friendship की व्याख्या इतना आसान नहीं है । लेकिन असंभव भी नहीं है । friendship ऐसा कुछ नहीं है,जिसे स्कूल मे ही सिखाया जाए । लेकिन फिर भी यदि अपने जीवन मे friendship या मित्रता का अर्थ नहीं सीखा तो, जीवन मे कुछ भी नहीं सीखा । जरूरी नहीं कि आप अधिक friends ही बनाओ लेकिन जो friends हो लाजवाब होने चाहिए ।
और यह तभी संभव है,जब आपको खुद को मित्रता का अर्थ मालूम हो । इसके लिए यह जरूरी नियम तो नहीं है,कि आप लाजवाब मित्र हो तभी आपको ऐसे मित्र मिलेंगे ।लेकिन फिर भी संभावना जरूर बनती है ।और किसी दूसरे कि तलास (लाजवाब मित्र कि तलास ) जरूर पूरी हो जाती है
friends अधिक हो या न हो friendship मित्रता लाजवाब होनी चाहिए । Details
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Friendship कैसी होनी चाहिए?
यद्यपि friendship मे no thanks और no sorry वाली कहावत चरितार्थ होती है,तथापि ”कुछ ऐसे friends जरूर बनाए,जो साथ रहने के लिए सहज बेशक न हो,लेकिन आपको ऊपर उठाने के लिए मजबूर जरूर करे ।” ऐसे मित्र को आप लाजवाब मित्र या friends ,और ऐसी friendship मित्रता को आप लाजवाब friendship कह सकते हो ।आज के समय मे face book friends कि संख्या मे काफी इजाफा हुआ है । जो कुल-मिलाकर उचित भी है ।फिर भी मै तो यही कहूँगा कि ”मित्र अधिक हो या न हो पर जो friends हो लाजवाब होने चाहिए ।” और इसके लिए सर्व-प्रथम खुद एक अच्छा मित्र होना चाहिए ।
मेरा मानना तो कितना उचित है,यह तो पाठक ही जाने । लेकिन यही कहूँगा कि friendship ऐसी निभाओ कि कोई खास मित्र माने या न माने पर जिसका नाम आपकी friendship लिस्ट मे जुड़े वह दूसरे लोगो के लिए खास (special person) जरूर बन जाए । तभी हमने या आपने friendship का सही मायने मे अर्थ समझा है । और सही मायने मे friendship का अर्थ समझने का औचित्य भी तभी है,जब आप बेशक अधिक मित्र न बनाओ पर जो मित्र बनाओ उन्हे बदलो नहीं । किसी ने कहा है ‘मित्र बढ़ाओ या न बढ़ाओ पर friends बदलो मत ।
success rules सफलता आन्तरिक नियमो से मिलती है ।
मित्रों से स्वयं की पहचान कैसे?
वैसे भी एक quality पसंद इंसान कि परख करने का यह best तरीका है कि उसके पुराने मित्र कितने प्रतिशत आज भी friends है ।और कैसे-कैसे friends है । अर्थात इंसान कि पहचान या quality जानने का जरिया भी friends है । friendship या मित्रता दुनिया का वह निश्छल प्रेम है, जो इंसान कि समस्या रूपी समस्त गाँठे खोल देता है ।बशर्ते friendship सही मायने मे अर्थ वाली होनी चाहिए।
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[…] Anyway, this is the best way to judge a quality choice person, how many percent of his old They are still friends. And how many friends are there? That is, the way to know the identity or quality of a person is also They. Friendship or friendship is the pure love of the world, which opens all the knots of the problem of a human being, provided that friendship should be truly meaningful. […]
Very nice
thank you very much
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[…] those fake friends who seem real when you have something and disappear when you have nothing.” – Rashida […]