Virat Parv ~ Mahabharat Stories In Hindi ।। विराट पर्व ~ महाभारत

Virat Parv ~ Mahabharat Stories In Hindi ।। विराट पर्व ~ महाभारत विराट पर्व में अज्ञातवास की अवधि में विराट नगर में रहने के लिए गुप्तमन्त्रणा, धौम्य द्वारा उचित आचरण का निर्देश, युधिष्ठिर द्वारा भावी कार्यक्रम का निर्देश, विभिन्न नाम और रूप से विराट के यहाँ निवास, भीमसेन द्वारा जीमूत नामक मल्ल तथा कीचक और … Read more

भगवान परशुराम जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं

भगवान् परशुराम का वर्णन महाभारत, कल्कि पुराण और रामायण में भी है। भगवान् परशुराम वीरता और महानता के प्रतीक माने जाते हैं। भगवान् परशुराम एक मुनि थे जो विष्णु भगवान के छटवे अवतार थे। आप सभी को अक्षय तृतीया पर्व एवं भगवान विष्ण के 6वें अवतार भगवान परशुराम जयंती पर समस्त देशवासियों को हार्दिक बधाई … Read more

हनुमान्‌जी का अशोक वाटिका में सीताजी को देखकर दुःखी होना और रावण का सीताजी को भय दिखलाना

हनुमान्‌जी का अशोक वाटिका में सीताजी को देखकर दुःखी होना और रावण का सीताजी को भय दिखलाना * जुगुति बिभीषन सकल सुनाई। चलेउ पवन सुत बिदा कराई॥ करि सोइ रूप गयउ पुनि तहवाँ। बन असोक सीता रह जहवाँ॥3॥ भावार्थ : विभीषणजी ने (माता के दर्शन की) सब युक्तियाँ (उपाय) कह सुनाईं। तब हनुमान्‌जी विदा लेकर चले। … Read more

अथ त्रयोदशोsध्याय: श्रीभगवानुवाच (Shrimad Bhagavad Gita . 13)3

(ज्ञानसहित क्षेत्र-क्षेत्रज्ञ का विषय) अथ त्रयोदशोsध्याय: श्रीभगवानुवाच श्रीभगवानुवाच इदं शरीरं कौन्तेय क्षेत्रमित्यभिधीयते। एतद्यो वेत्ति तं प्राहुः क्षेत्रज्ञ इति तद्विदः॥ भावार्थ : श्री भगवान बोले- हे अर्जुन! यह शरीर ‘क्षेत्र’ (जैसे खेत में बोए हुए बीजों का उनके अनुरूप फल समय पर प्रकट होता है, वैसे ही इसमें बोए हुए कर्मों के संस्कार रूप बीजों का फल … Read more

ज्ञान-भक्ति-निरुपण, ज्ञान-दीपक और भक्ति की महान्‌ महिमा

ज्ञान-भक्ति-निरुपण, ज्ञान-दीपक और भक्ति की महान्‌ महिमा * भगति पच्छ हठ करि रहेउँ दीन्हि महारिषि साप। मुनि दुर्लभ बर पायउँ देखहु भजन प्रताप॥114 ख॥ भावार्थ:-मैं हठ करके भक्ति पक्ष पर अड़ा रहा, जिससे महर्षि लोमश ने मुझे शाप दिया, परंतु उसका फल यह हुआ कि जो मुनियों को भी दुर्लभ है, वह वरदान मैंने पाया। … Read more

षष्ठ सोपान- रावण का विभीषण पर शक्ति छोड़ना, रामजी का शक्ति को अपने ऊपर लेना, विभीषण-रावण युद्ध

षष्ठ सोपान- रावण का विभीषण पर शक्ति छोड़ना, रामजी का शक्ति को अपने ऊपर लेना, विभीषण-रावण युद्ध रावण का विभीषण पर शक्ति छोड़ना दोहा : * पुनि दसकंठ क्रुद्ध होइ छाँड़ी सक्ति प्रचंड। चली बिभीषन सन्मुख मनहुँ काल कर दंड॥93॥ भावार्थ:- फिर रावण ने क्रोधित होकर प्रचण्ड शक्ति छोड़ी। वह विभीषण के सामने ऐसी चली जैसे … Read more