distress यानि संकट में भी अवसर निकालना । जानिए कैसे ?

distress यानि संकट का समय हो या अच्छा समय best decision- वैसे तो हमारे प्यारे देश भारत का इतिहास महान पुरुषों से भरा हुआ है। लेकिन उन में कुछ ऐसे महान आत्माओं ने अपना कुछ अलग हटकर भी प्रभाव छोड़ा है। कालान्तर हो या वर्तमान, हमेशा समय, परिस्थतिया , distress यानि संकट हो या सुअवसर हमेशा आते रहे है। और भविष्य में भी आते रहेंगे।

लेकिन हर समय (distress यानि संकट का समय हो या अच्छा समय ) पर सही निर्णय कुछ इन्सान ही ले पाते है। और इतिहास या मानव समाज को अपना अमूल्य योगदान देते है। या यू कहे ”कुछ ऐसे महान व्यक्ति होते है। जो संकट के समय या गलत वक्त में भी अच्छा और उचित निर्णय लेकर पूरे समाज की भलाई में अपना अमूल्य योगदान देते है।” महान पुरुष अपने मन, वचन और कर्म से सदा लोगो का अच्छा मार्ग प्रशस्त करते रहे है। जैसे ……..

महापुरुषों का योगदान

महाभारत काल में योगेश्वर  भगवान श्री कृष्ण जी द्वारा जीवन के हर क्षेत्र में मानव समाज के लिए  बहुत बड़ा योगदान रहा है। उनके द्वारा भगवत गीता का उपदेश आज तक मानव मात्र का मार्ग प्रशस्त कर रहा है। और करता रहेगा। उनके द्वारा ”कर्म”(निष्काम कर्म )  पर दिया गया उपदेश सदा लोगो के लिए प्रेरणादायक रहता है। और मार्ग प्रसस्त करता है। इसी प्रकार आज की परिस्थतियो में भी कई लोगो ने अपने महान चारित्रीक किरदार की छाप छोड़ी है। चूकि…….

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कोरोना महामारी का distress यानि संकट

आज  इस  ”कोरोना महामारी ” ने समय को अति संकटमय बना दिया है। समस्त मानव जीवन अस्त-व्यस्त करके रख दिया है। विश्व में त्राहिमाम की स्थिति पैदा कर दी है। ऐसे संकट के समय में भी महान आत्माओ ने अपने मानव जीवन को अपने कर्म और प्रेरणा से कफी प्रभावित किया है। और आधिकतर लोगो के लिए प्रेरणादायक व्यक्तित्व बन गया। अपने इस उत्तम कर्म में कुछ लोगो ने तो अपने प्राण तक भी गवा दिये। हम उन्हें आदर पूर्वक प्रणाम अथवा नमन करते है।

distress अथवा कोरोना महामारी का प्रभाव एवं बचाव

distress अथवा आज वर्तमान समय में प्रत्येक देश जहाँ संकट से जूझ रहा है। साथ में भय का माहौल भी बना हुआ है। क्योंकि आज ये कोरोना एक ऐसी महामारी है ,जिसने हर व्यक्ति को घर में क़ैद कर के रख दिया है। तथा मानसिक भावनाओं को आहत कर दिया है। इसने धुआछूत जैसी कुप्रथा को मानो जीवित कर दिया है। लेकिन हम सब सभ्य समाज के वासी है। इसलिए यह बीमारी हमारे उच्च आदर्शो को कभी नहीं मिटा सकती। हाँ आज ज़रुरी अथवा अनिवार्य है ,कि हम ”घर में रहे, सुरक्षित रहे।” और आशा करते है भविष्य हम सबका सुखद रहेगा। हमारा इरादा नेक है। और मानसिक रूप से हम मजबूत है।।

doctor एवं अन्य का सहयोग

आज भी विश्व में doctor और अन्य महान आत्मा अपना सर्वस्व न्योछावर कर विश्व कल्याण में लगे हुए है। और दृढ संकल्पित होकर ‘कोरोना ‘की वैक्सीन की खोज में लगे हुए है। हम आशा करते है, ‘जल्दी ही अपने लक्ष्य में कामयाब हों सकते है।

 सफ़लता में सलाह का योगदान

”जब तक ‘वैक्सीन” ईजाद’ नहीं होती है। तब तक सरकार द्वारा निर्देशित doctors की सलाह एवं stay home का पालन करना सर्वश्रेष्ठ है।”  साथ में संकट के समय भी हमारा या हम सबका मार्गदर्शन करने वाले ,doctors ,पुलिसकर्मी ,सामाजिक कार्यकर्त्ता तथा” नीवं की ईट” बनकर काम करने वाले कई संगठन भी मानव कल्याण का काम कर रहे है।

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न सबके अतिरिक्त हमारे prime minister माननीय नरेंद्र मोदीजी अपने हर काम से लोगो को या पूरे विश्व को प्रभावित किया है।

मोदी जी की मानव कल्याण की भावना एवं निर्णय

मोदी जी हमेशा चुनौतीपूर्ण समय में perfect decision लेते है। उनका देश-प्रेम युक्त decision सफल रहता है। उनका perfect निर्णय विरोधियो को भी विस्मय में डाल देता है।

आज इस ‘कोरोना महामारी’ के संकट युक्त समय में भी अपने संबोधन में देश को विश्व कल्याण और आत्मबल प्रदान किया। साथ ही ऐसे समय में भी  best करने  का सन्देश दिया है। उनके द्वारा समय समय पर कही गई प्रेरणादायक पंक्तिया है। जैसे

”मै देश नहीं मिटने दूंगा ।मै देश नहीं झुकने दूंगा ।।”

विश्व कल्याण का भाव ”मेरा युवा वैज्ञानिको से आग्रह है, विश्व कल्याण के लिए, मानव कल्याण के लिए ‘कोरोना की वैक्सीन बनाने का बेड़ा उठाये।” हम धैर्य बनाकर रखेंगे। नियमो का पालन करेंगे।।

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इस पथ पर चलोगे तो अवसर ही अवसर है, मानव संदेश

संकट में भी सकारात्मक सोच। ”कोरोना महामारी ”ने हमें यह शिक्षा दी है कि हम आत्मनिर्भर बने। नहीं तो भविष्य में ऐसे संकटो को झेल पाना मुश्किल होगा। अतः हमें आत्मनिर्भर बनना ही पड़ेगा।

इस प्रकार world leader की भूमिका एवं ”वसुधैव कुटुम्बकम” सिधांत का उदाहरण पेश किया है ।अतः हम सबको संकट के समय” मानव सेवा ”जैसे बेहतरीन विचार अपनाकर आत्मबल पूर्वक कोरोना को हराना है ।stay home का पालन करना है ।अच्छे अवसर सदा increase होते रहेंगे ।।

distress : निष्कर्ष –

अतः distress यानि संकट के समय भी धैर्य रखना चाहिए । साथ ही किसी ने कहा है, आजादी अच्छी चीज है । लेकिन कबूतर को आजाद करने के लिए दरवाजा अगर बिल्ली खोले तो समझदारी पिंजरे में रहने में ही है । क्योकि lockdown में जो जरुरी कार्यो के लिए जो छूट मिले उसमे भी जरुरी कार्यो को सोसल distancing का पालन करते हुए करे । और अधिकतर समय घर में ही रहे । ध्यान रहे market चालू होने का wait सिर्फ आप ही नहीं कर रहे हो , कोरोना वायरस भी कर रहा है । इसलिए संभलकर चले , सुरक्षित रहे और सोसल distancing का पालन करे । धैर्य बनाये रखे । और यही सोचे,  हमारा best समय आ रहा है ।

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