मुलाकात होने की संभावना है। भविष्य में आपको किसी काम से फायदा हो सकता है। वरिष्ठ अधिकारियों से विवाद हो सकता है। इस ग्रहण के दौरान अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें। इसलिए स्वास्थ्य अच्छा रखने के लिए ब्रह्म मुहूर्त में उठकर योगाभ्यास करें।
कुंभ
कुंभ राशि के जातकों को ग्रहण के मिले जुले परिणाम मिलेंगे। आपको आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होगी। कुंभ राशि के जातकों पर काम की जिम्मेदारी बढ़ सकती है। विदेश यात्रा के योग हैं। घरेलू स्वभाव और प्रेम जीवन के लिए यह समय अच्छा रहेगा। इस समय आपका भविष्य उज्ज्वल रहेगा। परिजनों के साथ किसी मनपसंद जगह पर घूमने जा सकते हैं। विद्यार्थी उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं। सेहत का सबसे ज्यादा ध्यान रखना होगा।
मीन
मीन राशि के जातकों के लिए यह ग्रहण का समय है, मिश्रित परिणाम लेकर आएगा। आप मानसिक और शारीरिक रूप से तनाव महसूस कर सकते हैं। धैर्य की कमी रहेगी। यह प्रभाव आपको आलसी और लापरवाह बना सकता है। घर में किसी नए मेहमान का आगमन हो सकता है, जो सही राह दिखाने वाला साबित होगा।
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क्या है हाइब्रिड सूर्य ग्रहण
एक संकर सूर्य ग्रहण एक दुर्लभ प्रकार का ग्रहण है जो एक वलयाकार ग्रहण और कुल सूर्य ग्रहण का एक संयोजन है। जो लोग इस ग्रहण को देख पाएंगे उन्हें कुछ सेकंड के लिए सूर्य एक वलय बनाते हुए दिखाई देगा, जिसे ‘रिंग ऑफ फायर’ कहा जाता है। इस प्रकार का ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा की छाया पृथ्वी पर चलती है, इसे दूसरे में बदल देती है।
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इन उपायों से सूर्य ग्रहण के असर नहीं होगा
वैसे तो वैशाख की अमावस्या पर सूर्य ग्रहण का प्रभाव भारत में नहीं रहेगा, लेकिन एहतियात के तौर पर इस दिन कुछ खास उपाय किए जा सकते हैं। शास्त्रों में बताया गया है कि सूर्य ग्रहण की अशुभ छाया से बचने के लिए आदित्यहृदय स्तोत्र का जाप करना चाहिए। जिन लोगों की कुंडली में सूर्य अशुभ है उन्हें इस दिन सूर्य अष्टकम स्तोत्र का पाठ करना चाहिए, इससे सूर्य मजबूत होता है और व्यक्ति के आत्मविश्वास, सम्मान और शक्ति में वृद्धि होती है।
भारत में सूर्य ग्रहण और सूतक काल
साल 2023 से पहले भारत में सूर्य ग्रहण का असर नहीं होगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिस देश में सूर्य ग्रहण का प्रभाव नहीं होता है वहां सूतक काल भी मान्य नहीं होता है। सूतक काल वह अशुभ समय है जो सूर्य ग्रहण से कुछ घंटे पहले शुरू होता है। सूतक काल (अशुभ काल) सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है। जबकि चंद्र ग्रहण में सूतक काल की अवधि 9 घंटे की होती है।
सूर्य ग्रहण FAQ’S
इस साल का पहला सूर्य ग्रहण कब है?
साल का पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल को है, इस दिन वैशाख अमावस्या है! खगोलीय घटनाओं में से इसे सबसे महत्वपूर्ण सूर्य ग्रहण माना गया है! इस साल कुल चार ग्रहण पड़ेंगे, जिनमें से दो सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण है!
2023 में पहला ग्रहण कब लगेगा?
साल का पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल 2023, गुरुवार को लगेगा! इस सूर्य ग्रहण की अवधि सुबह 07 बजकर 04 मिनट से दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक रहेगी!
सूर्य का कुल ग्रहण किस वर्ष हुआ था?
इस बिंदु पर, सबसे लंबी मापी गई अवधि जिसमें चंद्रमा ने सूर्य को पूरी तरह से ढक लिया, जिसे समग्रता के रूप में जाना जाता है, 22 जुलाई, 2009 के सूर्य ग्रहण के दौरान था।
सूर्य ग्रहण में क्या नहीं करना चाहिए?
ग्रहणग्रस्त सूर्य को नग्न आंखों से देखने की सलाह बहुत कम समय के लिए भी नहीं दी जाती है। यहां तक कि जब चंद्रमा सूर्य के अधिकांश भाग को अवरुद्ध करता है, तब भी यह आंखों को स्थायी रूप से नुकसान पहुंचाएगा और अंधेपन का परिणाम होगा।
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