Power Bank को हम portable batteries भी कह सकते हैं। जो की कुछ circuitry के मदद से power in और power out को control करते हैं। इन Power Banks को एक USB chargers के मदद से charge किया जाता है, जब power available हो। फिर उसी charged battery (power banks) की मदद से हम बहुत से devices जैसे की mobile phones, camera इत्यादि को उस समय charge कर सकते हैं, जब electric power की कमी हो।
Power Banks से उन devices को charge किया जाता है, जिनमें USB charger का इस्तमाल होता है। एक power bank ऐसा portable charger होता है, जिसका इस्तमाल सबसे ज्यादा यात्री ही करते हैं। जिन्हें ज्यादातर एक जगह से दूसरे जगह तक जाना होता है।

पावर बैंक क्या है? (What is Power bank)
power bank एक ऐसा डिवाइस या उपकरण है, जिससे हम अपना मोबाइल ट्रैवल या इमरजेंसी के टाइम पर चार्ज कर सकते है। जब हमारे पास चार्जिंग करने की सुविधा उपलब्ध ना हो। power bank में भी एक बैटरी की लगी होती है, फोन की तरह। लेकिन, उस बैटरी की क्षमता बहुत ज्यादा होती है। जिससे हमारा फोन 3 से 4 बार चार्ज बार भी चार्ज हो सके। और जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी एडवांस हो रही है, पावर बैंक्स की कैपेसिटी भी बढ़ रही हैं। और आजकल मार्केट में वायरलेस पाउडर बैंक आ रहे हैं।
लेकिन आजकल की फास्ट चार्जिंग को देखकर ऐसा लगता नहीं है, कि पावर बैंक भविष्य में ज्यादा टिकने वाले नहीं हैं। क्योंकि आजकल के फोन 15 से 20 मिनट में 60% तक चार्ज हो जाते हैं। और इतनी फास्ट चार्जिंग होने के कारण लोग power bank कम इस्तेमाल करेंगे। इसीलिए पावर बैंक का भविष्य खतरे में है।
पावर बैंक के प्रकार (Types of Power Bank in Hindi)
वैसे तो Power Banks के बहुत से प्रकार market में उपलब्ध हैं, लेकिन चलिए उनमें से सबसे महत्वपूर्ण प्रकार के विषय में जानते हैं।
1. Universal or Standard Power Bank
ये वही normal power bank portable chargers होते हैं, जो की प्राय सभी Online और Offline Stores में available होते हैं। इन्हें charge करने के लिए normal USB sources जैसे की USB chargers की जरुरत होती है।
2. Solar Power Bank
जैसे की नाम से पता चलता है, इन solar power banks को charge करने के लिए sunlight का इस्तमाल किया जाता है। इसे करने के लिए उनमें photovoltaic panels होते हैं। इनका इस्तमाल internal battery को trickle-charge करने के लिए होता है। जब उन्हें sunlight में रखा जाता है क्यूंकि ये बहुत ही छोटे होते हैं लेकिन फिर भी ये बहुत काम के चीज़ होते हैं।
चूँकि solar charging बहुत ही slow होता है, इसलिए उन्हें charge करने के लिए एक USB charger का भी इस्तमाल किया जा सकता है। वहीँ उसके साथ में solar charging भी एक useful back-up हो सकता है, खासकर उन स्थनों में जहाँ की mains power की बिलकुल भी सुविधा न हो।
पावर बैंक की lifetime क्या है?
देखा जाये तो दो मुख्य प्रकार के forms होते हैं lifetime के जो की associated होते हैं power banks के साथ।
1. Charge Discharge Cycles
कोई भी rechargeable battery धीरे धीरे ख़राब होगी ही। Normally किसी भी battery की lifetime को परखने के लिए उसके number of charge discharge cycles को देखा जाता है की वो कितने cycles तक सही तरीके से अपनी performance प्रदान करता है। कुछ सस्ते power banks के life cycle केवल 500 तक ही होते है वहीँ कुछ बेहतरीन वाले के उससे भी ज्यादा charge discharge cycles होते हैं।
2. Self Discharge Time
सभी battery cells, चाहे वो rechargeable हो या फिर primary उनकी एक certain level की self discharge होती है। अभी के rechargeable batteries के अपनी ही control circuitry होती है, एक बहुत ही छोटी मात्र की power की जरुरत होती है इन circuits को alive रखने के लिए। जिसके कारण एक finite time ही होता है एक battery का जब तक की वो charged रहता है।
जहाँ एक बेहतर power bank करीब 6 months तक charge को conserve कर सकता है, बिना कोई loss के वहीँ ख़राब quality वाले ज्यादा दिन तक charge को discharge होने से रोक नहीं सकते हैं।
पावर बैंक का अविष्कार किसने किया था?
पावर बैंक का अविष्कार किसी इंसान ने नही, बल्कि एक कंपनी जिसका नाम है, “PISEN” इसने किया था। यह एक चीनी कंपनी है। और 2017 के एक रिपोर्ट के अनुसार इस कंपनी के 2 करोड़ से ज्यादा power bank बिकते है।
Power Bank कैसे काम करते है?
काफी लोग सोचते है, की Power bank में बस एक बैटरी लगी होती है। और बस बैटरी चार्ज होती है। और फिर वही बैटरी हमारे फ़ोन को चार्ज करती हैं। लेकिन ऐसा नही होता। पावर बैंक में काफी जटिल उपकरण लगे होते है। उसके अंदर जो सर्किट लगे होते है, वह मैनेज करते है, की कितने वोल्ट का करंट भेजना है। क्योकि अगर हम मोबाइल की बैटरी को 4.2 वोल्ट से नही बल्कि किसी और वोल्ट से चार्ज करेंगे तो बैटरी गर्म भी हो सकती है। और ये बैटरी की लाइफ के लिए भी अच्छा नही है।
Power Bank में काफी जटिल सर्किट लगे होते है, जो मैनेज करते है, की करंट की वोल्ट से डिस्चार्ज होगा, और इंपुट भी एक तय वोल्ट से ही होता है। इसीलिए ब्रांडेड कंपनी के पावर बैंक्स मेहंगे आते है। क्योकि उसमें काफी जटिल इलेक्ट्रिकल कंपोनेंट्स इस्तेमाल किया जाते है। अगर आप एक अच्छा पावर बैंक लेना चाहते है, तो इस आर्टिकल का आखरी पैराग्राफ जरूर पढ़िए।

सबसे अच्छा Power Bank कौन सा है?
Power Banks ₹800 से लेकर ₹2000 तक मिलते हैं, जो 10000mah वाले होते हैं। वह लगभग ₹800 से ₹900 तक मिल जाते हैं। 20000mah वाले ₹1500 तक मिलते हैं, और 30000mah वाले और बैंक्स ₹2000 तक मिलते हैं। और यह कीमत ब्रांडेड पावर बैंकों की है। डुप्लीकेट पावर बैंक्स सस्ते मिलते हैं। लेकिन वह बहुत जल्दी खराब हो जाते हैं, और उनकी कोई वारंटी भी नहीं मिलती।
Power Bank लेते वक़्त सिर्फ उसकी कैपेसिटी ही नही बल्कि क्वालिटी भी देखनी चाहिए। पावर बैंक हमेशा ब्रांडेड ही लेना चाहिए। और साथ में मल्टी पोर्ट्स और LED वाला लेना चाहिए। पावर बैंक बनाने वाली कुछ रेपुटेड कंपनी है, जैसे की Anker, Xioami, One Plus, Samsung, इन्ही ब्रांड का पावर बैंक लेना चाहिए। पावर बैंक्स कोशिश करे की ऑनलाइन ख़रीदे, ऑफलाइन मार्केट में कभी कभी डुप्लीकेट पावर बैंक भी मिल सकते है।
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