Amritsar-Jamnagar Green Field Expressway: देश के सबसे बड़े राजमार्गों में से एक अमृतसर-जामनगर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण भारत माला परियोजना के तहत किया जा रहा है। इस एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 1256 किमी है. इसमें से 915.85 किमी को ग्रीनफील्ड संरेखण के रूप में विकसित किया जा रहा है, जबकि शेष पहले से ही राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में मौजूद है। हाईवे के निर्माण से आर्थिक गतिविधियों में तेजी आने की उम्मीद है.
इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 80 हजार करोड़ रुपये है. इसका पूरा निर्माण 2025 तक पूरा हो जाएगा। इस परियोजना का क्रियान्वयन भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा किया जा रहा है। यह राजमार्ग पंजाब के कपूरथला जिले के टिब्बा गांव से शुरू होता है और जामनगर पर समाप्त होता है। राजस्थान में निर्माण कार्य की अनुमानित लागत 15,000 करोड़ रुपये है.
Amritsar-Jamnagar Green Field Expressway
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि अमृतसर-जामनगर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे से चार राज्यों के लाखों लोगों का जीवन आसान होगा, वहीं विकास को भी नई ऊर्जा मिलेगी. मोदी ने शनिवार को राजस्थान के बीकानेर दौरे पर रवाना होने से पहले सोशल मीडिया पर यह बात कही. उन्होंने कहा कि आज उन्हें राजस्थान के बीकानेर में कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने का सौभाग्य मिलेगा. इनमें अमृतसर-जामनगर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे भी शामिल है। इससे जहां चारों राज्यों के लाखों लोगों का जीवन आसान होगा, वहीं विकास को भी नई ऊर्जा मिलेगी।
शाम 4 बजे बीकानेर के नौरंगदेसर में पीएम मोदी, अमृतसर-जामनगर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के अलावा गुजरात के भुज से पंजाब के मौगा तक ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर के प्रथम चरण का निर्माण, राजस्थान में सौर ऊर्जा क्षेत्रों (8.1 गीगावॉट) से ट्रांसमिशन सिस्टम योजना चरण II का निर्माण बीकानेर में पार्ट एफ के निर्माण और ईएसआईसी अस्पताल के निर्माण का उद्घाटन करेंगे।
Amritsar-Jamnagar Green Field Expressway Detail’s
Article Name | Amritsar-Jamnagar Green Field Expressway |
Length | 1,257 km |
Highway system | Expressways of India |
North end | Tibba, Kapurthala, |
Punjab South end | Jamnagar, Gujarat |
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Category | Trending |
80 हजार करोड़ रुपए होंगे खर्च
इस प्रोजेक्टर पर 80 हजार करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. यह 2025 तक पूरी तरह से तैयार हो जाएगा। इसका निर्माण भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) कर रहा है। पंजाब में कपूरथला जिले के टिब्बा गांव से शुरू होकर यह राजमार्ग जामनगर पर समाप्त होता है। राजस्थान हिस्से के निर्माण कार्य की अनुमानित लागत 15,000 करोड़ रुपये है.
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4 बड़े राज्यों को कनेक्ट करेगा
अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे देश के 4 बड़े राज्यों को जोड़ेगा. यह पंजाब, राजस्थान, हरियाणा और गुजरात को एक साथ जोड़ेगा। परियोजना के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि अमृतसर को जामनगर से जोड़ने वाला 917 किलोमीटर लंबा यह ग्रीनफील्ड 6-लेन एक्सेस नियंत्रित कॉरिडोर उत्तरी और मध्य भारत के बीच बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। अमृतसर-जामनगर कॉरिडोर पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात के 15 जिलों से होकर गुजरेगा। यह एक्सप्रेसवे पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों को जामनगर और कांडला के प्रमुख बंदरगाहों से जोड़ेगा।
7 बंदरगाह और 9 प्रमुख एयरपोर्ट जुड़ेंगे
यह गलियारा 7 बंदरगाहों, 9 प्रमुख हवाई अड्डों और एक मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक पार्क को भी जोड़ेगा। यह एक्सप्रेसवे अमृतसर, बीकानेर, जोधपुर, बाड़मेर और कच्छ जैसे पर्यटन स्थलों को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। यह बठिंडा, बाड़मेर और जामनगर की 3 प्रमुख तेल रिफाइनरियों को जोड़ने वाला भारत का पहला एक्सप्रेसवे होगा। इस एक्सप्रेसवे का विकास मुख्य रूप से व्यावसायिक कारणों से किया जा रहा है। यह उत्तर भारत के कृषि क्षेत्रों को कांडला और जामनगर बंदरगाह से जोड़ेगा। इस तरह माल भेजना और निर्यात करना बहुत आसान हो जाएगा।
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सबसे ज्यादा होगा फायदा
एक्सप्रेसवे यात्रा के समय को काफी कम कर देगा और प्रमुख शहरों और औद्योगिक गलियारों के बीच परिवहन कनेक्टिविटी में सुधार करेगा। इस एक्सप्रेसवे के पूरा होने के बाद अमृतसर से जामनगर की दूरी 1,430 से घटकर सिर्फ 1,256 किमी रह जाएगी। इतना ही नहीं, अत्याधुनिक हाईवे के कारण अमृतसर से जामनगर तक का सफर 26 घंटे से घटकर सिर्फ 13 घंटे रह जाएगा। इस एक्सप्रेसवे से सबसे ज्यादा फायदा अमृतसर, बीकानेर, कच्छ और जामनगर को होगा। गुजरात के कांडला पोर्ट से सामान लाने-ले जाने वाले वाहनों को अब काफी कम समय लगेगा। बताया गया है कि पंजाब से गुजरात जाने में पहले जो समय लगता था, वह अब आधे से भी कम लगेगा.
एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से होगा लैस
इस एक्सप्रेसवे पर एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम होगा. एक्सप्रेसवे पर इलेक्ट्रॉनिक्स टोल प्लाजा होगा. यानी आप जितनी अधिक दूरी तय करेंगे, उतना अधिक टोल कटेगा. इस जगह पर इलेक्ट्रॉनिक वाहन चार्जिंग पॉइंट बनाए गए हैं। इस एक्सप्रेस-वे से वाहन 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकेंगे. भविष्य में इस 6 लेन हाईवे को 10 लेन का भी बनाया जा सकता है. अमृतसर जामनगर एक्सप्रेसवे भारतीय और पाकिस्तानी सीमाओं के करीब बनाया जा रहा है, जो अंततः सीमाओं के करीब सैन्य ठिकानों के बीच निर्बाध कनेक्टिविटी को सक्षम करेगा।
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आठ खंडों में विभाजित किया गया है
इस एक्सप्रेसवे का राजस्थान में 537 किलोमीटर का हिस्सा है, जो पूरा हो चुका है. इस एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ फेंसिंग के जरिए दीवार बनाई गई है. अमृतसर जामनगर एक्सप्रेसवे के निर्माण को आठ खंडों या चरणों में विभाजित किया गया है, जिनमें से पांच ग्रीनफील्ड खंड होंगे, और शेष तीन ब्राउनफील्ड प्रकार के होंगे। यदि प्रत्येक खंड के निर्माण चरणों को जोड़ दिया जाए, तो कुल 30 विकास पैकेज होंगे।
एक्सप्रेसवे का 45 फीसदी हिस्सा राजस्थान
जानकारी के मुताबिक, इकोनॉमिक कॉरिडोर के तहत बनने वाले इस अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे का 45 फीसदी हिस्सा राजस्थान के श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, जोधपुर और बाड़मेर जिलों से होकर गुजरेगा. जानकारों का कहना है कि एक्सप्रेस-वे खुलने के बाद इस इलाके की आर्थिक स्थिति पूरी तरह बदल जाएगी.
Amritsar-Jamnagar Green Field Expressway FAQ’S
How long will the Amritsar Jamnagar Greenfield Corridor be?
The expressway will decrease the distance between Amritsar and Jamnagar from 1,430 km to 1,256 km, reducing travel time from 26 hours to 13 hours.
How many states are covered in the Amritsar Jamnagar Greenfield Corridor?
The Greenfield Expressway will connect Rajasthan with Haryana, Punjab, Gujarat and Jammu and Kashmir.
What is the name of Amritsar Jamnagar Expressway?
Amritsar Jamnagar Economic Corridor
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