Wednesday, May 8, 2024
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अमरनाथ यात्रा 2024: यात्रा के रूट पर CRPF की अचूक किलेबंदी, CRPF महानिदेशक ने सुरक्षा व्यवस्था

अमरनाथ यात्रा 2024: हिंदू धर्म की पवित्र अमरनाथ यात्रा 1 जुलाई से शुरू होने जा रही है। इस साल भी होने वाली अमरनाथ यात्रा के लिए तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो गई हैं. इस बीच, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक एस.एल. थाउसेन ने कुछ दिनों में शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा के मद्देनजर रविवार को बालटाल आधार शिविर और पवित्र गुफा मंदिर के रास्ते में पड़ने वाले कई पड़ाव स्टेशनों पर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की।

हर साल श्रद्धालु अमरनाथ यात्रा का बेसब्री से इंतजार करते हैं। यहां बड़ी संख्या में हर बाबा बर्फानी के भक्त उनके दर्शन के लिए पहुंचते हैं। इसे देखते हुए प्रशासन यात्रा की सुरक्षा की तैयारी में जुटा हुआ है. सीआरपीएफ के महानिदेशक एस. एल थाउसेन ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा, ”इस महत्वपूर्ण आयोजन की सफलता हमारी सामूहिक प्रतिबद्धता और अद्वितीय समन्वय पर निर्भर करती है.”

अमरनाथ यात्रा 2024

अमरनाथ यात्रा के रूट को सुरक्षित बनाने के लिए सीआरपीएफ ने मोर्चा संभाल लिया है. यात्रा का पहला जत्था जम्मू से रवाना हो चुका है. फोर्स ने करीब एक किलोमीटर के अंतराल पर मार्ग को सैनिटाइज किया है। यानी इतनी दूरी पर सीआरपीएफ का मोर्चा होगा.

देश के सबसे बड़े केंद्रीय अर्धसैनिक बल सीआरपीएफ ने अमरनाथ यात्रा के मार्ग पर तीर्थयात्रियों को अचूक सुरक्षा प्रदान करने के लिए कमर कस ली है। जिन रास्तों से अमरनाथ यात्रा गुजरेगी, वहां अचूक किलेबंदी की गई है। सीआरपीएफ की 950 मीटर थ्योरी आतंकियों को यात्रा मार्ग के आसपास हमला नहीं करने देगी. भले ही सरकारी कर्मियों के लिए रोजाना आठ घंटे की ड्यूटी होती है, लेकिन अमरनाथ यात्रा के दौरान सीआरपीएफ के जवानों को 14 से 16 घंटे तक तैनात किया जाता है। बल के एक अधिकारी ने कहा, यात्रा मार्ग पर श्रद्धालुओं के काफिले पूरी तरह सुरक्षित रहेंगे. बल के वाहनों द्वारा उनकी सुरक्षा की जाएगी रास्ते में कोई खतरा न हो इसके लिए सीआरपीएफ की ‘रोड ओपनिंग पार्टी’ 24 घंटे गश्त पर रहेगी.

अमरनाथ यात्रा 2023

अमरनाथ यात्रा  Detail’s 2024

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CRPF का एक मोर्चा इतनी दूरी पर रहेगा

अमरनाथ यात्रा के रूट को सुरक्षित बनाने के लिए सीआरपीएफ ने मोर्चा संभाल लिया है. यात्रा का पहला जत्था जम्मू से रवाना हो चुका है. फोर्स ने करीब एक किलोमीटर के अंतराल पर मार्ग को सैनिटाइज किया है। यानी इतनी दूरी पर सीआरपीएफ का मोर्चा होगा. मोर्चों के बीच इतनी कम दूरी इसलिए रखी गई है ताकि अगर किसी दूसरे मोर्चे पर कोई घटना हो तो पहले मोर्चे से जवान बिना किसी देरी के वहां पहुंच सकें. खास बात यह है कि जवानों ने खुद ही अपना मोर्चा तैयार किया है. यात्रा मार्ग पर पर्याप्त संख्या में आरओपी तैनात की गई है। यात्रियों को अचूक सुरक्षा प्रदान करने के लिए मार्ग के कुछ हिस्सों की ड्रोन से निगरानी की जाएगी। इसके अलावा सीसीटीवी भी लगाए गए हैं.

14 घंटे तक तैनाती एक जवान की

साल 2017 में अमरनाथ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं पर हुए आतंकी हमले के बाद यात्रा की सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआरपीएफ को सौंपी गई थी. लगभग 300 किलोमीटर की यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों के काफिले को जम्मू बेस कैंप से बालटाल/पहलगाम तक सीआरपीएफ एस्कॉर्ट में लाया जाता है। सुबह से शाम तक इस यात्रा मार्ग को सुरक्षित रखने के लिए जवान तैनात रहते हैं। ये जवान सुबह-सुबह अपने हथियार और गोला-बारूद और अन्य उपकरणों के साथ शिविर से निकल जाते हैं। 14 घंटे से ज्यादा समय तक जवानों को अपने साजो-सामान के वजन के साथ खड़ा रहना पड़ता है.

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यात्रा की तैयारियों की समीक्षा

दक्षिण कश्मीर के हिमालयी क्षेत्र में 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ की तीर्थयात्रा 1 जुलाई से शुरू हो रही है, जो 31 अगस्त 2024 को सावन पूर्णिमा पर समाप्त होगी। यह यात्रा 62 दिनों तक चलेगी. सीआरपीएफ के एक प्रवक्ता ने कहा, “सीआरपीएफ के महानिदेशक ने अमरनाथ यात्रा 2024 के लिए तैनात सीआरपीएफ की परिचालन और प्रशासनिक तैयारियों की समीक्षा करने के लिए बालटाल, डोमेल, सरबल और नीलग्राथ शिविरों का दौरा किया और तैयारियों का जायजा लिया।”

सीआरपीएफ प्रवक्ता के मुताबिक, महानिदेशक थाउसेन ने यात्रा परिचालन तैयारियों की समीक्षा की और साथ ही आपदा प्रबंधन की भी समीक्षा की. दरअसल, पिछले साल अमरनाथ यात्रा के दौरान पवित्र गुफा के पास बादल फट गए थे, जिससे श्रद्धालुओं के शिविर के पास बाढ़ आ गई थी. इस हादसे में करीब 13 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी. सीआरपीएफ महानिदेशक ने इस बात का भी आकलन किया कि ऐसी किसी अप्रत्याशित दुर्घटना या प्राकृतिक आपदा की स्थिति से कैसे निपटा जाए.

विशाल सुरक्षा ग्रिड तैनात अमरनाथ यात्रा के लिए

यात्रा को देखते हुए विशाल सुराश्र ग्रिड तैनात किया गया है. इसमें सेना और पुलिस के अलावा केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, सीमा सुरक्षा बल, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस, सीआईएसएफ और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के जवान शामिल हैं। पहलगाम और बालटाल आधार शिविरों की ओर जाने वाले मार्ग और गुफा मंदिर की ओर जाने वाली सड़क पर सैकड़ों नए सुरक्षा बंकर बनाए गए हैं। ड्रोन सहित उच्च तकनीक निगरानी उपायों का भी उपयोग किया जा रहा है

अमरनाथ यात्रा 2024 FAQ’S

अमरनाथ यात्रा 2024 की लागत कितनी है?

अगर आप यात्रा के लिए हेलीकाॅप्टर बुक करते हैं तो आपको अतिरिक्त 13,000 रुपये का भुगतान करना पड़ेगा. वहीं, अगर आप बालटाल से पवित्र गुफा श्रमिक पिट्ठू द्वारा जाते हो तो आपको लगभग 4,000 खर्च करने होंगे और अगर आप घोड़े की मदद से जाते हो तो आपको करीब 5,000 खर्च करने होंगे.

अमरनाथ यात्रा के लिए बुकिंग कैसे करें?

अमरनाथ यात्रा 2024 के लिए आधिकारिक वेबसाइट www.jksasb.nic.in पर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।

अमरनाथ यात्रा कितने दिन में पूरी करनी है?

तीर्थयात्री की भक्ति के आधार पर यात्रा की लंबाई 36 से 48 किमी तक होती है। यात्रा में आमतौर पर एक तरफ से 3-5 दिन लगते हैं।

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