cloud computing virtualization- वर्चुअलाइजेशन एक ऐसी तकनीक है, जिसके अंतर्गत एक हार्डवेयर में हम सॉफ्टवेयर के द्वारा एक ही सर्वर या कंप्यूटर को दो या अन्य सर्वर या कंप्यूटर की तरह उपयोग कर सकते हैं।
उदहारण के लिए मान लीजिये आपने बाजार से एक कंप्यूटर खरीदा और आपने उस पर अलग-अलग ऑपरेटिंग सिस्टम इनस्टॉल कर लिए अब आपका जो कंप्यूटर सिस्टम है या मशीन है वह तो एक ही है लेकिन आप अलग-अलग ऑपरेटिंग सिस्टम के जरिये उसे अलग-अलग सिस्टम या सर्वर की तरह उपयोग कर रहे हैं।
यही वर्चुअलाइजेशन होता है। अर्थात किसी चीज़ का इमेजिनेशन करना और उसे ऐसे उपयोग करना जैसे वह वाकई में है। साथ ही मशीन की पूरी कैपिसिटी (Capacity) को कई यूजर के बीच डिस्ट्रीब्यूट किया जा सकता है। तो अब तो आप समझ ही गए होंगे कि वर्चुअलाइजेशन क्या है?
what is cloud computing virtualization काम कैसे करता है ?
इस आर्टिकल के माध्यम से हम क्लाउड कंप्यूटिंग में वर्चुअलाइजेशन का क्या महत्त्व है और यह कैसे काम करता है? और आज की टेक्नोलॉजी में ये इतना महत्वपूर्ण क्यों है? क्लाउड कंप्यूटिंग में वर्चुअलाइजेशन (virtualization in cloud computing) यह तो हम सभी जानते हैं, कि इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी (Information Technology) ने किस तरह दिनो-दिन तरक्की की है। और हर रोज नए सॉफ्टवेयर और एप्लीकेशन लोगों के सामने आते हैं।
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इसी से जुड़ा हुआ एक शब्द है वर्चुअलाइजेशन, जो सिर्फ एक शब्द नहीं है बल्कि कंप्यूटर का एक बहुत बड़ा हिस्सा है जिसे समझना बहुत आवश्यक है। अगर आप इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी (Information Technology) से जुड़े हैं या इसके बारे में पढाई कर रहे हैं तो आपको इस वर्चुअलाइजेशन शब्द से रूबरू होना होगा इसे समझना होगा। तो चलिए जानते क्लाउड कंप्यूटिंग में वर्चुअलाइजेशन क्या (what is virtualization in cloud computing) है इसके बारे में।
वर्चुअलाइजेशन एक ऐसी तकनीक है जिसके अंतर्गत एक हार्डवेयर में हम सॉफ्टवेयर के द्वारा एक ही सर्वर या कंप्यूटर को दो या अन्य सर्वर या कंप्यूटर की तरह उपयोग कर सकते हैं।
उदहारण के लिए मान लीजिये आपने बाजार से एक कंप्यूटर खरीदा और आपने उस पर अलग-अलग ऑपरेटिंग सिस्टम इनस्टॉल कर लिए अब आपका जो कंप्यूटर सिस्टम है या मशीन है वह तो एक ही है लेकिन आप अलग-अलग ऑपरेटिंग सिस्टम के जरिये उसे अलग-अलग सिस्टम या सर्वर की तरह उपयोग कर रहे हैं।
यही वर्चुअलाइजेशन होता है किसी चीज़ का इमेजिनेशन करना और उसे ऐसे उपयोग करना जैसे वह वाकई में है। साथ ही मशीन की पूरी कैपिसिटी (Capacity) को कई यूजर के बीच डिस्ट्रीब्यूट किया जा सकता है। तो अब तो आप समझ ही गए होंगे कि वर्चुअलाइजेशन क्या है?
वर्चुअलाइजेशन का इतिहास ।। History of cloud computing virtualization:
ऐसा माना जाता है कि 1960 में वर्चुअलाइजेशन आ चुका था और इसकी सही शुरुआत 1970 में हुई थी। इस समय IBM नाम की बहुत बड़ी कंपनी अपना बहुत सारा समय और उर्जा रोबस्ट टाइम शेयरिंग सलूशन (Robust Time-Sharing Solutions) के डेवलपमेंट में लगा रही थी। जो टाइम शेयरिंग था
उसके द्वारा कंप्यूटर टेक्नोलॉजी में एक बहुत बड़ा परिवर्तन आता, क्योंकि इसके द्वारा बहुत सारे यूजर एक ही रिसोर्स को साथ में उपयोग कर सकते थे इससे कंप्यूटर रिसोर्स और यूजर दोनों की ही एफिशिएंसी (दक्षता) बढ़ जाती और महँगे रिसोर्सेज को भी ये मिलकर उपयोग कर सकते थे।
virtualization in cloud computing in hindi
इसके बाद जब वर्चुअलाइजेशन को समझा गया और उपयोग में लाया गया तब पता चला कि यह रिसोर्सेज को कई यूजर के बीच उपयोग करने का शायद सबसे अच्छा तरीका है और इसका उपयोग होना शुरू हो गया। और आज वर्चुअलाइजेशन को बहुत महत्व दिया जाता है।
वर्चुअलाइजेशन कैसे कार्य करता है? How Does cloud computing virtualization work ?
what is hypervisor? – जब भी वर्चुअलाइजेशन की बात की जाती है, वहाँ पर एक एप्लीकेशन (Application), एक गेस्ट ऑपरेटिंग सिस्टम (Guest Operating system) और डाटा स्टोरेज(Data Storage) को अंडरलेयिंग सॉफ्टवेयर (Under laying Software) और हार्डवेयर (Hardware) से अलग रखा जाता है।
यहाँ एक थिन सॉफ्टवेयर लेयर(Thin Software Layer) होती है जिसे हाइपरवाइज़र (Hypervisor) के नाम से जाना जाता है। हाइपरवाइज़ के द्वारा एक ही कंप्यूटर पर कई सारे ऑपरेटिंग सिस्टम एक साथ कार्य करते हैं।
इन ऑपरेटिंग सिस्टम को वर्चुअल मशीन कहा जाता है। वैसे भी एक मशीन में इतने रिसोर्स (Resource) होते हैं कि उनका उपयोग कई यूजर एक साथ कर सकते हैं और वर्चुअलाइजेशन के द्वारा यह संभव हुआ।
वर्चुअलाइजेशन के प्रकार ।। types of virtualization in cloud computing
मुख्यतः छः प्रकार के वर्चुअलाइजेशन होते हैं:
नेटवर्क वर्चुअलाइजेशन । network virtualization in cloud computing
कम्युनिकेशन नेटवर्क की अगर बात की जाए तो यह जितना विकसित है इसे समझना उतना कठिन भी है। हार्डवेयर पर इसकी निर्भरता भी बहुत अधिक है।
लेकिन नेटवर्क वर्चुअलाइजेशन के द्वारा नेटवर्क की जटिलताओं को (Complexity) को दूर किया जाता और इसे अलग-अलग भागों में बाँटकर मैनेज करता है। इसके अंतर्गत कई फिजिकल नेटवर्क को एक वर्चुअल सॉफ्टवेयर पर आधारित नेटवर्क से जोड़ दिया जाता है
इसके साथ ही फिजिकल नेटवर्क को किसी फ्री वर्चुअल नेटवर्क में भी बाँटा जा सकता है। इसका उदहारण है VLAN (Virtual Local Area Network)
स्टोरेज वर्चुअलाइजेशन ।। Storage Virtualization :
इसके अंतर्गत पूलिंग की जाती है और बहुत सारे स्टोरेज डिवाइस से जो डाटा है या जो भी चीज़ें है वे सभी एक जगह एक फिजिकल स्टोरेज स्पेस में स्टोर होती हैं। इस एक स्टोरेज डिवाइस को सेंट्रल कण्ट्रोल माना जाता है जो सारे स्टोरेज को मैनेज करती है।
अन्य भाषा में कह सकते हैं कि बहुत सारी फिजिकल डिस्क को एक ग्रुप में रखा जाता है और इस ग्रुप को वर्चुअल स्पेस देकर उसे सर्वर को सौंप दिया जाता है।
इसके द्वारा कंपनियों को कम पैसे में अच्छी स्टोरेज कैपेसिटी मिलती है इसलिए अत्यधिक कम्पनी इसका उपयोग करती हैं। इसके उदहारण हैं LUN’s (Logical unit number), Logical volume (LV), RAID groups, etc।
डेस्कटॉप वर्चुअलाइजेशन ।। Desktop Virtualization :
डेस्कटॉप वर्चुअलाइजेशन और ऑपरेटिंग सिस्टम वर्चुअलाइजेशन को कई बार लोग एक ही समझ लेते हैं लेकिन इन दोनों में अंतर हैं। डेस्कटॉप वर्चुअलाइजेशन में कई सारी मशीन को एक ही मशीन के द्वारा मैनेज किया जाता है इसमें बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है इसमें सिर्फ एडमिन डेस्कटॉप ही सभी कुछ मैनेज कर सकता है।
डाटा वर्चुअलाइजेशन ।। Data Virtualization :
इसके अंतर्गत कंपनी डाटा की डायनामिक सप्लाई कर सकती हैं, यूजर की जरुरत के अनुसार डाटा को अनेक जगह से लिया जाता है और उन्हें एक जगह पर रख दिया जाता है और बहुत सारे यूजर उस डाटा को एक्सेस कर सकते हैं।
एप्लीकेशन वर्चुअलाइजेशन ।। Application Virtualization :
इसके अंतर्गत स्टैण्डर्ड एप्लीकेशन (Standard Application) को ऐसा दर्शाया जाता है कि वे डायरेक्ट एक ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ कार्य कर रहे हैं उसको उपयोग कर रहे हैं लेकिन ऐसा होता नहीं है यह सिर्फ एक वर्चुअलाइजेशन होता है। यहाँ ऑपरेटिंग सिस्टम एवं एप्लीकेशन के बीच एक cloud computing virtualization लेयर (Virtualization layers) होती है जिसके द्वारा यह दर्शाया जाता है।
सर्वर वर्चुअलाइजेशन ।। Server Virtualization :
सर्वर एक ऐसा कंप्यूटर होता है जिसे स्पेसिफिक टास्क करने के लिए डिजाईन किया जाता है और जो अन्य कंप्यूटर होते हैं जैसे लेपटोप, डेस्कटॉप पर इसके द्वारा टास्क परफॉर्म किये जा सकते हैं।
अन्य शब्दों में कह सकते हैं कि सर्वर वर्चुअलाइजेशन एक ऐसी प्रोसेस होती है जिसमें एक फिजिकल सर्वर को अन्य यूनिक और आइसोलेटेड वर्चुअल सर्वर में बाँट दिया जाता है। इसमें हर वर्चुअल सर्वर खुद का एक ऑपरेटिंग सिस्टम रन कर सकता है।
what is virtualization in cloud computing ?
Virtualization is the fundamental technology which Powers to the powers cloud computing.
Define virtual machine in cloud computing?
Virtualization is a Software Which help in operate of the Hardware.
types of virtualization in cloud computing
There are the 6 Types of Virtualization 1.Application Virtualization. 2.Network Virtualization. 3.Desktop Virtualization. 4.Storage Virtualization. 5.Server Virtualization. 6.Data virtualization.
वर्चुअलाइजेशन के लाभ और हानि ।। advantages and disadvantages of cloud computing virtualization
Advantages of Virtualization
Disadvantages of Virtualization
- क्योंकि इसमें सच में बहुत सारे हार्डवेयर की जरुरत नहीं होती और एक ही मशीन के रिसोर्सेज को कई सारे यूजर उपयोग कर सकते हैं इसलिए यह सस्ता होता है। वैसे तो यह सस्ता है लेकिन इसका सेटअप कभी-कभी काफी महँगा पड़ता है। जो कंपनी cloud computing virtualization की सर्विस प्रदान करती हैं उन्हें इसकी लागत कभी-कभी महँगी पड़ जाती है।
- अपनी जरुरत के अनुसार कम्पनी इसकी लागत का अनुमान लगा सकती है और इसे उपयोग के लिए खरीद सकती है। अभी भी कुछ सीमाएँ वर्चुअलाइजेशन में हैं अगर किसी व्यक्ति या किसी कंपनी को सही तरह से इस पर कार्य करना है तो उसे हाइब्रिड सिस्टम (Hybrid System) की जरुरत होती है।
- इससे वर्कलोड (Workload) भी कम हो जाता है क्योंकि बहुत से cloud computing virtualization में हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर को उपयोग करने के लिए आटोमेटिक (Automatic Update) अपडेट होता है। सुरक्षा को लेकर कभी-कभी cloud computing virtualization जोखिम भरा साबित हो सकता है।
- सबसे अच्छी बात है कम लागत में अपटाइम बढ़ता है।cloud computing virtualization के साथ कभी-कभी अवैलाब्लिलिटी का इशू (unavailability issues) भी होता है जैसे कभी जिस कंपनी के द्वारा आप वर्चुअलाइजेशन ले रहे हैं उसमें कोई परेशानी आ गई और जब वह परेशानी ठीक हुई तब तक आपका काफी नुकसान हो गया।
- वर्चुअलाइजेशन की वजह से रिसोर्सेज (Resource) का काफी सही रूप में उपयोग संभव हुआ है।स्केलेबिलिटी (Scalability ) की समस्या भी कई बार होती है। जैसे आपका एक छोटा बिज़नेस है और किसी का बड़ा बिज़नेस उसने ज्यादा पैसे देकर ज्यादा रिसोर्स उपयोग किये और आप उस समय उस रिसोर्स को एक्सेस नहीं कर पाए तो इस प्रकार की समस्या भी आती है।
- बड़े स्तर पर वर्चुअलाइजेशन की वजह से ऑनलाइन (Online Business) व्यापार में तेजी आई है। एक वेबसाइट पर कई सारे यूजर एक साथ रजिस्टर कर सकते हैं लॉग इन (Login ) कर सकते हैं।इसे कई सारी लिंक की जरुरत होती है जिससे कई यूजर एक साथ काम कर सके, अगर आपके पास सभी लोकल इक्विपमेंट (Local equipment)हैं तो आपको कार्य करना आसान हो जायेगा नहीं तो समस्या उत्पन्न हो सकती है।
वर्चुअल मशीन ।। cloud computing virtualization Machine
सबसे अच्छा वर्चुअल मशीन सॉफ्टवेयर के बारे में जानने से पहले हम ये जानेंगे कि वर्चुअल मशीन क्या है तो यह एक सॉफ्टवेयर एनवायरनमेंट होता है जो दर्शाता है कि एक मशीन के द्वारा दूसरी मशीन को असली सुविधा दी जा रही है लेकिन यह एक विकल्प (Substitute) होता है।
बेस्ट वर्चुअल मशीन सॉफ्टवेयर ।। Best Virtual Machine Software:
यहाँ हम देखेंगे Windows, Mac, and Linux के लिए सबसे अच्छे वर्चुअल मशीन सॉफ्टवेयर जैसे:
VMware Workstation Player :
Mware Workstation Player एक ऐसा सिस्टम है जो मुख्यतः आईटी प्रोफेशनल्स (Information Technology Professional) और डेवलपर्स (developer ) के लिए हैं। इसके द्वारा डेवलपर मल्टीप्ल ऑपरेटिंग सिस्टम (developer Multiple Operating system) जैसे लिनिक्स (Linux)और विंडो (Windows)पीसी के साथ सॉफ्टवेयर डेवलप कर सकते हैं।
VMware Fusion (Mac) :
यह MacOS के लिए एक बहुत ही अच्छा वर्चुअल मशीन सॉफ्टवेयर है। इसे मुख्यतः क्लाउड कंप्यूटिंग एवं cloud computing virtualization सॉफ्टवेयर(Cloud Computing and Virtualization Software) के लिए जाना जाता है। इसके द्वारा एक ही समय पर अलग-अलग ऑपरेटिंग सिस्टम पर अनेक एप्लीकेशन को यूज़ कर सकते हैं।
Parallels :
जैसा इसका नाम है वैसे ही इसका काम है यह एक बहुत फ़ास्ट(Fast), आसान वर्चुअल डेस्कटॉप एप्लीकेशन (Virtual desktop Application) है जिसे विंडो और Mac दोनों ही ऑपरेटिंग सिस्टम पर रन किया जा सकता है और इसके लिए सिस्टम रिबूट ( System Reboot) की आवश्यकता नहीं होती।
Hyper-V :
Hyper-V को पहले विंडोज सर्वर वर्चुअलाइजेशन की तरह जाना जाता था। यह एक हाइपरविजर है जिसे x86-64 सिस्टम पर वर्चुअल मशीन को क्रिएट करने के लिए डिजाईन किया गया। Hyper-V पर रन कर रहे सर्वर को एक या एक से ज्यादा नेटवर्क के इंडिविजुअल मशीन को एक्स्पोस करने के लिए उपयोग किया जा सकता है।
VirtualBox :
VirtualBox x86 कंप्यूटर के लिए एक प्रसिद्द ओपन-सोर्स हाइपरवाइजर (Open Source Hypervisor) है। सबसे अच्छे वर्चुअल सॉफ्टवेयर (Best Virtual Software Machine) मशीन में से यह एक है यह वर्चुअल मशीन को मैनेज और क्रिएट करने में सहायक है और यह Windows, Linux, BSD और भी कई ऑपरेटिंग सिस्टम पर रन किया जा सकता है।
ये सभी थे बेस्ट वर्चुअल मशीन सॉफ्टवेयर (Best Virtual Software Machine) इनके अलावा और भी कई सारे बेस्ट वर्चुअल मशीन सॉफ्टवेयर हैं जैसे: VM Monitor, QEMU, Gnome Boxes, Red Hat Virtualization, Boot Camp, Proxmox VE, Kernel Virtual Machine इत्यादि। जरुरत के अनुसार इनका उपयोग किया जाता है।
हाइपरवाइजर्स ।। Hypervisors :
जब हम वर्चुअलाइजेशन के बारे में जान ही रहे हैं तो हम हाइपरवाइजर्स को नहीं छोड़ सकते क्योंकि इसके बिना cloud computing virtualization पूरा नहीं हो सकता। यह एक ऐसी सॉफ्टवेर लेयर है जो अंडरलेयिंग फिजिकल हार्डवेयर एवं वर्चुअल मशीन के बीच इंटरफ़ेस का कार्य करती है और वर्चुअल मशीन को को- ऑर्डिनेट (Coo-ordinate) करती है। यह पूर्ण रूप से वर्चुअल मशीन को मैनेज करती है। इसके दो प्रकार होते हैं।
हाइपरवाइजर्स के प्रकार ।। Types Of Hypervisors: (cloud computing virtualization)
Type 1 or “Bare-Metal” Hypervisor:
यह हाइपरविजर अंडरलेयिंग फिजिकल रिसोर्सेज के साथ कार्य करता है जब ट्रेडिशनल ऑपरेटिंग सिस्टम को बदला जाता है।
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Type 2 Hypervisors:
यह पहले से मौजूद ऑपरेटिंग सिस्टम पर एक एप्लीकेशन की तरह रन होता है। मुख्यतः यह एंड पॉइंट डिवाइस (End Point Device) पर अल्टरनेटिव ऑपरेटिंग सिस्टम (Alternative Operating system) को रन करने के लिए उपयोग किया जाता है।
वैसे तो क्लाउड कंप्यूटिंग में वर्चुअलाइजेशन virtualization in cloud computing को समझना इतना आसान नहीं है। लेकिन इतना भी मुश्किल नहीं है। इसे अगर कल्पना करते हुए समझा जाए तो, इसे समझना बहुत ही आसान हो जाता है। वर्चुअलाइजेशन की दुनिया वैसे बहुत बड़ी है। आप जितना इसके बारे में पड़ेंगे आपको उतना नया सीखने के लिए मिलेगा।
यह भी पढे– risk ना लेना ही सबसे बड़ा रिस्क है। जानिए कैसे ?
निष्कर्ष
इस आर्टिकल के माध्यम से हमने cloud computing virtualization क्या है? (what is Cloud Computing)। step by step उदाहरण और स्क्रीनशॉट के साथ समझाने का प्रयास किया है। और उम्मीद करते है, की क्लाउड कंप्यूटिंग इन वर्चुअलाइजेशन (virtualization in cloud computing) से संबंधित सभी डाउट को दूर हो गए होंगे। और उम्मीद करते है, कि आर्टिकल में दी गयी जानकारी आपके लिए लाभदायक रही होगी। तो इसे आप अपने फ्रेंड और सोशल मीडिया में शेयर कर सकते है। यदि फिर भी आपको कोई संदेह रहे हो आप अपने सवाल को कमेंट के माध्यम से पूछ सकते है।
What is role of storage virtualization in cloud computing?
Storage virtualization in cloud computing is a sharing of physical storage into the multiple storage devices which further it appears to be an single storage device.
What are the different types of virtualization in cloud computing?
Here is the list of Different types of virtualization in cloud computing -
Hardware Virtualization.
Operating system Virtualization.
Server Virtualization.
Storage Virtualization.
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10 thoughts on “what is cloud computing virtualization in Hindi : वर्चुअलाइजेशन क्या है काम कैसे करता है ?”