Friday, April 26, 2024
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विनम्र स्वभाव का महत्व जानिए क्या है? Importance of humility

विनम्र स्वभाव से स्वयं का परिचय – विनम्रता का क्या अर्थ है (Vinamrata ka kya arth hai), नम्र स्वभाव। मनुष्य का विनम्र स्वभाव उसे सबका प्रिय बना देता है। जिस प्रकार आभूषण सबको प्रिय लगते हैं उसी प्रकार व्यक्ति की विनम्रता सबको प्यारी लगती है,इसीलिए देखा जाता है कि विनम्र व्यवहार वाला व्यक्ति संसार में ऊंचाई पर पहुंच ही जाता है।जितने भी महान व्यक्तित्व इस संसार में हुए उनके जीवन चरित्र में, उनको प्रभावशाली बनाने में, विनम्रता ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।विनम्रता मानव का प्रथम गुण है।यह हमे उदार होना सिखाती है।

वास्तव में यदि व्यक्ति कितना बड़ा अथवा छोटा है । समाज अथवा प्रशासनिक क्षेत्र में उसका कितना बड़ा ओहदा  है । यह व्यक्ति की भाषा शैली ही बयान कर देती है । सिर्फ समझने की जरुरत है । हमारी बोली भाषा अथवा हमारे संस्कार हमारा आकार कैसे बता देते है ? इस के सम्बंध में एक पौराणिक दन्त कथा है । जो विनम्र स्वभाव पर प्रकाश डालती है ।

विनम्र स्वभाव का महत्व Overview

Name Of Article विनम्र स्वभाव का महत्व
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विनम्र स्वभाव

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राजा द्वारा हिरण का पीछा करना

एक बार एक राजा शिकार करने के लिए जंगल में गये । उसके साथ उसका द्वारपाल व राजा का सेनापति भी साथ थे । राजा ने एक हिरण का पीछा किया । हिरण जंगल में  ओझल हो गया । राजा ने  सर्वप्रथम द्वारपाल को भेजा, हिरण नहीं मिला, फिर राजा ने सेनापति को भेजा तब भी हिरण नहीं मिला । फिर राजा स्वयं अकेला ही हिरण को ढूंढने चल दिया । उसे (राजा को ) जंगल में  एक अंधा आदमी समाधिस्थ अवस्था में बैठा हुआ मिला ।

राजा और नेत्रहीन तपस्वी के बीच का वार्तालाप

राजा ने उससे हिरण के बारे में पूछा तब उसने कहाँ महाराज  हिरण घायल अवस्था में इधर से गया है । आपका द्वारपाल तथा कुछ समय पश्चात आपका सेनापति भी उसे ढूंढने इधर से गए है । संभवतया ईश्वर ने चाहा होगा इसलिए वह हिरण उन्हें दिखाई नहीं दिया । और आप दया का परिचय देकर कृपया हिरण को अभय  दान देने की कृपा करे ।

तब राजा ने कहा ,ठीक है । मैं हमेशा के लिए जीव हिंसा छोड़ दूँगा । लेकिन आप यह बताइए ,जब आप अंधे है तो आपको मेरे द्वारपाल तथा उसके बाद सेनापति का कैसे पता चला ? तथा स्वयं मेरे राजा होने का कैसे पता चला ?

विनम्रता से ही पद परिचय

तब उस अंधे तपस्वी जी ने कहा ,”महाराज आप तीनों की भाषा शैली की वजह से पता चला ।”अर्थात

first द्वारपाल ने आते ही कहा ‘हे अंधे मूर्ख प्राणी इधर से हिरण को जाते हुए देखा क्या ?’तब उसने अपनी मानसिकता का तथा अपनी भाषा शैली से अपने आपका परिचय दिया । मैंने सोचा यह प्रशासनिक छोटे ओहदे पर है । इसलिए छोटे एवं भावविहीन शब्दों का प्रयोग कर रहा है । संभवतया यह द्वारपाल है ।

second  दूसरे व्यक्ति ने कहा ‘ओ अंधे (सूरदास ) इधर से हिरण गया है क्या ?’जल्दी बता । तब मैंने जान लिया यह छोटे शब्दों के साथ जल्दी बता नहीं तो —— मतलब पावरफुल ओहेदे पर भी है । अर्थात सेनापति ही होगा ।

third फिर आपने मुझे श्रीमान अथवा सज्जन पुरुष नाम से सम्बोधित किया तब मैंने जान लिया यह सम्पूर्ण रूप से संस्कारित व्यक्ति है इसलिए राजा ही होगा।और आपकी भाषा शैली , विनम्र स्वभाव एवं सुसंस्क्र्त शब्दावली भी आपके ओहदे का परिचय दे रहे है । तब राजा ने उसे (संत पुरुष को) प्रणाम करके तथा जीवहिंसा का सदा के लिए त्याग करके चल दिया ।

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विनम्र स्वभाव

विनम्र स्वभाव अथवा विचार ही बड़े बनाते है ।

यह तो एक उदाहरण था । वैसे आदमी कितना बड़ा पदाधिकारी है अथवा भविष्य में बन सकता है । यह उसका विनम्र स्वभाव उसके शब्द चयन प्रक्रिया  से पता चलता है । उसका घमंडी अथवा विनम्र स्वभाव बहुत अधिक सीमा तक (  उसके पद का ) परिचय करा देता है ।कहावत भी है ।” व्यक्ति को मुहँ खोलने दो तभी तो पता चलेगा कि विचार रूपी गोदाम में सोना भरा है या कोयला भरा है ।

अतः हमें संस्कार यद्धपि घर -परिवार या माता -पिता परिजनों से मिलते है । तथापि हमारी संगत द्वारा भी इन पर बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ता है । इसलिए जीवन पथ पर हर चीज की भाति शब्द चयन और संगत चयन पर भी सदा ध्यान देते रहना चाहिए । क्योंकि विचारों में चाहे उत्तम हो अथवा अधम । उनमे सुधार किया जा सकता है ।  जैसे

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विनम्र स्वभाव

विनम्र स्वभाव एवं अच्छे विचार कैसे increase करे

first अच्छी पुस्तके पढ़कर सुधार किया जा सकता है ।

second अच्छी संगत अपनाकर सुधार किया जा सकता है ।

third माता -पिता की आज्ञा पालन कर सुधार किया जा सकता है

fourth गुरुजनों का अनुशरण करके या उनकी आज्ञा पालन करके  सुधार किया जा सकता है ।

 

विनम्र स्वभाव

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success rules सफलता आन्तरिक नियमो से मिलती है ।

अतः” give respect and take respect ” अथवा हमारे दिमाग रूपी गौदाम में जो विचार रूपी सामान है ,वही हम दूसरो को दे पाते  है ।”इसलिए उत्तम विचार ,विनम्र भाषा शैली द्वारा हम अपना सामाजिक दायरा बढ़ा सकते है ।अतः चारित्रिक निर्माण के साथ विनम्र भाषा शैली अपनाकर social reputation में सदा इजाफा करते रहना चाहिए । आज लोकतांत्रिक शासन प्रणाली में हम सभी विचारो से स्वयं ही राजा, सेनापति, द्वारपाल एवं प्रजा है । इसलिए अपने विचारो को उत्तम एवं विनम्र बनाए रखना चाहिए । या इन्हें सदा follow करना चाहिए ।।

विनम्र स्वभाव

”विद्या ददाति विनयम् ।”

”फल लगे हुए वृक्ष अक्सर झुके होते है ।”

”गुणवान व्यक्ति अक्सर विनम्र होते है ।”

विनम्रता कैसे मिलती है?

यह विनम्रता हमें शिक्षित होने से प्राप्त होती है। जीवन में जो लगातार सीखने का जुनून रखते हैं,वे जीवन में मस्तिष्क के विकास और ज्ञान के भंडार की वजह से विनम्र होते जाते हैं। इस ज्ञान की वजह से उन्हें इस जीवन की सभी गतिविधियों का पता रहता है,जिससे उनका मन मस्तिष्क शांति से किसी भी परिस्थिति के उत्पन्न होने पर उसे ध्यान से देखता है,उसका चिंतन मनन करता है,जिससे वह किसी भी हालात में उग्र नहीं होता और शांति से आगे बढ़ पाता है।

 

विनम्रता का महत्व क्या है ?

सफल जीवन के लिए हमारे स्वभाव का विनम्र होना बहुत ही मायने रखता है।स्वभाव के विनम्र होने से हम किसी भी परिस्थिति में अपनी विनम्रता के बल की वजह से किसी भी मानव से कोई भी काम करवा लेते हैं, जिसकी वजह से हमारे जीवन की प्रगति की रफ्तार बनी रहती है,और हम आगे बढ़ते रहते हैं। हर मनुष्य को विनम्र व्यक्ति ही पसंद आता है, और इस वजह से हर व्यक्ति उसका साथ देने के लिए तैयार हो जाते हैं। हम किसी के भी अंतर्मन को भी अपनी विनम्रता से ही छु पाते हैं।किसी का भी दिल जीत कर उसके दिल पर छा जाते हैं।

बड़ी सफलता

मनुष्य की विनम्रता उसकी बड़ी सफलता का कारण बनती है,जो उसे उस ऊंचाई के उस मुकाम पर पहुंचा देती है,जहां जाने कि वह उम्मीद भी नहीं करता।

 

विनम्रता का कवच

इंसान जब विनम्र होता है,तो उसे इस बात का पता होता है,कि यह संसार कुछ नियमों के आधार पर चलता है,और जीवन में सभी स्थितियां आती और जाती रहती है।सुख-दुख मान,सम्मान,लाभ-हानि जीवन में एक सिक्के के दो छोर की तरह होते हैं,और सबसे कमाल की बात,उन्हें इस बात का एहसास होता है, सिर्फ कर्म करना उनके हाथ में हैं,और परिणाम प्रकृति और उन अदृश्य शक्तियों के हाथ में है,जो हमें हमारे कार्यों के अनुकूल निश्चित परिणाम देती हैं,और इस ज्ञान की वजह से वे हर हाल विनम्रता के आभूषण को धारण कर प्रसन्नता और उत्साह के साथ समाधान पर काम करते हैं।सदैव खुश रहते हैं,और सबके प्रिय होते हैं।

कैसे हम विनम्र बने

विनम्र व्यक्ति ही जीवन में उपलब्धियों को प्राप्त करता है। विनम्र व्यक्ति सबको आदर सम्मान देने वाले,सब की बातों को ध्यान से सुन कर जवाब देने वाले होते हैं। विनम्र व्यक्ति सोच समझकर बोलते हैं।

विनम्रता के लिए हम सात्विक भोजन ग्रहण करें,सदैव सकारात्मक विचारों से अपनी आत्मा को तृप्त रखें। अपने संग का ध्यान रखें।सोच समझ कर सोचें।

 

विनम्रता पर सुविचार

  • आप अपनी विनम्रता से दुनिया को हिला सकते हो |
  • जो मनुष्य विनम्रता से जितना झुकता है,वो उतना ही उपर ही उपर उठता है।
  • हम विनम्र होकर ही अपने रिश्तो को संभाल पाते हैं |
  • विनम्रता से ही जीवन में पात्रता आती है |
  • महानता और पात्रता के हम सबसे करीब तब होते हैं,जब हम विनम्रता में अग्रगण्य होते हैं |

नम्रता व्यक्ति को कैसे महान बनाती है |

विनम्रता व्यक्ति की बुद्धिमता का उदाहरण है गुन है,जो यह दर्शाता है व्यक्ति कितना अनुशासित है।विनम्रता समाज, संस्कृति तथा जिनके संग हमारा जीवन व्यतीत होता है,उनके संग के प्रभाव से आती है।

नम्र व्यक्ति के सामने क्रोधी व्यक्ति अपना क्रोध भूल जाता है। विनम्रता ही हमारी श्रेष्ठता की पहचान है,क्योंकि हम कितने ही ऊंचे पद पर क्यों न पहुंच जाए अगर हम विनम्र नहीं हैं तो हम वह आनंद नहीं ले सकते। हमारी विनम्रता का गुण हमारे रोजमर्रा के जीवन को खुशहाल बनाता है। हमारी विनम्रता तभी उभरती है जब हम अहंकार मुक्त होते है। हमारा व्यक्तित्व और हमारी विनम्रता ही हमारे जीवन को सुखी करती है, जीवन में खुशियां ही खुशियां उपहार स्वरूप लेकर आती है।

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                 Importance of humility

 

Humble nature

Exactly how big or small a person is. How big is his position in the society or administrative sector. This is our language style. Only need to understand. How our dialect language or our rites tell our shape. A mythological legend is related to this.

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Chasing deer by the king

Once a king went to the forest to hunt. So He was accompanied by his gatekeeper and the king’s commander. The king chased a deer. The deer disappeared in the forest. The king first sent the gatekeeper, no deer was found, then the king sent the general, even then the deer was not found. Then the king himself went to find the deer alone. He (the king) found a blind man sitting in a trance state in the forest.

Conversation between the king and the blind ascetic

the king asked him about the deer, then where did the deer Maharaj go from here in an injured state. Your gatekeeper and after some time your general has also gone here to find him. God may have wanted it, so the deer was not visible to him. And please show kindness to the deer and please bless me.

Then the king said, “Okay. I will leave the violence alive forever. But tell me, when you are blind, how did you come to know my gatekeeper and then the commander. And how did I know to be my king myself.”

Humble introductions

Then the blind ascetic said, “Maharaj came to know because of the language style of the three of you.” it means

Because The first gatekeeper came and said, “O blind fool! So Did you see the deer going away from here?” Then he introduced himself to his mindset and his language style. I thought it was a small administrative position. So, small and emotionless words. Is using. Probably it is the gatekeeper.

second Another person said, “O blind (Surdas), has the deer gone from here?” Quick tell. Then I knew that if you tell it quickly with small words, it means —— also on the powerful position. That means the commander will be the same.

Third, then you addressed me by the name of ‘Sriman’ or ‘gentleman’, then I knew that this person is a fully cremated person, that is why the king will be there. Then the king paid obeisance to him (saintly man) and left him alive forever.

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So Thoughts make big

This was an example. By the way, how big a man is an officer or can become in the future. Because This introduces him to a much greater extent by his word selection process or polite and arrogant nature. There is also a saying. “Let the person open his mouth only if the gold in the warehouse of thought is full of coal is full.” Therefore, we meet with family members or family members, even if the rites are there. However, we also have a lot of influence on our company. Therefore, we should always pay attention to word selection and relevant selection of everything on the path of life. Because whether the thoughts are good or inadequate, they can be improved. like

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So How to increase polite and good thoughts

So First, it can be improved by reading good books.

The second can be improved by adopting a good company.

The third parent can be improved by obeying

Improvement can be done by following the fourth gurus or by obeying them.

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So, “give respect and take respect” or the thought-like stuff in our mind’s mind, we are able to give it to others. “Therefore, we can increase our social circle by the best thought, polite language style. So character Along with construction, you should always increase social reputation by adopting a polite language style. Today in the democratic system of governance, we all have the king, the commander, the gatekeeper, and the subjects themselves. Therefore, you should keep your thoughts good and humble. Or they should always follow ।।

“Vidya Dadati Vinayam”.

“Trees bearing fruit are often bent.”

“Good people are often humble

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11 COMMENTS

  1. आप जियो हजारो साल , विनम्रता श्रेष्ठ गुण है very very nice G

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