What Is Life– जीवन क्या है? कभी आपने सोचा है कि, हमें इसको किस तरह जीना चाहिए? What Is Life? अर्थात जीवन हमारे जन्म से मृत्यु के बीच की कालावधि ही जीवन कहलाती है। जो हमें ईश्वर द्वारा प्रदत्त एक सुनहरा वरदान है। दोस्तो जीवन एक दर्पण के समान है। हमें अच्छे परिणाम तब मिलते हैं, जब हम इसे देखकर मुस्कराते हैं। जीवन संस्कार प्राप्ति का दूसरा नाम है।
मनुष्य जीवन भी नदी की भाँति है। साधारण मनुष्य बहाव में बहते हैं, असाधारण मनुष्य अपने बहाव से नई राहें बना लेते हैं। यदि आपने अपना कोई उद्देश्य निर्धारित नहीं किया है, तो जीवन निरर्थक है। उद्देश्य की पूर्ति के लिए जीवन देने वाले को असीम सुख मिलता है, वह भौतिक सम्पत्ति जुटा लेने में भी नहीं मिलता। अर्थात जीवन का रहस्य भोग में नहीं, योग अथवा अनुभव के द्वारा शिक्षा प्राप्ति मे होता हैं।
What Is The Truth Of Life जीवन की सच क्या है ?
What Is Life अर्थात जीवन की परिभाषा (Definition Of Life) को लेकर सबके अलग अलग विचार है। और ये जितने भी विचार है, वो सब अपने खुद के जीवन के अनुभव पर देते है। लेकिन फिर भी यहाँ पर कुछ तथ्य है जो, जीवन की परिभाषा (Definition Of Life) को बिलकुल बदल देती है।
जैसा की मैंने कहा की जीवन को लेकर सबके अलग अलग विचार है। और ये विचार उनके खुद के जीवन के अनुभव पर होते है। लेकिन सबके अनुभव उनके विचारो पर निर्भर करते है। जिसकी जैसी सोच होगी, वैसी ही उसके लिए जीवन की परिभाषा होती है। और ये सोच दो प्रकार की होती है। सकारात्मक और नकारात्मक।
What is Life Overview
Name Of Article | What is Life |
Year | 2024 |
Category | Badi Soch |
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अब यहाँ जिस मनुष्य की सोच सकारात्मक(Positive Thought) होगी उसके लिए जीनव का अनुभव भी सकारत्मक ही होगा। और जिस मनुष्य की सोच नकारात्मक (Negative Thought) होगी, उसके लिए जीवन का अनुभव भी नकारात्मक ही होगा। जिससे जीवन को लेकर परिभाषा भी नकारात्मक होगी।
जीवन की परिभाषा (Defination of life) तो वैसे हम ने बहुत बार सुनी है और सभी लोगो ने इसकी अलग अलग परिभाषा दी है। लेकिन जीवन की सबसे सही और सटीक परिभाषा हमें श्री कृष्ण ने दी है। जो,कि उन्होंने गीता के माध्यम से पूरे विश्व को बताया है। तो चलिए जानते है, गीता में श्री कृष्ण ने जीवन की परिभाषा क्या दी है?
जीवन क्या है? जीवन की परिभाषा । What Is Life । Definition Of Life
हम सब के जीवन में कभी न कभी कोई न कोई बड़ी या छोटी घटना घटती है, और हम उस घटनाओ को चाह कर भी नहीं भुला पाते है। हम बस उन सब घटनाओ को लेकर परेशान होने लगते है, और ये घटना आगे हमारे साथ न हो इसके लिए हम भविष्य के लिए योजना बनाने लग जाते है।
हम हमेशा जो बीत गया और जो आने वाला है उसके बारे में सोचते है और आज को हम भूल जाते है। श्री कृष्ण ने इस आज को ही जीवन बताया है। हम हमेशा जो बीत गया और जो आने वाला है उसके बारे मे सोचने के चक्कर में आज का अनुभव करना भूल जाते है। जबकि आज के दिन का अनुभव ही जीवन होता है। वर्तमान समय का जो अनुभव होता है वही जीवन की परिभाषा है।
अब यहाँ विचार आपको करना है कि,आप अपने आज को कल क्या हुआ था? और कल क्या होगा? इन बातो को याद कर के परेशान होना है या फिर जो अभी आपके पास अर्थात सामने है उसका आनंद लेना है।
लेकिन अब यहाँ ऐसा भी नहीं है कि, आपको अपने भविष्य के बारे में सोचना बिलकुल बंद करना है, आप अपने भविष्य के बारे में सोच भी सकते है। और योजनाये भी बना सकते है। लेकिन आपको उसके बारे में सिर्फ सोचना है, उनको लेकर फ़िक्र नहीं करनी है। सही मायने मे यही जीवन क्या है।
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जीवन किस तरह जीना चाहिए?
हमेशा आपको वर्तमान में जीना चाहिए। क्योकि वर्तमान ही आपको असली जीवन का अनुभव करवाता है। और आप वर्तमान में कैसे जी सकते है? इसके लिए भी हम आपको कुछ टिप्स देंगे।
वर्तमान में कैसे जीये । How To Live In Present
दोस्तों हम आपको वर्तमान में जीने (Live In Present ) का सिर्फ एक तरीका बतायेगें। वो ही सबसे अच्छा और बेहतरीन तरीका है। इसके अलावा सारे तरीके गौण है। बस आप एक ये आदत अपने अंदर ले आये तो, आप वर्तमान में जीना सीख़ जायेंगे।
- जब भी हम कोई काम करते है, तो हम काम तो करते है, लेकिन उस काम को महसूस नहीं करते है। इसका मतलब ये है, कि जब आप खाना खाते हो तो आप खाना तो इधर खाते हो लेकिन दिमाग इधर उधर की बाते सोचने में लग जाता है। और फिर आप उस भोजन का आनंद नहीं ले पाते है।
- आपको ये पता ही नहीं होता कि, खाना कैसा बना है? उसका क्या स्वाद है? अर्थात जब भी आप खाना खाये तो आपका पूरा ध्यान उस खाने में होना चाहिए। जैसे आप देख सकते है, कि आज सब्जी में क्या अलग टेस्ट है जो रोज नहीं होता, सब्जी में क्या क्या सामग्री का उपयोग किया गया है, आप ये भी अंदाजा लगने की कोशिश कर सकते है, कि आज खाना किसने बनाया? और भी बहुत सी बाते है।
- इसके अलावा जैसे आप कही घूमने जा रहे है, तो आज ये जानने की कोशिश कर सकते है की आज क्या कुछ नया उस जगह पर हुआ जहाँ आप रोज जाते है।
- और जैसे आप स्नान कर रहे है तो आप उस समय को अनुभव कर सकते है, जिस समय आप अपने उपर पानी डालते है। इसमें आप ये महसूस कर सकते है, कि जब हम अपने ऊपर पानी डालते है तो कैसा महसूस होता है? आप पानी में तापमान को अनुभव कर सकते हैकि, आज पानी कितना ठंडा है या कितना गर्म है।
- या जैसे आप किसी से बात कर रहे हो तो आप उस आदमी के बारे में उस वक़्त जानने की कोशिश कर सकते है, जैसे आज उसने क्या पहना है? उसने कोनसा परफ्यूम लगाया है, उसका बोलने का तरीका क्या है, उसकी बॉडी लैंग्वेज क्या है आदि
- अब यहाँ इन सब का मतलब ये है कि आपको बस उन्ही चीजों के बारे में सोचना है, जो उस समय आपके सामने हो।
- दोस्तों ये ही बस एक ऐसा तरीका है, जिससे आप धीरे धीरे वर्तमान में जीना सीख़ जाओगे और मै आपसे आशा करता हु कि आप ये अच्छे तरीके से जान गए होंगे कि जीवन क्या है? (What Is Life ) और हम इसको कैसे जी सकते है? मतलब हम वर्तमान में कैसे जी सकते है?
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एक सफल जीवन का उद्देश्य क्या है ?
जीवन का उद्देश्य परोपकार से परिपूर्ण होना चाहिए। यह उद्देश्य पूरा करके ही कोई कह सकता है कि, वह सफल जीवन जीया है। सफल जीवन की कसौटी केवल धन और सम्पत्ति नहीं है, अपितु उद्देश्यपूर्वक जीवन है। यदि आपने अपना कोई उद्देश्य निर्धारित नहीं किया है तो जीवन निरर्थक है। उद्देश्य की पूर्ति के लिए जीवन देने वाले को असीम सुख मिलता है, वह भौतिक सम्पत्ति जुटा लेने में भी नहीं मिलता। जीवन का रहस्य भोग में नहीं, अनुभव के द्वारा शिक्षा प्राप्ति होती हैं, आदमी को चाहिए कि परोपकारी जीवन बिताए न कि पापी। परोपकार करने वाले इस दुनिया में भी खुश रहते हैं।
ऐसी सोच बदल देगी जीवन
अत्याचार की खिलाफत के लिए इंसान का जीवन प्राप्त हुआ है। जीवन पथ में एक बार उलटी राह चलकर फिर सीधे मार्ग पर आना कठिन है। बुरे धागों में बुने हुए दिनों के वस्त्र को हम जीवन का नाम दे सकते हैं। तुम जगत की आत्मा हो, तुम्हीं सूर्य, चन्द्र, तारा हो, तुम्ही सर्वत्र चमक रहे हो, समस्त जगत तुम्हीं हो, किससे घृणा करोगे और किससे झगड़ा करोगे अतएव जान लो कि, तुम वही हो और इसी रुचि में अपना जीवन ढालो। करुणामय हृदय ईश्वर का मन्दिर है। अपना जीवन गुलाब कि तरह बनाओ, जो सुगन्ध की भाषा में शान्तिपूर्वक वार्तालाप करता है। सदा अपने मन को हर्षमय एवं उल्लास-मय बनाएँ तो आप हजारों हानियों एवं परेशानियों से बच जाएँगे।
Results and Conclusions
As a result, I view life as a process that occurs within highly organized organic structures and is preprogrammed, interactive, adaptable, and evolutionary. Living things are the system in which life takes place, and life itself is the process. Additionally, I wonder if viruses can be considered living organisms. I am in favor of considering viruses to be living things based on my definition of life and, of course, what others have said about it. This conclusion is based on the fact that viruses possess all essential characteristics shared by all living things and have contributed to species evolution. Last but not least, I argue that the principles of life’s inexorability and the universality of physics mean that if life existed elsewhere in the universe, it would be very similar to what we know on Earth.
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