श्री रामचरितमानस सुनने-गाने की महिमा बालकाण्ड

श्री रामचरितमानस सुनने-गाने की महिमा दोहा : * राम रूपु भूपति भगति ब्याहु उछाहु अनंदु। जात सराहत मनहिं मन मुदित गाधिकुलचंदु॥360॥ भावार्थ:-गाधिकुल के चन्द्रमा विश्वामित्रजी बड़े हर्ष के साथ श्री रामचन्द्रजी के रूप, राजा दशरथजी की भक्ति, (चारों भाइयों के) विवाह और (सबके) उत्साह और आनंद को मन ही मन सराहते जाते हैं॥360॥ चौपाई : … Continue reading श्री रामचरितमानस सुनने-गाने की महिमा बालकाण्ड